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नूंह में लो टनल तकनीक से सोना उगल रहे खेत , NCR की मंडियों में सब्जियों ने बढ़ाई रौनक - Vegetable Farming in Nuh

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 25, 2024, 11:04 PM IST

Vegetable Farming in Nuh: नूंह में किसानों की मेहनत से दिल्ली एनसीआर की सब्जी मंडियों में रौनक बढ़ रही है. जो जमीन कृषि योग्य नहीं थी उस पर किसानों ने कड़ी मेहनत से जबरदस्त सब्जियां उगानी शुरू कर दी है. जिसकी वजह से किसानों को अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. किसानों ने सब्जियों की खेती करने के लिए लो टनल तकनीक का सहारा लिया है.

Vegetable Farming in Nuh
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Vegetable Farming in Nuh

नूंह: हरियाणा के नूंह में नगीना खंड के गुमट बिहारी गांव के अलावा फिरोजपुर झिरका खंड के गांव की सब्जी एनसीआर की मंडियों की रौनक बढ़ा रही है. गुमट बिहारी गांव में सैकड़ों एकड़ भूमि में बेल वाली सब्जियां रौनक बढ़ा रही है. गुमट बिहार गावं में सैकड़ों एकड़ भूमि में बेल वाली सब्जियां जिनमे करेला, टिंडा, घीया, तोरी इत्यादि फसलें शामिल हैं. इन फसलों से किसान अच्छा मुनाफा कमा रहा है और एनसीआर की मंडियों में मेवात की सब्जियों को बेहद पसंद किया जाता है.

किसानों को मुनाफा: एक पॉलिथीन के 600-1000 रुपए तक का भाव मिल रहा है. एक पॉलिथीन में लगभग 40 किलो घीया होता है. टमाटर के साथ-साथ करेला की फसल अभी मंडियों में नहीं पहुंच पाई है, क्योंकि इस बार सीजन में नमी है. तापमान में गिरावट है, आने वाले 10 -15 दिनों में गुमट बिहारी गांव के खेतों में लहलहा रही टमाटर तथा करेला की फसल भी मंडियों में पहुंचना शुरू हो जाएगी.

आसानी से मिलता है सब्जी का रेट: जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर दीन मोहम्मद ने बताया कि पहले यूपी के किसान पुल या सरकंडे पर बेल वाली फसलों को लगाते थे. अब यहां का किसान खुद आगे आ रहा है. अक्टूबर तथा नवंबर महीने में इन बेल वाली सब्जियों की बुवाई की जाती है. उन्होंने कहा कि इस बार पैदावार अच्छी है और किसानों को भाव भी अच्छा मिल रहा है. किसान इन फसलों को ओखला, आजादपुर मंडी, अलवर तथा पंजाब क सब्जी मंडियों तक भेजता है. उन्होंने कहा कि मंडियों के भाव ऑनलाइन है, जहां भी अच्छा भाव मिलता है किसान अपनी फसल को बेचने के लिए वहां तक चला जाता है.

Vegetable Farming in Nuh
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लो टनल तकनीक से खेती: खास बात यह है कि इस बार भाव भी किसानों को अच्छा मिल रहा है. किसान लो टनल तकनीक से इस खेती को कर रहा है. जिसमें सिंचाई में पानी कम लगता है. किसानों का कहना है की अच्छी पैदावार होती है और प्राकृतिक आपदा या बीमारियों से फसल बच जाती है, तो उन्हें अच्छा खासा लाभ हो जाता है. लेकिन कई बार प्राकृतिक आपदा तथा फसल में लगी बीमारी के कारण खर्च तक भी नहीं निकल पाता है.

नूंह में बड़े पैमान पर होती है खेती: अगर किसानों को लोकल स्तर पर मंडियां खोल दी जाए तो समय व धन की बर्बादी से भी बचा जा सकता है. कुल मिलाकर नूंह जिले के नगीना तथा फिरोजपुर झिरका खंड में बड़े पैमाने पर किसान सब्जी की फसल उगाता है. युवा किसानों ने कहा कि लोगों को इस सब्जी फसल से रोजगार भी मिल रहा है, जो पढ़े-लिखे नौजवान युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, वह सब्जी फसलों में अपना समय लगा रहे हैं और परिवार का सहयोग कर रहे हैं.

सोना उगल रही खेत: कुल मिलाकर गुमट बिहारी गांव के किसान दिन भर अपने खेतों में सब्जी फसलों में सिंचाई, तुड़ाई, पैकिंग, छंटाई इत्यादि करते हुए देखे जा सकते हैं. शाम के समय इन फलों की पैकिंग की जाती है और सुबह-सुबह या फिर देर शाम को पिकअप गाड़ियों में इन सब्जियों को भरकर एनसीआर की मंडियों के लिए किसान निकल जाता है. सबसे खास बात यह है कि जिस इलाके में सब्जी की फसल हो रही है. करीब एक दशक पहले वह खेती कृषि योग्य नहीं थी, लेकिन उत्तर प्रदेश की इत्यादि राज्यों से आए हुए कुछ किसानों ने यहां के किसानों की ऐसी भूमि को ठेके पर लिया और उसमें सोना उगा कर दिखा दिया.

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