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सुपौल में भी चमकी बुखार का असर, चपेट में आए कई मासूम

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Published : Jun 22, 2019, 1:33 PM IST

परिजनों ने बताया कि उसके बाद बच्ची को गांव के ही एक निजी चिकित्सक को दिखाया गया. उन्होंने त्रिवेणीगंज रेफरल अस्पताल जाने की सलाह दी. जिसके बाद उसे रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया.

चमकी की चपेट में एक और मासूम

सुपौल: मुजफ्फरपुर के बाद अब चमकी ने सुपौल में भी पांव पसारना शुरू कर दिया है. पिछले दिनों में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. प्राथमिक इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए सभी बच्चों को डीएमसीएच दरभंगा रेफर कर दिया गया.

चमकी की चपेट में एक और मासूम
जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल क्षेत्र के रायश्री निवासी अनिता देवी की चार वर्षीय पोती को एकाएक तेज बुखार आया. उसके बाद पूरा शरीर चमकने लगा. परिजनों ने बताया कि उसके बाद बच्ची को गांव के ही एक निजी चिकित्सक को दिखाया गया. उन्होंने त्रिवेणीगंज रेफरल अस्पताल जाने की सलाह दी. जिसके बाद उसे रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बिना इलाज के ही उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया.

चमकी की चपेट में एक और मासूम

मूक दर्शक बने स्वास्थ्य कर्मी
बच्ची का सदर अस्पताल में प्राथमिक इलाज किया गया. डॉक्टर गोपाल कुमार झा ने बताया कि वह शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं हैं. पीड़ित बच्ची को जरूरी दवा दे दी गई है. उसे रेफर कर दिया गया है. हालांकि परिजन बच्ची को गोद में लेकर अस्पताल के गेट पर बैठे रहे. बेड उपलब्ध कराने के संबंध में जब डॉक्टर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सिस्टर ने उन्हें अभी तक स्लीप नहीं दिया है. स्लीप मिलने के बाद ही बच्ची को वार्ड में शिफ्ट किया जा सकेगा.

Intro:सुपौल: मुजफ्फरपुर के बाद चमकी बुखार सुपौल में भी पांव पसारना शुरू कर दिया है. पिछले दिन में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन इस बुखार का जिले के सबसे बडे अस्पताल में इलाज नहीं रहने के कारण तीनों पीड़ित बच्चों को प्राथमिक इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच दरभंगा रेफर कर दिया गया.


Body:जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल क्षेत्र के रायश्री निवासी अनिता देवी के चार वर्षीया पोती को एकाएक तेज बुखार आया और उसका पूरा शरीर चमकने लगा. परिजनों ने बताया कि इसके बाद गांव के ही बगल के एक छोटे से बाजार में बच्ची को निजी चिकित्सक से दिखाया. जिन्होंने उसे त्रिवेणीगंज रेफरल अस्पताल जाने की सलाह दी. इसके बाद उसे रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों ने बिना इलाज के ही उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया.


Conclusion:चमकी बुखार से पीड़ित बच्ची का सदर अस्पताल में प्राथमिक इलाज किया गया. ऑन डयूटी डॉक्टर गोपाल कुमार झा ने बताया कि वह शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं हैं. पीड़ित बच्ची को जरूरी दवा दी गई है. उसे रेफर कर दिया गया है. लेकिन बच्ची को परिजन गोद मे लेकर अस्पताल के गेट पर बैठे रहे. बेड उपलब्ध नहीं करने के सवाल पर डॉक्टर ने सिस्टर के नहीं होने का हवाला देते चुप्पी साध लिए.

बाईट- बच्ची की दादी
बाईट- बच्ची का चाचा
बाईट- डॉक्टर गोपाल कुमार झा
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