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मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांडः अब तक 16 मरीजों की निकाली गई आंख, IGIMS में 9 का इलाज जारी

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Published : Dec 3, 2021, 10:50 PM IST

Updated : Dec 3, 2021, 10:59 PM IST

मुजफ्फरपुर में सिविल सर्जन
मुजफ्फरपुर में सिविल सर्जन

मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड के अब तक 16 पीड़ितों के आंख निकाले गए हैं. मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. विनय शर्मा के अनुसार अब तक 25 पीड़ितों का पता चला था. जिसमें 16 की आंख निकाली गई और 9 लोगों को इलाज के लिए आईजीआईएमएस पटना ( IGIMS Patna ) भेज दिया गया है.

मुजफ्फरपुर: बिहार में मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड ( Muzaffarpur Cataract Case ) में नया खुलासा हुआ है. आंख निकाले गए मरीजों की संख्या अब 16 पहुंच गई है. जिले के आई हॉस्पिटल में बीते 22 नवंबर को हुए 65 लोगों की आंखों के ऑपरेशन में इंफेक्शन का दायरा लगातार बढ़ने लगा है. अब तक सरकारी आंकड़ों की मानें तो आई हॉस्पिटल में चार लोगों की और एसकेएमसीएच में 12 लोगों की आंख निकाली गई है. कुल मिलाकर अब तक 16 लोगों की संक्रमण के बाद आंखें निकाली गयी है.

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वहीं 9 पीड़ितों को विभाग के निर्देश पर शुक्रवार सुबह मुजफ्फरपुर से आईजीआईएमएस ( IGIMS ) पटना भेज दिया गया था. जहां सभी संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है. पूरे मामले पर पूछे जाने पर सीएस डॉ. विनय शर्मा ने बताया कि, 'एसकेएमसीएच में 12 एवं आई हॉस्पिटल में 4 लोगों का ऑपरेशन कर आंख निकाली गई है. संक्रमण के बाद कुल मिलाकर 16 लोगों की आंख निकाली गई है. 65 लोगों में से अब तक 25 लोगों का पता चल चुका है, जिनमें से 9 लोगों को आईजीआईएमएस बेहतर इलाज के लिए भेजा गया है.'

मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद केस के 16 पीड़ितों के आंख निकाले गए

आपको बताते चलें कि 65 लोगों में से बिहार के विभिन्न जिलों के साथ-साथ एक मरीज यूपी के कुशीनगर के भी हैं. सीएस की मानें तो संबंधित सभी जिले के सीएस को पत्र के माध्यम से सभी मरीजों का नाम पता और मोबाइल नंबर के साथ डिटेल भेजा जा रहा है. यह कहा जा रहा है कि इन सभी का आई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था. कई मरीजों की संक्रमण के कारण आंख निकाली गयी है. कई मरीज संक्रमित भी हैं. इन सभी के बारे में डिटेल पता कर जिनको परेशानी है, उन्हें बेहतर इलाज के लिए आईजीआईएमएस पटना भेज दिया जाएगा.

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बता दें कि मुजफ्फरपुर में हुए कांड के बाद सरकार ने निर्देश दिया था कि आईजीआईएमएस में पीड़ितों के आंखों का इलाज हो रहा है. इसके तहत आज 9 मरीज को मुजफ्फरपुर से बस से लाया गया है. यहां हॉस्पिटल में विशेष व्यवस्था कर आज से उनका इलाज भी शुरू किया जा रहा है. इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत भी निरीक्षण करने पहुंचे थे.

वहीं, इस मुद्दे पर जमकर सियासत भी हो रही है. विपक्ष ने नीतीश सरकार से उन डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग की है. जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने पूरी घटना की निंदा की और सरकार पर निशाना है. वहीं पप्पू यादव आज (Pappu Yadav Visit Muzaffarpur) मुजफ्फरपुर का दौरा कर पीड़ित परिवार के परिजनों से आज मुलाकात करेंगे.

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मुजफ्फरपुर जिले के जोरन छपरा स्थित (Cataract Operation Camp in Muzaffarpur) आई हॉस्पिटल में बीते 22 नवंबर को हुए एक साथ 65 लोगों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद सभी लोगों की आंखों में अचानक संक्रमण होने लगा और एक-एक कर अब तक 15 लोगों की आंखें हमेशा के लिए निकाली जा चुकी है. वहीं, अभी करीब एक दर्जन लोग जिन्हें आंखों में संक्रमण है वे अभी एसकेएमसीएच में भर्ती कराए गए हैं. प्रशासन की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अब तक 16 लोगों की ऑपरेशन कर आंख निकाली गयी है, जिसमें चार मरीजों की आंख आई हॉस्पिटल के द्वारा निकाला गया था. वहीं, 11 मरीजों का आंख एसकेएमसीएच में निकाला गया है.

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सभी ऑपरेशन कराने वाले बिहार के विभिन्न जिले के साथ यूपी के रहनेवाले थे. जिसमें मुजफ्फरपुर के 26, पूर्वी चंपारण-16, पश्चिमी चंपारण-07, वैशाली-07, शिवहर-02 समस्तीपुर-05, खगड़िया-01 और यूपी के कुशीनगर एक मरीज ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया था. इस पूरे प्रकरण के बाद पटना से स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉक्टर हरीश चंद्र ओझा के नेतृत्व में जांच टीम भेजी गई जो आई हॉस्पिटल का भी जांच पड़ताल की. वहीं, एसकेएमसीएच में भर्ती 21 मरीजों और उनके परिजनों से भी बातचीत की.

बता दें कि मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड (Muzaffarpur Cataract Case) में सीएस के बयान पर ब्रह्मपुरा थाने में आई हॉस्पिटल प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज (Case filed against Muzaffarpur eye hospital) किया गया है. आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन होने के बाद संक्रमण के चलते 15 लोगों ने हमेशा के लिए अपनी आंखें गंवा दी थी. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन पर बड़ी लापरवाही बरतने का आरोप लगा है.

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Last Updated :Dec 3, 2021, 10:59 PM IST
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