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भविष्य की जरूरतों को देखते हुए युवाओं के लिए तैयार किए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम : रमेश रंजन

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 24, 2024, 5:51 PM IST

उत्तर प्रदेश में कौशल विकास मिशन के तहत तमाम तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इन प्रशिक्षण का उद्देश्य अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है. देखिए यूपी ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी की विशेष रिपोर्ट.

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देखिए, रमेश रंजन निदेशक कौशल विकास मिशन से यूपी ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी की खास बातचीत.

लखनऊ : युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कर रहा है. प्रदेश में नौ सौ से ज्यादा प्रशिक्षण सहयोगी साढ़े आठ हजार से ज्यादा केंद्रों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं. मिशन ने अब तक 10 लाख से ज्यादा युवाओं का पंजीकरण किया है और साढ़े छह लाख से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. हमने मिशन के कार्यों और योजनाओं के विषय में विस्तार से बात की कौशल विकास मिशन के निदेशक रमेश रंजन से. देखिए पूरी बातचीत...



प्रश्न : इस वित्तीय वर्ष में कौशल विकास मिशन द्वारा कितने युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया और कितने लोगों को रोजगार दिला पाए हैं आप?

उत्तर : उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के माध्यम से हम लोगों का मेन काम रहा है. 2023-24 में लगभग तीन लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिलाने से लेकर नौकरी तक दिलाने का काम हम लोगों ने किया है. जनवरी में हम लोगों ने वृहद रोजगार मेला हर एक ब्लॉक स्तर पर लगवाया. इसमें लगभग 60 हजार युवाओं को पिछले 20 दिन में रोजगार मेलों के माध्यम से नौकरियां दिलाने का काम किया गया है. इन रोजगार मेलों में बड़ी-बड़ी कंपनियां सहभागिता कर रही हैं. यह रोजगार मेले फरवरी में भी जारी रहेंगे. हमारा उद्देश्य है कि जिन लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है, उन्हें नौकरी के अवसर प्राप्त हो सकें.


प्रश्न : चूंकि यह मेले ब्लॉक स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं तो निश्चित रूप से दूर-दराज के गांवों के युवाओं को भी रोजगार के अवसर मिल रहे होंगे. आपके साथ कौन सी बड़ी कंपनियां सहभागिता कर रही हैं?


उत्तर : इस बार रोजगार मेलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा गया है. सब लोगों से अनुरोध किया गया है और सभी का सहयोग भी मिल रहा है. इससे लोगों में जागरूकता बढ़ी है. हर रोजगार मेले में 800 से लगाकर 1000 तक युवा प्रतिभाग कर रहे हैं, जिनमें दो-ढाई सौ युवाओं को नौकरी भी मिल रही है. इनमें कुछ बड़ी कंपनियां, एनजीओ और अलग-अलग क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां शामिल हैं. हर मेले में 35 से 40 कंपनियां अपनी सहभागिता करती हैं.


प्रश्न : वह कौन-कौन से ट्रेड हैं, जिनके तहत मिशन युवाओं को प्रशिक्षण दिलाता है?

उत्तर : देखिए हमारी सरकार का लक्ष्य एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का है. ऐसे में दोनों तरह की ट्रेड चलती हैं. इन में कुछ पारंपरिक ट्रेड हैं, जैसे आईटीआईटीएस, अपेरेल, ब्यूटी एंड वेलनेस है और लॉजिस्टिक का है. इसके साथ ही नई टेक्नोलॉजी में भी प्रशिक्षण दिलाए जा रहे हैं. इनमें आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस का क्षेत्र हो, ड्रोन ऑपरेटर्स का प्रशिक्षण है,सुरक्षा का क्षेत्र, साइबर सिक्योरिटी आदि के भविष्य की जरूरतों वाले क्षेत्रों में भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ऐसे क्षेत्र भी जिनमें संभावनाएं अधिक हैं. हम उन क्षेत्रों में भी विशेष ध्यान दे रहे हैं. जैसे कृषि क्षेत्र में नौकरियां भले ही कम हों, लेकिन स्वरोजगार बहुत है. इसलिए हम आधुनिक कृषि क्षेत्र में भी प्रशिक्षण दिलाने का काम कर रहे हैं.



प्रश्न : अभी तक मिशन असिस्मेंट का काम दूसरी संस्थाओं से कराता था. अब यह दायित्व भी आप लोगों को ही मिल गया है. इस विषय में हमें बताइए.

उत्तर : एनसीवीटी के माध्यम से जो डुअल अवार्डिंग बॉडी का काम था. इसकी मान्यता अब उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन को भी मिल गई है. इससे हमें अब दो फायदे होने वाले हैं. एक तो ऐसे कोर्स जो अब तक हम नहीं चला पा रहे थे. अब एनसीवीटी से अप्रूव कराने के बाद हम चला सकते हैं. दूसरा असिस्मेंट में जो विलंब हो रहा था, हम उसे भी ठीक करा लेंगे. इससे समय बचेगा. आने वाले समय में हम दूसरी एजेंसी के माध्यम से अन्य राज्यों में भी असिस्मेंट कर सकते हैं. यह एक सकारात्मक बदलाव हुआ है कौशल विकास मिशन, उप्र के लिए.


प्रश्न : प्रदेश में केंद्र सरकार की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं?

उत्तर : केंद्र सरकार की ग्राम्य विकास विभाग से डीडीयू-2 योजना चल रही है. दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना के तहत इसका 2.O की जल्दी ही लॉन्च होने वाला है. इसके साथ ही पीएमकेवीवीई 4.2, पीएम विश्वकर्मा योजना आदि योजनाएं भी संचालित हैं. डीडीयू जीकेवाई आवासीय योजना है. इस योजना में भी इस वर्ष हम एक लाख से ज्यागा युवाओं का पंजीकरण कर चुके हैं, जिनका अभी प्रशिक्षण चल रहा है. पीएमकेवीवाई 4.O भारत सरकार के माध्यम से कराया जा रहा है. हम लोग योजना में सहयोग कर रहे हैं, ताकि काम में और तेजी आ सके. उसमें भी लगभग दो लाख युवाओं का पंजीकरण किया जा चुका है. इसी तरह से पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री जी ने लॉन्च की थी, जो पहले नौ बड़े जिलों में चल रही थी. अब शेष जिलों के लिए भी खोली जा रही है.


प्रश्न : चूंकि आप इंजीनियर भी रहे हैं और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए इसीलिए ड्रोन आदि का प्रशिक्षण भी आरंभ कराया है आपने. स्कूलों और जेलों में भी प्रशिक्षण चल रहा है. वहां कैसा प्रशिक्षण चल रहा है?

उत्तर : देखिए, कौशल का जो मुख्य उद्देश्य है, स्किलिंग, री स्किलिंग और अप स्किलिंग. कौशल ही हर आदमी को हर क्षेत्र में आवश्यकता होती है. सीखना एक सतत जरूरत है. उसी में हम लोगों ने कई नई चीजों को जोड़ा है. जैसे न्यू एजुकेशन पॉलिसी आई है तो उसमें जो हमारे माध्यमिक शिक्षा के जितने विद्यालय हैं, उनमें कौशल विकास के पाठ्यक्रमों को अनिवार्य कर दिया गया है. लगभग साढ़े तीन सौ विद्यालयों में हम अलग-अलग ट्रेड में प्रशिक्षण दे रहे हैं. बच्चों को भी नौवीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं में प्रशिक्षण दिलवा रहे हैं. यहां कंप्यूटर से लेकर साइबर सिक्योरिटी आदि तक के कोर्स दिए गए हैं. जेल और सुधार ग्रहों में भी हम प्रशिक्षण दिलाने का काम करते हैं. सभी जेलों में हम लगभग दो बार प्रशिक्षण करा चुके हैं. उसमें भी अच्छा प्रशिक्षण हुआ है. जब लोग जेल से बाहर निकले हैं तो उन्हें रोजगार के अवसर या स्वरोजगार करने में मदद मिली है. हम चाहते हैं कि लोग प्रशिक्षण लेकर दूसरों को भी रोजगार दे सकें, इस योग्य बनें.



प्रश्न : भविष्य में आपकी क्या तैयारी है? कैसे मिशन के उद्देश्यों को अधिक सफल बनाने के लिए काम कर रहे हैं?

उत्तर : हमारी कोशिश है कि जो बच्चे 12वीं पास हुए हैं या जो अन्य संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, कैसे उन्हें प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ा जा सके. हम ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से भी बच्चों को घर बैठे प्रशिक्षण देने के लिए प्रयासरत हैं. इससे उन्हें रोजगार मिलने में आसानी रहेगी जो कोर्स अभी हमारे यहां उपलब्ध नहीं है, किंतु उनमें लोगों की मांग है, हम उन क्षेत्रों में भी प्रशिक्षण प्रारंभ करेंगे.

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