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Bihar News: कभी भी जेल से रिहा हो सकते हैं आनंद मोहन, बेटे की शादी पर खुशियां हुईं डबल

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Published : Apr 25, 2023, 12:22 PM IST

बेटे की सगाई को लेकर परोल पर जेल से बाहर आए पूर्व सांसद आनंद मोहन की अब रिहाई की खबर भी सामने आ गई है. हालांकि इसकी संभावना पहले से ही थी, लेकिन अधिकारिक तौर पर अब ये साफ हो गया है कि आनंद मोहन की जल्द ही रिहाई होने वाली है.

पूर्व सांसद आनंद मोहन
पूर्व सांसद आनंद मोहन

कभी भी जेल से रिहा हो सकते हैं आनंद मोहन

पटनाः पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती और बिहार के पूर्व आईपीएस आमिताभ दास की नारजगी के बीच खबर आ रही है कि आंनद मोहन अब कभी भी जेल से रिहा हो सकते हैं. यह जानकारी जेल मैन्युल में बदलाव के बाद विधि विभाग द्वारा जेल प्रसाशन को भेजा गए पत्र के बाद सामने आई है. जब से यह सूचना मिली तब से राजनीति गलियारे में खलबली मच गई है. वहीं, आंनद मोहन के समर्थकों ने जमकर खुशी मनाई और मिठाई खिलाकर उन्हें बधाई दी. बता दें कि बिहार लोक सेवक अधिनियम में संशोधन के बाद ये रिहाई संभव हो सकी है, आनंद मोहन के साथ 26 अन्य कैदियों की भी जेल से इसी अधार पर रिहाई होगी.

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रिहाई की खबर से परिवार में खुशी की लहरः गौरतलब है कि आंनद मोहन बीते सोमवार को अपने पुत्र राजद विधायक चेतन आंनद की सगाई समारोह में पत्नी लवली आंनद के साथ आये हुए अतिथियों का स्वागत कर रहे थे, तभी यह सूचना मिली की आप कभी भी जेल से रिहा हो सकते हैं. इस खबर से आंनद परिवार में आंनद ही आंनद होने लगा और खुशियाल डबल हो गईं. एक तरफ बेटे की सगाई तो दूसरी ओर पिता को जेल से रिहाई यह खुशी की झलक देखने के लिये कई नामचीन हस्तियां वहां मौजूद थीं. जिन्होंने उनकी रिहाई पर खुशी का इजहार भी किया. वहीं, इस मौके पर आंनद मोहन ने कहा कि आजादी सभी को प्रिय है और यह खुशी पिता और पुत्र की है, जहां वर्षों बाद इस परिवार में दो-दो खुशियां मिली है.

"आजादी सभी को अच्छी लगती है और यह खुशी पिता और पुत्र की है, सालों बाद इस परिवार में दो-दो खुशियां मिली है. बेटे की सगाई पर रिहाई की खबर मिलने से खुशी हुई"- आंनद मोहन, पूर्व सांसद

15 साल से ज्यादा की सजा काट चुके हैं सजाः आपको बता दें कि आनंद मोहन बिहार में 5 दिसम्बर 1994 को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के आरोप में 15 साल से ज्यादा की सजा काट चुके हैं. पहले इस मामले में बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में पटना हाईकोर्ट ने इसे उम्रकैद में बदल दिया था और अब उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है, हालांकि उनकी रिहाई को लेकर विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं. यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने पिछले दिनों पूर्व सांसद आनंद मोहन की जेल से रिहा किए जाने पर नाराजगी जताई थी. उन्होंने ट्वीट कर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था. मायावती ने इसे दलित विरोधी काम करार दिया था.

1994 में गोपालगंज में हुई थी डीएम की हत्या : ये मामला तब हुआ था जब 5 दिसंबर 1994 को गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया अधिकारियों की बैठक में शामिल होकर लौट रहे थे. उससे एक दिन पहले ही गैंगवार में उत्तर बिहार का चर्चित गैंगस्टर छोटन शुक्ला मारा गया था. शव को एनएच हाईवे पर रखकर लोग प्रदर्शन कर रहे थे. तभी हाईवे-28 पर अचानक एक रेड लाइट कार गुजरती दिखी. उस गाड़ी में आईएएस जी. कृष्णय्या बैठे थे. कार को देख भीड़ भड़क गई और वाहन पर पथराव शुरू कर दिया. ड्राइवर और बॉडीगार्ड ने डीएम को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उग्र भीड़ ने कृष्णैया को गाड़ी से खींच लिया. इसके बाद खबरा गांव के पास पीट-पीटकर मार डाला. आरोप है कि डीएम की कनपटी में भी गोली मारी गई थी. इसी घटना के लिए आनंद मोहन को दोषी ठहराया गया था, जिसमें वो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं और अब उनकी रिहाई हो रही है.

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