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ड्रग फैक्ट्री मामले में यूनिवर्सिटी के दो छात्रों के कनेक्शन का खुलासा, यूनिवर्सिटी में करते थे ड्रग्स सप्लाई - GREATER NOIDA DRUG FACTORY CASE

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 30, 2024, 4:51 PM IST

ग्रेटर नोएडा पुलिस
ग्रेटर नोएडा पुलिस

ग्रेटर नोएडा की ड्रग फैक्ट्री मामले में पुलिस ने दो लड़कियों के शामिल होने का खुलासा किया है, जो अभी तक फरार है. इनमें से एक लड़की ग्रेटर नोएडा की एक निजी यूनिवर्सिटी की छात्रा बताई जा रही है. फिलहाल पुलिस ने इस एंगल से भी जांच शुरू कर दी है.

ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा के 200 करोड़ के ड्रग फैक्ट्री मामले में पुलिस ने एक नया खुलासा किया है. इस ड्रग धंधे में दो लड़कियों के शामिल होने की बात सामने आई है, जो अभी तक फरार है. वहीं, इसमें से एक लड़की ग्रेटर नोएडा के एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी की छात्रा है, जिसके नाम पर ही रेंट एग्रीमेंट बनवाकर घर को किराए पर लिया गया था.

पुलिस ने आशंका जताई है कि इस मामले में यूनिवर्सिटी के कई और छात्र शामिल हो सकते हैं. फिलहाल पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है. साथ ही फरार लड़कियों की तलाश की जा रही है. इस मामले में बीते 18 को एक ड्रग फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने चार विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था.

ड्रग धंधे में कई यूनिवर्सिटी के छात्र शामिल होने की आशंका

अब तक की जांच में पता चला है कि जिस 200 करोड़ रुपये की ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है, उस घर का रेंट एग्रीमेंट एक लड़की के नाम पर था, जो ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित एक यूनिवर्सिटी की छात्रा है. और गिरफ्तार आरोपी की बहन है. पुलिस को शक है कि उसके साथ पढ़ने वाले कई बच्चे इस गिरोह का हिस्सा हो सकते हैं.

अधिकारियों के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए चारों लोग मूल रूप से नाइजीरिया के रहने वाले हैं. जांच में पता चला है कि इसमें दो लड़कियां भी शामिल हैं, जो मूल रूप से अफ्रीका की रहने वाली हैं, जो अभी भी फरार हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि छात्रा ने रेंट एग्रीमेंट में खुद को ग्रेटर नोएडा के एक यूनिवर्सिटी का छात्र बताया था. हालांकि, इस मामले की अभी जांच की जा रही है.

सभी आरोपी भारत में अवैध रूप से बना रखा था ठिकाना

ग्रेटर नोएडा की पुलिस टीम ने एक सूचना के आधार पर गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी के पास से ओनय्कची फ्रैंक और इमैनुवल को गिरफ्तार किया था. इनके पास से एक कार में रखी हुई एमडीएमए मादक पदार्थ बरामद किया गया था. पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने बताया कि ओमिक्रान-1 में स्थित एक मकान में वो रहते हैं और वहां पर एमडीएमए समेत अन्य मादक पदार्थ बनाने की फैक्ट्री चलाते थे.

इसके बाद पुलिस ने घर पर छापा मारा और अन्य दो आरोपियों इफेनयी जांबोस्को और चिडी को गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से कुल 26 किलो 760 ग्राम क्रिस्टल (एमडीएमए पाउडर) बरामद हुआ. इसके अलावा ड्रग बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल, उपकरण, रासायनिक सामान, रसायन और दो कारें बरामद की गईं. पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी नाइजीरिया से आए थे और भारत में अवैध रूप से रह रहे थे. ये लोग ड्रग्स बनाकर देश के अलग-अलग हिस्सों और यहां की कई यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों को बेचते करते थे.

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बता दें, इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तार चारों आरोपियों के फोन को फॉरेंसिक टीम के पास भेजा है, जिससे उनके फोन के डेटा को रिकवर कर उनके ग्राहकों और अन्य कनेक्शन तक पहुंच सकें. सभी आरोपियों ने तीन से चार महीने पहले ही इस मकान को किराए पर लिया था और उसके बाद इसे ड्रग की फैक्ट्री के रूप में तब्दील कर दिया गया. आरोपी ड्रग्स मैन्युफैक्चरिंग के बाद अपने एजेंट, ऑनलाइन ऑर्डर, शॉपिंग एप्स के माध्यम से ड्रग्स का निर्यात दिल्ली एनसीआर के कॉलेज यूनिवर्सिटी ओर नॉर्थ ईस्ट राज्यों में करने के प्लान में थे, जिसका पुलिस ने भंडाफोड़ किया है.

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