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आगरा में जल संकट बरकरार; 45 दिन कम मिलेगा गंगाजल, युमना में भी पानी कम, हर कोई चिंतित - AGRA NEWS

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 13, 2024, 8:21 PM IST

आगरा में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. जिसको लेकर अधिकारी और आमजन परेशान हैं. जलसंकट से उबारने के लिए प्रशासन लगातार रणनीति बना रहा है.

डीएम ने अधिकारियों संग किया मंथन
डीएम ने अधिकारियों संग किया मंथन (Photo Credit: Etv Bharat)

आगरा: ताजनगरी में 45 दिन का जल संकट बरकरार है. भले ही जिला प्रशासन ने कानपुर में भी हो सकता है बेंगलुरु जैसा जल संकट, पानी का प्रयोग कम करने की अपील - Water Crisisको लेकर शहर में पेयजल व्यवस्था सुचारू रखने को अभी से वैकल्पिक व्यवस्था के प्रयास शुरू कर दिए हैं. लेकिन यमुना में जल का स्तर कम है. ऐसे में 15 मई के बाद आगरा में पेयजल की आपूर्ति प्रभावित होगी. जिला प्रशासन का दावा है कि संभावित जल संकट के मद्देनजर मुख्य अभियन्ता गंगा नहर, मेरठ से सहयोग मांगा गया है, जलापूर्ति में 30 मई तक प्रभावित नहीं होगी. इसके साथ ही आगरा डीएम भानु चन्द्र गोस्वामी ने अलीगढ़ के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग अधीक्षण अभियंता से भी जल संकट के बारे में इनपुट लिया है.

बता दें कि उत्तराखंड के टिहरी बांध पर चल रहे कार्यों के फलस्वरूप गंगा नदी में 13,000 क्यूसेक के स्थान पर 6000-7000 क्यूसेक ही जल का प्रवाह किया जायेगा. जिससे आगरा में 15 मई से 30 जून के मध्य गंगा नदी में जल की मात्रा कम होने की सम्भावना है. जिससे आगरा में जल संकट को लेकर अभी से चर्चा हो रही है . आगरा में आने वाले जल संकट को लेकर अधिकारी से लेकर आमजन भी परेशान दिख रहे है. क्योंकि, गंगाजल की आपूर्ति कम होने से शहर में जल संकट आया है. जबकि, यमुना में पहले ही जल स्तर बेहद कम है. ऐसे में यमुना जल के शोधन पर जल संस्थान मंथन कर रहा है.


डीएम ने अधिकारियों संग किया मंथन
आगरा के जल संकट को लेकर डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने सोमवार को जलकल विभाग, सिंचाई विभाग, नगर निगम, जल निगम समेत अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ कलक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक की. जिसमें डीएम ने मेरठ और अलीगढ़ से मिले आश्वासनों के बावजूद संभावित जल संकट से निपटने के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि पालड़ा से सिंचाई विभाग की ओर से 150 क्यूसेक गंगा जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की व्यवस्था की है. जिससे पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था की कार्य योजना बनाने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. जनता के लिए ट्रैक्टर/टैंकरों से भी जलापूर्ति करने के निर्देश दिए हैं. शहर में 155 टैंकरों से प्रतिदिन 934 चक्कर लगा कर पेयजल आपूर्ति की जाएगी. इसके साथ ही सिंचाई विभाग से समन्वय करके गंगा नहर से निकलने वाली माइनर, रजवाह, ब्रान्च नहर, गूल में पानी को इस प्रकार प्रबंधन किया जाएगा. जिससे आगरा शहर को 150 क्यूसेक गंगा जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो.


जलसंकट को लेकर कमिश्नर से मिलेंगे पार्षद
आगरा में आने वाले जल संकट को लेकर सोमवार को भाजपा पार्षदों ने नगर निगम स्थित कार्यालय में बैठक की. जिसमें जल संकट को लेकर मंथन किया. इसके बाद पार्षदों ने निर्णय लिया है कि जल संकट को लेकर आगरा डीएम और कमिश्नर से मिलेंगे. जिससे जनता को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

नगर आयुक्त ने देखे जल शोधन सयंत्र
डीएम के निर्देश पर नगर आयुक्त ने नगर निगम अधिकारियों के साथ जल शोधन संयन्त्रों का निरीक्षण किया. उन्होंने जल शोधन संयन्त्रों का संचालन एवं रखरखाव कर रही फर्मों को निर्देश दिए हैं कि आकस्मिक स्थिति में अपने स्तर से आवश्यक कार्रवाई करें. जिससे आगरा शहर की पेयजल आपूर्ति बाधित न हो.

इस तरह जल संकट से निपटा जाएगा

  • सिकन्दरा स्थित एमबीबीआर प्लान्ट की उत्पादन क्षमता बढ़ाकर यमुना नदी में बाँध बनाकर युद्ध स्तर पर पेयजल की मात्रा बढ़ाई जाएगा. इसका काम तेजी से चल रहा है. यमुना नदी में जल स्तर बेहद कम है. यहां पर मात्र 92-95 एमएलडी. यमुना जल है. इसलिए, यमुना नदी में जल का प्रवाह बढ़ाने को गोकुल बैराज के अधिकारियों से वार्ता की जा रही है.
  • जीवनी मण्डी स्थित जल शोधन संयन्त्र तक यमुना जल पहुंचाने के लिए यमुना नदी के तट पर अधिष्ठापित पम्पिंग स्टेशनों की मरम्मत की जाएगी. जिससे 10 से 15 एमएलडी. यमुना जल को गंगा जल के साथ मिश्रित करके जलापूर्ति की जायेगी.
  • जीवनी मण्डी जल शोधन संयन्त्र पर अधिष्ठापित री-साइकिल यूनिट से 10 से 12 एमएलडी. गंगा जल उपयोग के लिए पूरी तैयारी कर ली है.
  • महाप्रबंधक जलकल हरिद्वार व मेरठ के अधिकारियों से वार्ता करके जलापूर्ति सुनिश्चित रखने के साथ ही परियोजना प्रबंधक (गंगा जल) अलीगढ़ व बुलंदशहर स्थित संबंधित अधिकारियों से समन्वय किया जा रहा है.


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