संसद में केंद्र सरकार का दावा, बेरोजगारी दर में आई गिरावट

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Published : Feb 11, 2022, 11:51 AM IST

Updated : Feb 11, 2022, 1:34 PM IST

sitharaman

संसद में बजट सत्र के 10वें दिन राज्य सभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (fm sitharaman) ने आम बजट 2022 पर चर्चा का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भारत में बेरोजगारी दर में गिरावट दर्ज की गई है. बता दें कि संसद के बजट सत्र (parliament budget session) के पहले चरण का आज अंतिम दिन है.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने संसद में कहा है कि भारत में बेरोजगारी दर (unemployment in india) में गिरावट आई है. आम बजट 2022 पर चर्चा के जवाब के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि जनवरी, 2022 से मार्च, 2022 के बीच बेरोजगारी घटी है. कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह भारतीय कृषि को बेहतर और आधुनिक बनाने में कारगर साबित होगा.

बेरोजगारी घट रही है
राज्य सभा में आम बजट 2022 पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे के आधार पर जनवरी से मार्च, 2022 की तिमाही में बेरोजगारी दर में गिरावट दर्ज की गई है. उन्होंने स्वीकार किया कि कोरोना महामारी के प्रभाव के कारण बेरोजगारी की दर बढ़ी थी.

अपने जवाब के दौरान वित्त मंत्री ने महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी (MGNREGA) से जुड़ी जानकारियां भी दीं. उन्होंने कहा, यूपीए के कार्यकाल में मनरेगा के तहत कई फर्जी खातों का पर्दाफाश हुआ. ऐसे लोगों को आर्थिक लाभ मिले, जिनका जन्म ही नहीं हुआ. मनरेगा मांग आधारित कार्यक्रम है. 2020-21 में मनरेगा के लिए 1.11 लाख करोड़ दिए गए. जब भी मांग की गई है, केंद्र सरकार मनरेगा के लिए पैसे निर्गत करती है.

वित्त मंत्री सीतारमण ने राज्य सभा में कहा, कोविड-19 महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार में सबसे ज्यादा कमी आई है. राज्य सभा में बजट पर हुई चर्चा के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, बजट निरंतरता के लिए है, इससे अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी. उन्होंने कहा, बजट 2022-23 का मकसद अर्थव्यवस्था को स्थिर और स्थायी प्रोत्साहन देना है.

उन्होंने कहा, कोविड महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार में सबसे ज्यादा कमी आई. वित्त मंत्री ने कहा, कोविड महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को 9.57 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ जबकि 2008-09 की वैश्विक मंदी में 2.12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे बताया कि, राजस्व खर्च की तुलना में पूंजीगत व्यय से कई गुना फायदा होता है, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए लोक पूंजीगत व्यय को चुना गया. आर्थिक समीक्षा व बजट में जीडीपी के अलग-अलग आंकड़े चिंता की बात नहीं; आंकड़ों के स्रोतों के भिन्न होने के कारण यह अंतर है.

वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा संकुचन हुआ. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को महामारी के कारण 9.57 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ जबकि 2008-09 में वैश्विक मंदी के समय 2.12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. उन्होंने कहा कि राजस्व व्यय की तुलना में पूंजीगत व्यय कई गुना अधिक लाभ देता है और इसलिए सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में वृद्धि करने पर जोर दिया है.

सीतारमण ने कहा कि सरकार स्टार्टअप को भी बढ़ावा दे रही है जिसके फलस्वरूप महामारी के दौरान कई 'यूनिकॉर्न' की स्थापना हुई. उन्होंने कहा कि इस बजट में भारत की आजादी के 100 वर्ष पूरे होने को लेकर एक दूरदृष्टि है और इसके मद्देनजर सरकार का ध्यान विकास पर केंद्रित है. वित्त मंत्री ने कहा कि आने वाले 25 साल भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.

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उन्होंने कहा, 'भारत अपनी आजादी की 100वीं वर्षगांठ में कहां होगा, यदि इसके बारे में एक दूरदृष्टि नहीं होगी तो हमें उसका खामियाजा ठीक उसी तरह भुगतना होगा, जैसा हमने पहले 70 सालों में उठाया...और इनमें से 65 साल कांग्रेस ने शासन किया...उस कांग्रेस ने, जिसके पास कोई दूरदृष्टि नहीं थी सिवाय एक परिवार को फायदा पहुंचाने के.'

(इनपुट-पीटीआई-भाषा)

Last Updated :Feb 11, 2022, 1:34 PM IST
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