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4 दिवसीय महापर्व का समापन, अंतिम दिन उगते सूर्य को दिया गया अर्घ्य, बिहार के छठ घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 20, 2023, 7:30 AM IST

Updated : Nov 20, 2023, 9:14 AM IST

Chhath Puja 2023: लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन हो गया है. आज दूसरे दिन उगते सूरज को अर्घ्य दिया गया. राजधानी पटना समेत तमाम जगहों पर छठ की छठा देखने को मिली.

4 दिवसीय महापर्व छठ का समापन
4 दिवसीय महापर्व छठ का समापन

4 दिवसीय महापर्व छठ का समापन

पटना: आज 4 दिवसीय छठ का समापन हो गया है. छठ घाटों पर सुबह-सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया गया. इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास पूरा हो गया. छठी मइया के लिए बनाए गए खास ठेकुआ और प्रसाद को लोगों में बांटा गया. छठ पर्व के अंतिम दिन भक्त प्रसिद्ध छठी मईया के गीत गाते हुए घाट पर पहुंचे थे. रात्रि में संगीत के साथ कोसी भरी गई.

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य
उदीयमान सूर्य को अर्घ्य

प्रमुख शहरों के सूर्योदय का समय: राजधानी पटना में सुबह 06:10 बजे सूर्योदय का समय था. गया में 06:09 बजे, भागलपुर में 06:02 बजे, पूर्णिया में 06:01 बजे, मुजफ्फरपुर में 06:10 बजे, दरभंगा में 06:08 बजे, पूर्वी चंपारण में 06:13 बजे, पश्चिम चंपारण में 06:15 बजे, बांका में 06:02 बजे, कटिहार में 06:00 बजे, मधेपुरा में 06:04 बजे, बक्सर में 06:15 बजे, सिवान में 06.14 बजे, अरवल में 06:11 बजे, मुंगेर में 06: 04 बजे, लखीसराय में 06:05 बजे, भभुआ में 06:15 बजे, औरंगाबाद में 06:12 बजे, समस्तीपुर में 06:08 बजे, दरभंगा में 06: 08 बजे, मधुबनी में 06:08 बजे और किशनगंज में सुबह 06:00 बजे सूर्योदय का समय था.

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बेहद कठिन पर्व है छठ: छठ व्रत एक कठिन तप वाला व्रत माना जाता है. इस व्रत में चार दिवसीय अनुष्ठान होता है, जिसमें पहले दिन दाल-चावल और कद्दू की सब्जी का भोग लगता है और छठ व्रती उसे ग्रहण करते हैं. उसके बाद दूसरे दिन खरना होता है, जिसमें साठी-चावल की खीर रोटी और केले का प्रसाद बनाया जाता है और छठ व्रतियों के द्वारा इस प्रसाद को ग्रहण किया जाता है. उसके बाद इस प्रसाद का लोगों में वितरण किया जाता है. खरना के बाद छठ व्रतियों के द्वारा 36 घंटे का निर्जला उपवास रखा जाता है.

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य
छठ का प्रसाद

4 दिवसीय महापर्व छठ का समापन: खरना के अगले दिन षष्टी को शाम के समय अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाता है, जबकि उसके अगले दिन सप्तमी को उदीयमान भगवान भास्कर को दूसरा अर्घ्य दिया आता है. इसी के साथ चार दिवसीय छठ पर्व का समापन हो जाता है.

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य
भगवान भास्कर को अर्घ्य देतीं श्रद्धालु

कोसी भरने की परंपरा: डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद रात को कई जगहों पर लोग छठ घाट पर ही रात भर ठहरते हैं. इस दौरान छठी मईया के गीत गाए जाते है और रात में संगीत के साथ कोसी भरी जाती है. संतान प्राप्ति के लिए महिलाएं कोसी भरती हैं.

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य
कोसी भरतीं छठ व्रती

नीतीश कुमार के आवास पर छठ पूजा: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर भी छठ मनाई गई. उनकी रिश्तेदार ने छठ पर्व किया था. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. उन्होंने तमाम लोगों को छठ की शुभकामनाएं दीं.

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य
अर्घ्य देते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

छठ घाटों पर भारी भीड़: पटना समेत बिहार के तमाम छठ घाटों पर छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. राजधानी पटना के कलेक्ट्रेट घाट पर भीड़ इतनी थी कि श्रद्धालु भक्तों को नदी के किनारे कई पंक्तियों में बैठना पड़ा. देर से पहुंचने वालों को वहां जगह तक मिलने में काफी परेशानी हुई. घाटों पर जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम काफी मुस्तैद रही, जिससे कि भक्तों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई. घाटों पर छठ व्रत करने वाले लोगों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर अपने घर में सुख शांति समृद्धि की कामना की.

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Last Updated : Nov 20, 2023, 9:14 AM IST
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