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गया: चैती छठ का खाना बनाते समय गैस सिलेंडर हुआ ब्लास्ट, बाल-बाल बचे व्रती

गया में गैस सिलेंडर में आग लग गई. घर के लोगों के बाहर निकलते ही सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया. जिससे बाल बाल घर के लोगों की जान बच गई. चैती छठ (Chaiti Chhath Puja 2022) के नहाए खाए का खाना बनाने के दौरान ये हादसा हुआ. घर में आग लगने से काफी क्षति भी हुई है.

खाना बनाते समय गैस सिलेंडर हुआ ब्लास्ट
खाना बनाते समय गैस सिलेंडर हुआ ब्लास्ट
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Published : Apr 5, 2022, 9:49 PM IST

गया: बिहार के गया में गैस सिलेंडर ब्लास्ट (Gas Cylinder Blast in Gaya) हो गया. लेकिन गनीमत ये रही की समय रहते लोग घर से बाहर निकले गए. जिससे कोई घायल नहीं हुआ. एक घर में चैती छठ पर्व पर नहाए खाए को लेकर तैयारियां चल रही थी. घर की महिलाएं पर्व का खाना बना रही थी. खाना बनाने के दौरान गैस सिलेंडर में अचानक आग लग गई. आग लगने के बाद घर के सदस्य बाहर भाग गए. जैसे ही सभी लोग घर के बाहर भागे, उसी दौरान घर में सिलेंडर ब्लास्ट हो गया. ब्लास्ट में घर के सभी लोग बाल-बाल बच गए.

ये भी पढ़ें- VIDEO: बगहा में धू-धू कर धधक उठे 25 घर, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से बेकाबू हुई आग, देखें तबाही का मंजर

घर में गैस सिलेंडर में हुआ ब्लास्ट: आग लगने के बाद घर में भी काफी नुकसान हुआ है. सूचना के बाद फायर बिग्रेड की टीम घटना स्थल पर पहुंची. जिसके बाद आग पर काबू पाया गया. पीड़ित ने बताया कि नहाए खाए को लेकर घर में तैयारी चल रही थी, खाना बनाया जा रहा था. तभी अचानक गैस सिलेंडर में आग लग गई. आग लगने के बाद आग को काफी बुझाने का प्रयास किया गया. जब आग तेजी से फैलने लगी तो हम घर के लोग बाहर भाग गए. जैसे ही सभी लोग घर के बाहर गए, तभी सिलेंडर में लगी आग से ब्लास्ट हो गया.

चार दिनों तक चलने वाले चैती छठ व्रत (Chaiti Chhath Puja In Bihar) की शुरूआत नहाय खाय (Nahay Khay) के साथ हो रही है. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान करके नए कपड़े पहनकर पूजा करती हैं. छठव्रतियों को नए कपड़े की आवश्यकता होती है. पीले और लाल रंग के कपड़ों की विशेष महत्ता होती है. हालांकि दूसरे रंग के कपड़े भी पहने जा सकते हैं. स्नान के बाद ही छठव्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करती हैं.

सात्विक भोजन ग्रहण करना ही नहाय-खाय : व्रत रखने वाली महिलाओं के प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्य भोजन करते हैं. इस दिन व्रत से पूर्व नहाने के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करना ही नहाय-खाय कहलाता है. मुख्यतौर पर इस दिन छठ व्रती लौकी की सब्जी और चने की दाल ग्रहण करते हैं. इन सब्जियों को पूरी पवित्रता के साथ धोया जाता है. खाना पकाने के दौरान साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है. खाना पकाने के दौरान भी छठव्रती छठी मईया की गीतों से आराधना करती नजर आती हैं.

ये भी पढ़ें- पटना में गैस सिलेंडर ब्लास्ट होने से लगी आग, कई झोपड़ियां जलकर राख

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गया: बिहार के गया में गैस सिलेंडर ब्लास्ट (Gas Cylinder Blast in Gaya) हो गया. लेकिन गनीमत ये रही की समय रहते लोग घर से बाहर निकले गए. जिससे कोई घायल नहीं हुआ. एक घर में चैती छठ पर्व पर नहाए खाए को लेकर तैयारियां चल रही थी. घर की महिलाएं पर्व का खाना बना रही थी. खाना बनाने के दौरान गैस सिलेंडर में अचानक आग लग गई. आग लगने के बाद घर के सदस्य बाहर भाग गए. जैसे ही सभी लोग घर के बाहर भागे, उसी दौरान घर में सिलेंडर ब्लास्ट हो गया. ब्लास्ट में घर के सभी लोग बाल-बाल बच गए.

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घर में गैस सिलेंडर में हुआ ब्लास्ट: आग लगने के बाद घर में भी काफी नुकसान हुआ है. सूचना के बाद फायर बिग्रेड की टीम घटना स्थल पर पहुंची. जिसके बाद आग पर काबू पाया गया. पीड़ित ने बताया कि नहाए खाए को लेकर घर में तैयारी चल रही थी, खाना बनाया जा रहा था. तभी अचानक गैस सिलेंडर में आग लग गई. आग लगने के बाद आग को काफी बुझाने का प्रयास किया गया. जब आग तेजी से फैलने लगी तो हम घर के लोग बाहर भाग गए. जैसे ही सभी लोग घर के बाहर गए, तभी सिलेंडर में लगी आग से ब्लास्ट हो गया.

चार दिनों तक चलने वाले चैती छठ व्रत (Chaiti Chhath Puja In Bihar) की शुरूआत नहाय खाय (Nahay Khay) के साथ हो रही है. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान करके नए कपड़े पहनकर पूजा करती हैं. छठव्रतियों को नए कपड़े की आवश्यकता होती है. पीले और लाल रंग के कपड़ों की विशेष महत्ता होती है. हालांकि दूसरे रंग के कपड़े भी पहने जा सकते हैं. स्नान के बाद ही छठव्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करती हैं.

सात्विक भोजन ग्रहण करना ही नहाय-खाय : व्रत रखने वाली महिलाओं के प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्य भोजन करते हैं. इस दिन व्रत से पूर्व नहाने के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करना ही नहाय-खाय कहलाता है. मुख्यतौर पर इस दिन छठ व्रती लौकी की सब्जी और चने की दाल ग्रहण करते हैं. इन सब्जियों को पूरी पवित्रता के साथ धोया जाता है. खाना पकाने के दौरान साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है. खाना पकाने के दौरान भी छठव्रती छठी मईया की गीतों से आराधना करती नजर आती हैं.

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