ETV Bharat / state

उत्तराखंड में मानसून सीजन में जमकर बरसेंगे बदरा, सामान्य से ज्यादा होगी बारिश - Rainfall in Uttarakhand

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 25, 2024, 9:54 PM IST

Rain in Uttarakhand
उत्तराखंड में बारिश

Monsoon Season in Uttarakhand उत्तराखंड में मानसून सीजन में बदरा खूब बरसेंगे. इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अनुमान जताया गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार बारिश ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है. लिहाजा, संबंधित विभागों को अभी से ही तैयारियां मुकम्मल करने को कहा गया है.

देहरादून: उत्तराखंड में इस साल मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है. मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह की मानें तो इसकी संभावनाएं 60 फीसदी से ज्यादा हैं. लिहाजा, अभी से ही सभी विभागों को इसे ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है.

दरअसल, उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की ओर से मानसून की तैयारियों को लेकर विभिन्न विभागों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित की गई. इस दौरान मौसम निदेशक विक्रम सिंह ने कहा कि मौसम विभाग मौसम संबंधी जानकारियों को लेकर लगातार अलर्ट भेजता है. इसका अनुपालन किया जाए तो आपदाओं के प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. साथ ही जानमाल के नुकसान में भी कमी लाई जा सकती है.

विक्रम सिंह ने कहा कि मौसम विभाग की ओर से प्रभाव आधारित पूर्वानुमान (Impact Based Forecast) जारी किया जा रहा है. जिससे विभिन्न विभागों को समय रहते अपनी-अपनी तैयारियां करने का पर्याप्त समय मिल जाता है. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से मौसम की रियल टाइम मॉनिटरिंग आनी वास्तविक समय में निगरानी भी की जा रही है, जिससे काफी हद तक सटीक पूर्वानुमान लगाना संभव है.

मौसम विभाग की वेबसाइट पर दी जाती है पल-पल की जानकारी: वहीं, मौसम विशेषज्ञ रोहित थपलियाल ने बताया कि मौसम विभाग की वेबसाइट पर मौसम की पल-पल की जानकारी मौजूद है. विभिन्न माध्यमों से इसकी जानकारियां लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. साथ ही मौसम विभाग एलर्ट जारी करने के साथ ही क्या-क्या एहतियात बरते जाने चाहिए? इसकी भी जानकारी साझा करता है.

उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र (यूएलएमएमसी) के निदेशक शांतनु सरकार ने कहा कि बरसात के दौरान भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में सतर्क रहने की जरूरत है. ऐसे सभी क्षेत्रों में न्यूनीकरण एवं प्रबंधन उपायों में संबंधित विभाग को तेजी लाने की जरूरत है. उन्होंने जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक से रिटेनिंग वॉल बनाने और तारबाड़ करने को कहा.

भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रोड पर शेल्टर अच्छा विकल्प: इसके अलावा भूस्खलन क्षेत्रों की निगरानी और अर्ली वार्निंग जारी करने, रॉक फाल जोन की मैपिंग करने के संबंध में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रोड पर शेल्टर्स एक तरह की सुरंगद्ध बनाना अच्छा विकल्प है. इससे मलबा शेल्टर के ऊपर गिरेगा. जबकि, ऊपर शेल्टर होने की वजह से नीचे यातायात सामान्य रूप से चलता रहेगा.

आकाशीय बिजली से ऐसे बचें: वहीं, प्रशिक्षण शिविर में यूएसडीएमए के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. विमलेश जोशी और मौसम विशेषज्ञ पूजा राणा ने आकाशीय बिजली से बचाव के उपायों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि हर साल काफी संख्या में लोग आकाशीय बिजली की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं. जब घर के अंदर हों तो बिजली के स्विच से उपकरणों के प्लग निकाल दें. तार वाले फोन का प्रयोग कतई न करें.

जब बिजली कड़क रही हो, उस समय न तो नहाना चाहिए और न ही बर्तन धोने चाहिए. खासकर जब घर से बाहर हों तो ज्यादा एहतियात या सावधानी बरतने की जरूरत है. किसी पेड़ के नीचे खड़े रहना या बिजली या फिर किसी अन्य पोल के सहारे खड़ा रहना खतरनाक साबित हो सकता है. यदि बोटिंग या स्विमिंग कर रहे हों तो पानी से बाहर आना जरूरी है.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.