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विपक्षी नेताओं का पैदल मार्च, बोले- सरकार दबा रही हमारी आवाज

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Published : Aug 12, 2021, 10:55 AM IST

Updated : Aug 12, 2021, 5:56 PM IST

केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष का संग्राम अब सड़क पर दिखाई दे रहा है. नए कृषि कानूनों के विरोध में 15 विपक्ष दलों के नेताओं ने संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च किया. विपक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है. सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. पढ़िए पूरी खबर...

पैदल मार्च
पैदल मार्च

नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के विरोध में विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 15 विपक्षी दलों के नेताओं ने आज संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च किया. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी विपक्ष के पैदल मार्च में शामिल हुए. इस दौरान नेताओं के हाथों में पोस्टर/ बैनर थे.

बैनर पर 'हम किसान विरोधी काले कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं' लिखा हुआ था. विपक्षी नेताओं ने 'जासूसी बंद करो', 'काले कानून वापस लो' और 'लोकतंत्र की हत्या बंद करो' के नारे भी लगाए. संसद परिसर में मौजूद गांधी स्टैच्यू के पास से पैदल मार्च निकाला गया.

विपक्षी दलों का पैदल मार्च

सदन में लोकतंत्र की हत्या हुई : राहुल गांधी
इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि संसद में विपक्ष को बात करने का मौका नहीं दिया गया. सदन में लोकतंत्र की हत्या हुई है. जनता की आवाज दबाई जा रही है. देश की 60% जनता की आवाज नहीं सुनी गई. कांग्रेस सांसद ने कहा, हमने सरकार से पेगासस पर बहस करने के लिए कहा, लेकिन सरकार ने पेगासस पर बहस करने से मना कर दिया. हमने संसद के बाहर किसानों का मुद्दा उठाया और हम आज यहां आपसे (मीडिया) बात करने आए हैं क्योंकि हमें संसद के अंदर नहीं बोलने दिया गया. ये देश के लोकतंत्र की हत्या है.

राहुल गांधी का बयान

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सरकार हर दिन लोकतंत्र की हत्या कर रही : राउत
वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि बीते दिनों राज्यसभा में मार्शल लॉ लगाया गया, ऐसा लग रहा था कि हम पाकिस्तान की सीमा पर खड़े थे. सरकार हर दिन लोकतंत्र की हत्या कर रही है, हम इस सरकार के खिलाफ लड़ते रहेंगे.

यह एक विफल सरकार : बाजवा
ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले नौ महीनों से दिल्ली की सीमा पर किसान धरना दे रहे हैं. विरोध प्रदर्शन में 500 से अधिक किसानों ने अपनी जान गवां दी है. इसके बाद भी सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है. इतना ही नहीं सरकार किसानों से बातचीत के लिए फिर से तैयार नहीं हो रही है. यह एक विफल सरकार है.

विपक्ष के नेताओं ने केंद्र सरकार पर बोला हमला.

बाजवा ने बुधवार के दिन को भारतीय लोकतंत्र के लिए एक 'काला दिन' करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार ने संसद के अंदर 'मार्शलों' को तैनात किया है, जिन्होंने महिला विपक्षी सांसदों पर हमला किया था.

केसी वेणुगोपाल ने केंद्र पर बोला हमला
केंद्र सरकार संसद की कार्यवाही को लेकर विपक्ष पर हमलावर हो रही है. केंद्र सरकार का आरोप है कि संसद की कार्यवाही में विपक्ष ने बाधा डाला. हालांकि, इन आरोपों को कांग्रेस ने बेबुनियाद बताया है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल कहा कि जो लोग संसदीय प्रक्रिया को देखते हैं, वे सरकार की बात से सहमत नहीं होंगे. इसके साथ ही उन्होंने ट्विटर इंडिया को भी आड़े हाथों लिया, क्योंकि ट्विटर ने कांग्रेस के कई नेताओं को ट्विटर अकांउट मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए बंद कर दिए हैं. कांग्रेस सांसद ने कहा कि ये सभी आम लोगों की आवाज को दबाने के लिए सरकार की चाल हैं. ट्विटर भी सरकार के साथ हाथ मिला रहा है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.

विपक्ष के नेताओं ने केंद्र सरकार पर बोला हमला.

सदन में सभी लोकतांत्रिक परंपराओं को रौंदा गया : मनीष तिवारी
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार ने अपने अड़ियल रवैये से संसद सत्र के चार सप्ताह का सफाया कर दिया, सरकार के द्वारा संसद में बेशर्मी से कानून पारित किया है. सदन में सभी लोकतांत्रिक परंपराओं को रौंदा गया.

सदन में विपक्ष की आवाज नहीं सुनी गई : मणिकम टैगोर
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि संसद के दोनों सदनों में विपक्ष की आवाज नहीं सुनी गई. पिछले 14 दिनों से संसद नहीं चल पाई है, सदन में कोई चर्चा नहीं हुई.

विपक्ष के नेताओं ने केंद्र सरकार पर बोला हमला.

के सुरेश ने मोदी सरकार पर हमला बोला
कांग्रेस के मुख्य सचेतक के सुरेश ने बताया कि विपक्षी दल केंद्र सरकार के खिलाफ अहम मुद्दों को उठाते हुए आगामी दिनों में भी इन विरोध प्रदर्शनों को जारी रखेंगे. सरकार किसी मुद्दें पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं : सपा समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद विशंभर प्रसाद निषाद ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इस मामले को उठाने के लिए पूरा विपक्ष एक साथ है और केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेगा. यह एक हिटलर शाही सरकार है. पेगासस मुद्दे पर सरकार चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है.

थरूर ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने कहा कि हमें अपने लोकतंत्र की पूरी तरह से रक्षा करनी चाहिए. इसमें चर्चा के साथ कानून पारित करना शामिल है, इसमें लाखों भारतीयों को प्रभावित करने वाले प्रमुख निर्णय लेते समय सभी से परामर्श लेना अनिवार्य है. इसमें विपक्ष के सवालों का सामना करने सहित लोकतांत्रिक तरीके से संसद का संचालन करना भी शामिल है. यह सरकार करने को तैयार नहीं है.

सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं : डीएमके
डीएमके सांसद टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि यह सरकार आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहती. कल उन्होंने सदनों को स्थगित कर दिया, हमारे पास दो दिन और थे. अगर इन मुद्दों पर सदन में चर्चा होती तो समस्या हल हो जाती.

मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को आरोप लगाया कि सदन में विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद कुछ महिला सुरक्षाकर्मियों ने विपक्ष की महिला सदस्यों के साथ धक्कामुक्की की और उनका अपमान किया. हालांकि सरकार ने उनके आरोप को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह सत्य से परे है.

55 साल की संसदीय राजनीति में ऐसे स्थिति नहीं देखी : पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्होंने अपने 55 साल की संसदीय राजनीति में ऐसे स्थिति नहीं देखी कि महिला सांसदों पर सदन के भीतर हमला किया गया हो.

इससे पहले, विपक्षी नेताओं की बैठक में खड़गे, राहुल गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश एवं आनंद शर्मा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव, द्रमुक के टी आर बालू, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और कई अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए.

सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में पेगासस जासूसी मामला, कृषि कानून, महंगाई और बुधवार को राज्यसभा में सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में विधेयक पारित कराये जाने तथा कुछ महिला सांसदों के साथ कथित धक्कामुक्की को लेकर भी चर्चा की गई. इसके बाद विपक्षी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मुलाकात की और उन्हें उच्च सदन में कल की घटना से अवगत कराया.

Last Updated : Aug 12, 2021, 5:56 PM IST
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