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अशरफ गनी पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी, अफगान रक्षा मंत्री ने इंटरपोल से की अपील

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Published : Aug 18, 2021, 6:15 PM IST

Updated : Aug 18, 2021, 6:34 PM IST

arrest Ghani for treason
arrest Ghani for treason

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी गिरफ्तार (Ashraf Ghani Arrest) हो सकते हैं. राष्ट्रपति गनी को राजद्रोह (Ashraf Ghani Treason) के आरोप में गिरफ्तार करने के लिए अफगान रक्षा मंत्री ने इंटरपोल (Afghan Defence Minister Interpol) से अपील की है.

काबुल : अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी गिरफ्तार (Ashraf Ghani Arrest) किए जा सकते हैं. रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह खान मोहम्मदी (Defense Minister Bismillah Khan Mohammadi) ने बुधवार को गनी को गिरफ्तार करने के लिए इंटरपोल (Interpol arrest ghani) से अपील की है. अफगान रक्षा मंत्री मोहम्मदी (Afghan Defence Minister Mohammadi) ने बुधवार को इंटरपोल से कहा कि गनी को 'मातृभूमि को बेचने' (selling out the motherland) और अफगानिस्तान से भागने के आरोप में गिरफ्तार किया जाए.

अफगान रक्षा मंत्री मोहम्मदी ने ट्विटर पर अशरफ गनी की गिरफ्तारी (Ashraf Ghani Arresting) का जिक्र करते हुए हैशटैग #InterpolArrestGhani भी लिखा.

अफगान रक्षा मंत्री ने लिखा कि अपनी मातृभूमि का व्यापार करने और बेचने वालों को दंडित किया जाना चाहिए और गिरफ्तार किया जाना चाहिए.

इससे पहले बुधवार को ताजिकिस्तान में अफगान दूतावास ने भी इंटरपोल से गनी को गबन के आरोप में हिरासत में लेने का अनुरोध किया.

बता दें कि रविवार को तालिबान ने काबुल (Taliban in Kabul) में प्रवेश कर अफगानिस्तान पर अपना कब्जा पूरा कर लिया था. इसके बाद से अफगान-तालिबान संकट (Afghan Taliban Crisis) पर पूरी दुनिया की नजरें हैं.

युद्धग्रस्त देश के तालिबान द्वारा अधिग्रहण के बाद, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद गंभीर मानवाधिकार चिंताओं को दूर करने के लिए 24 अगस्त को अफगानिस्तान पर एक विशेष सत्र आयोजित करेगी. हालांकि तालिबान ने सभी अफगान सरकारी अधिकारियों के लिए सामान्य माफी की घोषणा की थी और उनसे काम पर लौटने का आग्रह किया था, जिसमें शरिया कानून के अनुरूप महिलाएं भी शामिल थीं.

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इससे पहले 17 अगस्त को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में अमरुल्लाह सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति (Saleh Afghan President) घोषित किया था. अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट कर लिखा कि अफगानिस्तान के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, पलायन, इस्तीफा या मृत्यु में उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है. मैं वर्तमान में अपने देश के अंदर हूं और और वैध केयरटेकर प्रेसिडेंट हूं. मैं सभी नेताओं से उनके समर्थन और आम सहमति के लिए संपर्क कर रहा हूं.

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इसी बीच तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अफगानिस्तान अब मुक्त हो गया है और समूह कोई बदला नहीं लेना चाहता है. इसके साथ ही तालिबान ने महिलाओं को अधिकार देने की बात दोहराई है. तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों का इस्लामी कानून के तहत सम्मान किया जाएगा, पूर्ववर्ती शासन ने महिलाओं के जीवन पर पाबंदियां लगा दी थीं.

रूसी दूतावास ने बताया था कि अशरफ गनी ने राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया और नकदी से भरी कारों के साथ विदेश भाग गए. गत 16 अगस्त को यह खबर सामने आई थी कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी पैसों से भरे हेलीकॉप्टर में सवार होकर युद्धग्रस्त देश से भागे हैं. काबुल में रूसी दूतावास का हवाला देते हुए रूसी आधिकारिक समाचार एजेंसी TASS ने बताया था कि 72 वर्षीय राष्ट्रपति पैसे से भरे हेलीकॉप्टर में सवार होकर अफगानिस्तान भाग गए. एक मिशन कर्मचारी ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि शासन के पतन के बाद उन्हें इस बात में विशेषता दिखी कैसे गनी देश छोड़कर भाग गए. चार कारें पैसे से भरी हुई थीं और उन्होंने हेलीकॉप्टर में नकदी का एक और बैग भरने की कोशिश की. सारी नकदी ले जाने में वे कामयाब नहीं हुए क्योंकि हेलीकॉप्टर में जगह नहीं बची थी.

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हालांकि TASS ने मिशन कर्मचारी का नाम नहीं लिया है. रूसी राजनयिक मिशन के प्रवक्ता निकिता इशेंको के हवाले से रूसी तार सेवा स्पुतनिक ने बताया कि गनी को काबुल से भागते समय नकदी से भरी कारों के साथ ले जाया गया था. इशेंको ने कहा कि उन्होंने पैसे का एक हिस्सा हेलीकॉप्टर में डालने की कोशिश की लेकिन सब कुछ फिट नहीं हुआ और कुछ पैसे रनवे पर छोड़ दिए गए.

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बता दें कि अफगानिस्तान-तालिबान संकट के बीच भारत में पीएम मोदी ने कल एक उच्चस्तरीय बैठक की थी. अफगानिस्तान-तालिबान संकट (Afghan Taliban Crisis) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक की थी. प्रधानमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर हुई इस अहम बैठक के बाद अधिकारियों को यह निर्देश दिए.

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इसी बीच सूत्रों ने कहा है कि भारत इंतजार करेगा और देखेगा कि सरकार का गठन कितना समावेशी होगा और तालिबान कैसे आचरण करेगा. सूत्रों के मुताबिक तालिबान ने कश्मीर पर भी अपना रुख स्पष्ट किया है. इसके मुताबिक तालिबान कश्मीर को एक द्विपक्षीय, आंतरिक मुद्दा मानता है. पीएम ने कहा कि हिंदुओं और सिखों को देंगे शरण.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated :Aug 18, 2021, 6:34 PM IST
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