शिमला: हिमाचल में सुक्खू सरकार के दो मंत्रियों ने भाजपा पर जुबानी हमला बोला है. एक प्रेस बयान में कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान व विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा को प्रदेश विरोधी बताया है, जो हिमाचल को मिलने वाले हकों को रोकने का कार्य कर रही है.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर को भी आड़े हाथ लिया है. दोनों मंत्रियों ने कहा कि जेपी नड्डा और अनुराग सिंह ठाकुर कद्दावर नेता हैं लेकिन जब हिमाचल के हितों की बात आती है तो उनका रुख उदासीन रहता है.
दोनों मंत्रियों ने कहा कि प्रदेश की सुक्खू सरकार ने 1.36 लाख कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिया है. इसके बाद से भाजपा नेता कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ षड्यंत्र रचने में लगे हैं.
ऑपरेशन लोटस हुआ फेल
कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए बीजेपी का ऑपरेशन लोटस का षड्यंत्र फेल हो गया. ऐसे में भाजपा के नेता सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं. उन्होंने कहा कि जेपी नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. उन्हें अपने पद की गरिमा के अनुसार बात करनी चाहिए, लेकिन वे सनसनी फैलाने के लिए तथ्यहीन बातें कर रहे हैं.
हर्षवर्धन चौहान और विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि एनपीएस कर्मचारियों के अंशदान और सरकार के हिस्से के करीब 10 हजार करोड़ रुपये पर केंद्र सरकार कुंडली मारकर बैठी है. जब 1.36 लाख कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिल चुका है और रिटायर हो रहे कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन मिल रही है तो केंद्र को हिमाचल सरकार व एनपीएस में शामिल रहे कर्मचारियों के 10 हजार करोड़ रुपये तुरंत वापस लौटाने चाहिए.
पुरानी पेंशन योजना लागू करने पर केन्द्र सरकार ने हिमाचल पर कई पाबंदियां लगाई हैं, जिसके तहत इस वित्त वर्ष में ऋण लेने की सीमा को 6600 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है.
इसके अलावा वर्तमान राज्य सरकार को ओपीएस लागू करने पर 1780 करोड़ रुपये की ग्रांट भी नहीं मिल रही है. जेपी नड्डा व अनुराग सिंह ठाकुर बताएं कि केन्द्र सरकार से हिमाचल पर लगी इन पाबंदियों को हटाने के लिए उन्होंने क्या प्रयास किए?
सुक्खू सरकार ने बसाए आपदा में उजड़े लोगों के घर
कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि हिमाचल में आई भयंकर आपदा में भाजपा ने सिर्फ राजनीति की है. केंद्र सरकार ने प्रदेश को फूटी कौड़ी तक नहीं दी. पीडीएनए (पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट) के तहत मिलने वाले क्लेम की राशि हिमाचल को केंद्र सरकार ने नहीं दी. केंद्र की टीमें हिमाचल का दौरा करके गई हैं.
वहीं राज्य सरकार ने 9900 करोड़ रुपये के संशोधित क्लेम केंद्र को भेजे, लेकिन आज तक कुछ नहीं मिला. प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से आपदा प्रभावितों को 4500 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया और 23 हजार आंशिक व पूरी तरह क्षतिग्रस्त घर फिर से बसाए हैं.
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