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ऑटो डीड सिस्टम के विरोध में उतरे वकील, उप पंजीयक कार्यालयों में किया कार्य बहिष्कार, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 15, 2024, 4:56 PM IST

advocates against auto deed system
ऑटो डीड सिस्टम के विरोध में उतरे वकील

रजिस्ट्री कराने में ऑटो डीड सिस्टम लागू करने के विरोध में गुरुवार को वकीलों ने कार्य बहिष्कार किया. वकीलों का कहना है कि ऑटो डीड सिस्टम से रजिस्ट्री से जुड़े लोग बेरोजगार हो जाएंगे. इसमें कई अन्य परेशानियां भी आएंगी.

ऑटो डीड सिस्टम के विरोध में वकीलों का कार्य बहिष्कार

जयपुर. एनिव्हेयर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व्यवस्था के तहत रजिस्ट्री कराने में ऑटो डीड सिस्टम लागू करने के विरोध में गुरुवार को जयपुर शहर के उप पंजीयक कार्यालयों में वकीलों ने कार्य का बहिष्कार किया. वकीलों के कार्य बहिष्कार से उप पंजीयन कार्यालय सूने पड़े रहे और एक भी रजिस्ट्री नहीं हो पाई. इससे सरकार को भी लाखों रुपए की राजस्व की हानि हुई. मांगे नहीं मानने पर वकीलों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गजराज सिंह के नेतृत्व में वकीलों ने उप पंजीयन कार्यालयों में कार्य का बहिष्कार किया. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में वकीलों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर ऑटो डीड सिस्टम लागू करने का विरोध किया. वकीलों ने कलेक्ट्रेट परिसर में रैली भी निकाली. उन्होंने कहा कि ऑटो डीड सिस्टम लागू होने से वकील बेरोजगार हो जाएंगे. दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गजराज सिंह राजावत ने बताया कि रजिस्ट्री में सरकार की ओर से ऑटो डीड सिस्टम लागू किया जा रहा है जिससे पक्षकार ही दस्तावेज तैयार कर उप पंजीयक कार्यालय भेजेगा. इस ऑटो डीड सिस्टम में दस्तावेज वेरीफाई नहीं होंगे और यह भी पता नहीं चलेगा कि दस्तावेज कहां का है.

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गजराज सिंह ने कहा कि वर्तमान में जो प्रक्रिया चल रही है, उसमें दस्तावेज वेरीफाई हो जाते हैं और रजिस्ट्री स्वीकार कर ली जाती है. ऑटो डीड सिस्टम लागू होने से रजिस्ट्री से जुड़े वकीलों के साथ डीड राइटर, टाइपराइटर, स्टांप वेंडर प्रलेखकर्ता भी बेरोजगार हो जाएंगे. इससे उनके परिवार पर रोजी-रोटी का संकट भी उत्पन्न हो जाएगा. यह सिस्टम को लागू करने से फर्जीवाड़ा भी बढ़ेगा. गजराज सिंह ने कहा कि उप पंजीयक कार्यालयों में एक नई प्रक्रिया भी चालू की गई है, जिसके तहत रजिस्टर्ड वसीयत और पावर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री करना बंद कर दिया गया है. पहले रजिस्टर्ड वसीयत और पावर ऑफ अटॉर्नी से भी रजिस्ट्री होती थी.

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गजराज सिंह ने कहा कि बुजुर्ग एवं बीमार व्यक्ति पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए रजिस्ट्री करा सकता था. कोई व्यक्ति जिसकी मृत्यु हो चुकी है और वह वसीयत करके गया है, तो वसीयत से रजिस्ट्री उप पंजीयक कार्यालय में बंद कर दी गई है. इससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. गजराज सिंह राजावत ने चेतावनी दी कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी जाती है, तो वकीलों की ओर से उग्र आंदोलन किया जाएगा. वकीलों ने कलेक्ट्रेट परिसर में रैली निकालने के बाद जयपुर जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, वित्त सचिव, आई जी स्टांप, उप महानिरीक्षक स्टांप के नाम ज्ञापन दिया.

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