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UP Budget 2024: घटा कौशल विकास मिशन का बजट, एक लाख कम युवाओं को मिल सकेगा प्रशिक्षण

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 6, 2024, 7:39 PM IST

Updated : Feb 7, 2024, 8:41 PM IST

यूपी सरकार के बजट 2024 में युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण देने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. इसके इतर बजट में पहले के मुकाबले 50 करोड़ की धनराशि घटा दी गई है. ऐसे में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी कौशल विकास मिशन योजना के सफल क्रियान्वयन पर सवाल उठने लाजमी हैं. Skill Development Mission Budget
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कौशल विकास मिशन के बजट पर राय रखते अर्थशास्त्री डॉ. मनीष हिंदवी.

लखनऊ : यूपी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के अपने बजट में कौशल विकास मिशन का बजट पहले की अपेक्षा 50 करोड़ कम कर दिया है. वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी. हाल ही में पेश किए गए प्रदेश के बजट में 50 करोड़ घटाकर इसे 100 करोड़ में सीमित कर दिया गया. स्वाभाविक है कि इससे लगभग एक लाख युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण नहीं मिल सकेगा.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कौशल विकास मिशन को बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना मानते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राय: अपने भाषणों में युवाओं को निपुण बनाने के लिए शुरू की गई इस योजना का जिक्र करते रहते हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने बजट क्यों घटाया और इसके पीछे सरकार की क्या मंशा है, यह समझ से परे हैं. खास बात यह है कि इस विभाग का बजट ऐसे समय में कम किया गया है, जब लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनावों में युवाओं को रोजगार देने और उन्हें प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार लायक बनाने का काम प्रभावित हो रहा है.

इस वर्ष में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत 12 लाख से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जबकि से 4.13 लाख युवाओं को विभिन्न कंपनियों में रोजगार मिला है. वहीं अब उच्च शिक्षा संस्थानों में भी कौशल आधारित पाठ्यक्रम- बीबीए (रिटेल), बीबीए (लॉजिस्टिक), बीबीए (हेल्थकेयर) और बीबीए (टूरिज्म व हॉस्पिटैलिटी) के लिए 113 महाविद्यालयों का चयन किया गया है. व्यावसायिक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए व्यावहारिक या वोकेशनल ओरियेंटेशन कार्यक्रम तथा माध्यमिक स्तर पर वित्तीय वर्ष 2024-2025 में व्यावसायिक शिक्षा योजना के सुदृढ़ीकरण के लिए विद्यालयों को हब एवं स्पोक्स मॉडल के रूप में विकसित करते हुए स्थानीय मांग एवं ओडीओपी के अनुरूप अधिकाधिक विद्यार्थियों को जॉब रोल/सेक्टर में नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क एवं नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुसार पाठ्यक्रम संचालित किए जाने की योजना है.

अर्थशास्त्री डॉ. मनीष हिंदवी कहते हैं कि योगी जी के इस बजट में युवाओं को लेकर कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं है. युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा? वह क्या काम करेंगे? अगर वह स्वरोजगार में जाएंगे तो उन्हें पूंजी कहां से मिलेगी. साथ ही उन्हें मार्केट कहां से मिलेगी. आपने कौशल विकास में जो प्रशिक्षण देने का काम शुरू किया था, उसका भी बजट कम कर दिया. बजट कम होने के कारण अब पहले की तुलना में एक लाख कम युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. पिछली बार जिनको प्रशिक्षित किया गया था वह कहां हैं? चार लाख लोगों को, जिन्हें नौकरी देने का दावा किया जा रहा था, वह कहां हैं. इस सरकार में युवाओं को लेकर बहुत ही भ्रम की स्थिति है. रोजगार को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि 25 करोड़ के प्रदेश में, जहां 14 करोड़ युवा हैं, 18 से 35 वर्ष के बीच के, सरकारी आंकड़े ही बता रहे हैं कि युवाओं में बेरोजगारी बहुत भयंकर हो गई है. मतलब युवाओं में बेरोजगारी लगभग 23 प्रतिशत के आसपास है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार इस तरह से संवेदनहीन बनी हुई है.


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Last Updated :Feb 7, 2024, 8:41 PM IST
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