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23 दागी मंत्रियों ने सीएम नीतीश की बढ़ाई मुश्किल.. हत्या से लेकर अपहरण तक के मामलों में चल रहा केस

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Published : Aug 18, 2022, 1:03 PM IST

दागी मंत्रियों ने बढ़ाई नीतीश की परेशानी
दागी मंत्रियों ने बढ़ाई नीतीश की परेशानी

16 अगस्त को नीतीश कैबिनेट का विस्तार किया गया. कुल 31 विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ ली. नई महागठबंधन सरकार में कुल 7 दल हिस्सा हैं लेकिन सीएम नीतीश के सामने सबसे बड़ी समस्या मंत्रियों की दागी छवि है. अभी से ही राजद कोटे से मंत्री बने बाहुबलियों ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी है. क्या है इनका बैकग्राउंड जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

पटना: नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) की महागठबंधन सरकार में ऐसे तो दो दर्जन मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं लेकिन सबसे चर्चा बाहुबली मंत्रियों की हो रही है. रामानंद यादव, सुरेंद्र यादव, ललित यादव और अनंत सिंह के नजदीकी कार्तिकेय सिंह के अलावा शिक्षा मंत्री बनाए गए प्रोफेसर चंद्रशेखर महागठबंधन सरकार के लिए बड़ी चुनौती ( Tainted Ministers Of Nitish Government) बन सकते हैं.

पढ़ें- कार्तिकेय सिंह के वारंटी होने के आरोप पर बोले लालू यादव, सुशील मोदी झूठा है

दागी मंत्रियों ने बढ़ाई नीतीश सरकार की परेशानी: सभी पर अपहरण से लेकर यौन शोषण और अमानवीय व्यवहार करने का आरोप है. नीतीश कुमार पिछली बार महागठबंधन सरकार में अवैध संपत्ति मामले को लेकर तेजस्वी यादव से सफाई मांगते हुए सरकार से अलग हो गए थे. अब इन बाहुबलियों के साथ नीतीश कैसे सरकार चलाएंगे? महागठबंधन की सरकार बनते ही पहले आनंद सिंह मोहन का मामला सामने आया और फिर कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह का मामला सामने आया है. ऐसे में विपक्ष हमलावर है और सरकार के लिए अभी से ही चुनौती ( Tainted Ministers Increased Trouble Of Nitish) शुरू हो गई है.

ADR की रिपोर्ट: एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल 22 मंत्रियों पर मामले दर्ज हैं. कई पर गंभीर आपराधिक मामले में हैं. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर ही 11 मामले दर्ज हैं. पटना से लेकर दिल्ली तक सीबीआई ने मामले दर्ज किए हैं. ईडी का मामला भी चल रहा है. लालू के बड़े पुत्र तेज प्रताप पर भी पांच मामले दर्ज हैं. कई मंत्रियों पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन से लेकर चुनाव के दौरान रुपए बांटने से लेकर लॉकडाउन उल्लंघन तक के मामले दर्ज हैं. लेकिन हम चर्चा बिहार के उन बाहुबलियों की कर रहे हैं जिनके कारण नीतीश कुमार की सुशासन वाली छवि पर अब सवाल उठने लगा है और सरकार के लिए चुनौती भी बन गई है.

तेजस्वी यादव पर 11 मामले दर्ज: नीतीश सरकार के सबसे खास व्यक्तित्व और बिहार सरकार के उप मुख्यमंत्री बन चुके तेजस्वी यादव का नाम IRCTC घोटाले में आ चुका है. बिहार चुनाव 2020 के दौरान दायर किए हलनामे के मुताबिक, तेजस्वी यादव पर 11 मामले दर्ज हैं. इनमें 7 क्रिमिनल केस हैं, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी के मामले चल रहे हैं. इसके अलावा चार सिविल केस भी चल रहे हैं. तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी करने के लिए आईपीसी की धारा 120 B के तहत आपराधिक षडयंत्र का मुकदमा भी दर्ज हो चुका है. IRCTC मामले में कार्रवाई हुई तो 7 साल की जेल तक हो सकती है.

तेज प्रताप यादव पर दहेज केस: लालू यादव के बड़े बेटे और डिप्टी सीएम के भाई तेज प्रजाप यादव हसनपुर से विधायक हैं. तेज प्रजाप यादव पर पटना के अलग-अलग थानों में चार मामले दर्ज हैं और एक मामला दहेज से भी जुड़ा हुआ है.

दबंग नेता के रूप में सुरेंद्र यादव की पहचान: पटना से गया तक इनकी चर्चा होती है. बाल यौन अपराध से लेकर कई तरह के मामलों को लेकर चर्चा में रहे हैं. चारा घोटाला मामले में गुजरात से एक गवाह को गया लाकर बिजली का करंट देकर टॉर्चर किया था और यह खूब चर्चा में आए थे. सुरेंद्र यादव बेलागंज से विधायक हैं. पिछले 30 साल से बेलागंज के विधायक सुरेंद्र यादव की पहचान एक दबंग विधायक और बिहार राजनीति के ताकतवर चेहरे के रूप में की जाती है. अब तक सुरेंद्र यादव 2 बार जनता दल और 5 बार आरजेडी से विधायक रहे हैं.

ललित यादव पर है हत्या का आरोप: ललित यादव दरभंगा ग्रामीण सीट से विधायक और अपनी दबंग छवि के लिए जाने जाते हैं. ट्रक ड्राइवर दीनानाथ बैठा के नाखून उखाड़ने के कारण चर्चा में आए थे. शाहपुर चक्का गांव के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर हीरा पासवान की गोली मारकर हत्या हुई थी. शव ललित यादव के बगीचे से बरामद हुआ था. तब लालू प्रसाद ने उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर निकाला था. अब फिर से नीतीश कुमार ने इन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी है. यह मामला बिहार ही नहीं देश भर में चर्चा का विषय बना था.

कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के वारंट का मामला गरमाया: कानून मंत्री बनाए गए कार्तिकेय (Bihar Law Minister kartikeya singh), अनंत सिंह के नजदीकियों में जाने जाते हैं और इसीलिए चर्चा में हैं. इन पर भी कई मामले दर्ज हैं और हाल में इन पर वारंट भी जारी हुआ है. साल 2014 में राजीव रंजन की किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिक सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.

खान भूतत्व मंत्री रामानंद यादव: 65 वर्षीय आरजेडी नेता डॉ. रामानंद यादव फतुहा विधानसभा सीट से विधायक हैं. पटना में इनका अभी भी सिक्का चलता है. इन पर चुनाव के दौरान मारपीट करने का आरोप है. इनपर अपहरण से संबंधित मामला भी है. करीब 11 करोड़ रुपये की सम्पत्ति के मालिक डॉ. यादव पर 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह एक रिटायर्ड प्रोफेसर हैं.

नीतीश सरकार ने सुधाकर सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया था: आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह पर तो नीतीश सरकार ने चावल घोटाला का केस दर्ज किया था और आज इन्हें मंत्री बनाया है. सुधाकर सिंह रामगढ़ से पहली बार 2020 में विधान सभा का चुनाव जीत कर बिहार विधान सभा पहुंचे हैं. सुधाकर सिंह राजपूत कोटे से नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं.

राजद के 14..तो जदयू के 3 मंत्री पर केस: इसी तरह शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर की कारतूस लेकर यात्रा करने के कारण हवाई अड्डा पर गिरफ्तारी हुई थी. इन पर भी कई मामले हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और बिहार इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार राजद के 16 मंत्री में से 14 पर केस है और जदयू के 11 मंत्री में से 3 पर केस है. किसी में फिलहाल सजा नहीं हुई है.

मंत्रियों के नाम और केसों की संख्या: नीतीश कैबिनेट में दागी मंत्रियों के शामिल होने पर बीजेपी हमलावर हैं. नीतीश कैबिनेट में शामिल दागी छवि के मंत्री सरकार को परेशानी में डाल सकते हैं. किन मंत्रियों पर कितने केस हैं उसकी बात करें तो यह फेहरिस्त बहुत लंबी है. सुरेन्द यादव ( 9 मामले), रामानंद यादव (4), तेजस्वी यादव (11), कार्तिकेय सिंह (4), तेजप्रताप यादव (5), जमा खान (3), संजय झा (2) मामले चल रहे हैं.



इन वजहों से घेरे में आई महागठबंधन की सरकार: महागठबंधन की सरकार अस्तित्व में आते ही आनंद मोहन के मामले में विपक्ष ने सरकार को घेरा. सुनवाई के लिए पटना सिविल कोर्ट पहुंचे आनंद मोहन पाटलिपुत्र स्थित अपने घर पर पहुंच गए और पार्टी नेताओं के साथ बैठक भी की. वहीं रास्ते में सर्किट हाउस में भी जाकर ठहरे. कहा जा सकता है कि आनंद मोहन ने कानून को ठेंगा दिखाते हुए सत्ता का पॉवर दिखाने की कोशिश की.

पढ़ें- पूर्व सांसद आनंद मोहन पर सहरसा में एक और FIR, जेल की जगह घर पर आराम फरमाने का मामला

दूसरा बड़ा मामला अनंत सिंह के खास कार्तिकेय सिंह जो कानून मंत्री बने हैं उन पर गिरफ्तारी का वारंट जारी है. जिस दिन उन्हें सरेंडर करना था उसी दिन उन्होंने शपथ ली. दोनों बड़े मामले है. बीजेपी को हमला करने का मौका मिल गया है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि यह बाहुबलियों की सरकार है. अपराधियों की सरकार है. नीतीश कुमार ने जिन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया है उन पर ईडी की जांच चल रही है.

"तेजस्वी पर कई केस हैं और फिलहाल जमानत पर हैं. ट्रायल चल रहा है और कभी भी जेल जा सकते हैं. उसके बावजूद उनको नीतीश ने बिहार का उप मुख्यमंत्री बनाया है. कार्तिकेय सिंह पर अपहरण का केस है. वहीं चावल घोटाला में जेल गए उन्हें कृषि मंत्री बनाया गया है. ललित यादव ने कैसे ड्राइवर के साथ कौन सा अमानवीय व्यवहार किया था सभी को पता है. नीतीश कुमार अपनी छवि का तो ख्याल रखें. आखिर कौन सी मजबूरी है कि कानून तोड़ने वाले को कानून बनाने की जिम्मेदारी दी गई है."- प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता

रामानंद यादव का सुशील मोदी पर हमला: रामानंद यादव को खान भूतत्व विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. पटना जिले के फतुहा से लगातार पांच बार विधायक बने हैं. सुशील मोदी ने रामानंद यादव पर दबंगई करने सहित कई मामले दर्ज होने का आरोप लगाया है और इन पर अपहरण से संबंधित मामले दर्ज हैं. हालांकि किसी मामले में इन्हें सजा अब तक नहीं हुई है. लेकिन मारपीट से लेकर अपहरण कर पैसे उगाई से संबंधित मामला इन पर चल रहा है. रामानंद यादव की गिनती बड़े बाहुबलियों में होती है हालांकि रामानंद यादव अपनी सफाई देते हुए कहते हैं जो भी मामला है कोर्ट में चल रहा है.

नीतीश कैबिनेट के मंत्री करोड़पति.. कांग्रेस के मंत्री हैं सबसे गरीब: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के एक सर्वे के मुताबिक इस मंत्री मंडल में 84 प्रतिशत मंत्री करोड़पति है. सर्वे रिपोर्ट के अनुसार राजद के कोटे से 17 मंत्री वर्तमान विधानसभा में हैं. इसमें से 16 मंत्रियों की दौलत करोड़ों रूपये में है. जबकि एक मंत्री लखपति है. वहीं जदयू कोटे से परिषद में शामिल 11 में से 9 मंत्री करोड़पति है. यानि जदयू के 82 प्रतिशत मंत्री करोड़पति है. हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के कोटे से एक मात्र मंत्री बने संतोष कुमार सुमन भी करोड़पति ही हैं. वहीं, निर्दलीय सुमित कुमार सिंह की संपत्ति भी करोड़ों की है. जबकि मंत्री मंडल में शामिल सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री चेनारी के कांग्रेस विधायक मुरारी प्रसाद गौतम हैं.

"जनता हमें 5 बार चुनकर विधायक बनाई है. उसमें तीन बार निर्दलीय बने हैं. यहां राज्यपाल रहते हैं, आईएएस, आईपीएस और वीआईपी सभी रहते हैं. कैसे दबंगई कर सकते हैं? सुशील मोदी ही बता सकते हैं कि क्या लोगों ने मेरी दबंगता पर वोट दिया था."- रामानंद यादव, आरजेडी कोटे से मंत्री, बिहार सरकार

"कोई चुनौती नहीं है. पहले भी विकास के कार्य बिहार में हो रहे थे. नीतीश कुमार वोटर की चिंता करते हैं वोट की नहीं. सत्रह अठारह सालों से विकास का कार्य किया है और कभी कोई समझौता नहीं किया गया है."- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू

"सरकार के सामने जनता के सरोकार से जुड़े मुद्दे को कैसे हल करें, बेरोजगार युवाओं के मुद्दे को कैसे हल करें, बिहार का विकास कैसे हो यह चुनौती है. सरकार में बाहुबली मंत्री नहीं हैं. जिन मंत्रियों की चर्चा हो रही है उसमें से कई 5 बार से विधायक हैं लेकिन जब मंत्री बनाया गया तो मामले को उछाला जा रहा है."- एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता

दागदार छवि के नेता रहे हैं राजनीति का हिस्सा: बिहार की राजनीति में बाहुबलियों की लंबी फेहरिस्त है. अनंत सिंह, रीतलाल यादव, आनंद मोहन, सूरजभान, सुरेंद्र यादव सरीखे कई नाम हैं. नीतीश कुमार का ऐसे तो कई नेताओं के साथ संबंध रहा है लेकिन अनंत सिंह की चर्चा हमेशा होती है. इससे पहले सरकार में बाहुबलियों की एंट्री नहीं हो पाई थी लेकिन महागठबंधन की सरकार बनी है तो नीतीश कुमार ने आरजेडी के ऐसे बाहुबलियों को मंत्री बनाया है जिस पर सवाल उठ रहे हैं. बीजेपी को हमला करने का फिलहाल एक बड़ा मुद्दा मिल गया है.

नीतीश कुमार कैबिनेट में आरजेडी का रहा दबदबा: हसनपुर विधायक तेजप्रताप यादव (यादव), उजियारपुर से विधायक आलोक मेहता (कुशवाहा), नोखा से विधायक अनिता देवी, फतुहा से विधायक रामानंद यादव (यादव), बेलागंज से विधायक सुरेंद्र यादव (यादव), बोधगया से विधायक कुमार सर्वजीत (जाटव), मधुबनी से विधायक समीर कुमार महासेठ, जोकीहाट से विधायक मोहम्मद शाहनवाज (मुस्लिम), मधेपुरा से विधायक चंद्रशेखर (यादव), कार्तिकेय मास्टर, कांटी से विधायक इसराइल मंसूरी (मुस्लिम), रामगढ़ से विधायक सुधाकर सिंह (राजपूत), नरकटिया से विधायक शमीम अहमद (मुस्लिम), गरखा से विधायक सुरेंद्र राम (जाटव), साथ ही जिंतेंद्र राय और ललित यादव को मंत्री बनाया गया हैं.


नीतीश कैबिनेट में जेडीयू कोटे से मंत्री: जेडीयू में सरायरंजन से विधायक विजय चौधरी (भूमिहार), चैनपुर से विधायक जमा खान (मुस्लिम), अमरपुर से विधायक जयंत राज (कुशवाहा), भोरे से विधायक सुनील कुमार (जाटव), सुपौल से विधायक विजेंद्र यादव (यादव), एमएलसी संजय झा (ब्राह्मण), एमएलसी अशोक चौधरी (पासी), नालंदा से विधायक श्रवण कुमार (कुर्मी), धमदाहा से विधायक लेसी सिंह (राजपूत), बहादुरपुर से विधायक मदन सहनी (मछुआरा) और फुलपरास से विधायक शिला मंडल(धानुक) को मंत्री बनाया गया है.

कांग्रेस, हम और निर्दलीय कोटे के मंत्री: वहीं, कांग्रेस में चेनारी से विधायक मुरारी गौतम (दलित) और कस्बा से विधायक अफाक अहमद (मुस्लिम) को मंत्री पद दिया गया है. जीतन राम मांझी की पार्टी हम की ओर से संतोष मांझी को मंत्री बनाया गया है. जबकि चकाई विधानसभा से निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह (राजपूत), जिनके दिवंगत पिता नरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री के पुराने सहयोगी रहे थे, पिछली सरकार में मंत्री बनाए गए थे, उन्होंने भी शपथ ली.


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