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'मेरा ये दर्द करोड़ों बेरोजगार युवाओं की तकलीफ के आगे कुछ भी नहीं', तबीयत बिगड़ने के बाद तेजस्वी का पोस्ट - TEJASHWI YADAV

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 4, 2024, 7:51 AM IST

Updated : May 4, 2024, 1:06 PM IST

Tejashwi Yadav
तेजस्वी यादव (ETV Bharat)

TEJASHWI YADAV HEALTH DETERIORATED: अररिया में चुनावी रैली के दौरान आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की तबीयत बिगड़ गई, जिस वजह से उन्होंने संक्षेप में अपना संबोधन दिया. वहीं, अब उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि पिछले कुछ दिनों से उनके कमर में दर्द था. हालांकि नेता प्रतिपक्ष ने ये भी कहा कि मेरा ये दर्द बिहार के उन करोड़ों बेरोजगार युवाओं की तकलीफ के आगे कुछ भी नहीं है, जो नौकरी-रोजगार की आस में बैठे हैं.

पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की तबीयत खराब हो गई. अररिया के फारबिसगंज स्थित सिमराहा मध्य विद्यालय मैदान में आरजेडी कैंडिडेट शाहनवाज आलम के पक्ष में रैली को संबोधित करने के दौरान उनके कमर और पैर की मोच के कारण दर्द इतना बढ़ गया कि उन्होंने कुछ ही देर भाषण दिया. अपनी सेहत को लेकर उन्होंने एक्स हैंडल पर अपडेट दिया है.

तेजस्वी के कमर में दर्द: तेजस्वी ने एक्स हैंडल पर लिखा, ' महीनों से अलट-पलट वाली अथक सामाजिक राजनीतिक यात्रा रही है. आराम के अभाव एवं निरंतर यात्रा के कारण दो हफ्ते से कमर में हल्का दर्द था, दो दिन से अचानक बढ़ गया लेकिन मेरा ये दर्द बिहार के उन करोड़ों बेरोजगार युवाओं की तकलीफ के आगे कुछ भी नहीं है, जो नौकरी-रोजगार की आस में बैठे हैं. जिनके सपनों को विगत 10 वर्षों में धर्म की आड़ में कुचला गया है.

Tejashwi Yadav
अररिया में सभा के दौरान तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav X)

"मैं अपने दर्द को भूल जाता हू, जब देखता हू कि कैसे गरीब माताओं-बहनों को महंगाई के कारण रसोई चलाने में भारी पीड़ा का अनुभव होता है. किसान भाइयों को सिंचाई के साधन और फसल का उचित दाम नहीं मिलने तथा संसाधनों के अभाव एवं रोजी-रोटी के लिए लाखों साथियों के पलायन का कष्ट देखता हूं तो मुझे मेरा दर्द महसूस भी नहीं होता." - तेजस्वी यादव, पूर्व डिप्टी सीएम, बिहार

'लोगों की पीड़ा से परेशान हूं': तेजस्वी ने आगे लिखा कि छात्र को पीड़ा हैं, क्योंकि उन्हें अच्छी पढ़ाई नहीं मिल पा रही. बिहार के मेरे बुज़र्गों की पीड़ा है कि उन्हें अच्छी दवाई नहीं मिल पा रही, थाना और ब्लॉक के भ्रष्टाचार से आमजन परेशान है. हर वर्ग को पीड़ा है, क्योंकि उनके अधिकार, उनका न्याय उन्हें नहीं मिल पा रहा है. मैं इन सबों की तकलीफ में अपने आप को साझीदार मानता हूं.

'दर्द कितना हो, रुकना नहीं है': नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार में एनडीए सरकार से जनता त्रस्त है. ऐसे में यदि मैंने अपनीं पीड़ा की चिंता की और ये कदम रुक गए तो फिर लोगों की उम्मीदें भी बुझ जाएंगी. महंगाई, तानाशाही, अत्याचार और अन्याय की आग में बिहार झुलसता रहेगा. इसलिए मैंने तय किया है कि भले ही बाधा कितनी हो, भले ही दर्द कितना हो, रुकना नहीं है, झुकना नहीं है और थकना नहीं है. लक्ष्य की प्राप्ति तक चलते जाना है, बढ़ते जाना है, जीतते जाना है जीताते जाना है. लक्ष्य प्राप्त किए बिना रुकना मेरे खून में नहीं है.

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Last Updated :May 4, 2024, 1:06 PM IST
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