पटना: होली के मौके पर भी शिक्षा विभाग के फरमान पर सोमवार को प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल खुले रहे. विद्यार्थियों की पूर्व से निर्धारित परीक्षा 29 मार्च के लिए शिफ्ट हो जाने के कारण विद्यार्थियों के लिए स्कूल बंद रहा. लेकिन सभी शिक्षक सरकार के निर्देश पर स्कूल पहुंचे और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आकर शिक्षकों की उपस्थिति का निरीक्षण किया.
शिक्षकों ने केके पाठक के खिलाफ जताया विरोध: स्कूल में जीरो अटेंडेंस पर हाजिरी बनाकर शिक्षक वापस लौटे. एसीएस केके पाठक का स्पष्ट निर्देश था कि 25 मार्च अर्थात आज होली के दिन विद्यालयों में विशेष निरीक्षण होगा और जो भी शिक्षक अनुपस्थित होंगे उनका एक दिन का वेतन काटा जाएगा और अगले दिन का भी वेतन काट लिया जाएगा. ऐसे में शिक्षक स्कूल पहुंचे, कई लोगों ने शिक्षकों पर रंग भी फेंक दिया. इसके बाद शिक्षकों ने चेहरा ढक कर शरीर पर केके पाठक नाम लिखकर अपना विरोध जताया.
विद्यार्थियों की रही छुट्टी: गौरतलब है कि 25 मार्च और 26 मार्च को बिहार में 2 दिन होली मनाई जा रही है. देश में अधिकांश जगहों पर होली 26 मार्च को मनाई जा रही है. 26 मार्च को सरकारी छुट्टी है. ऐसे में अभिभावकों के दबाव को देखते हुए 25 मार्च को विद्यार्थियों के लिए छुट्टी कर दी गई, लेकिन शिक्षकों के लिए स्कूल खुल रहा. इसके अलावा शिक्षा विभाग के निर्देश पर आज से कक्षा एक से पांच तक के 19200 प्रारंभिक शिक्षकों की ट्रेनिंग भी शुरू हो गई है.
शिक्षकों की उपस्थिति का किया गया निरीक्षण: यह ट्रेनिंग एससीईआरटी की ओर से दी जा रही है, जो 30 मार्च तक चलेगी. इस छह दिवसीय प्रशिक्षण में शिक्षकों को कक्षा एक से पांच तक स्कूलों को उपलब्ध कराए गए फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी (FLN) किट से पढ़ाने के तौर तरीके बताएंगे जाएंगे. SCERT की ओर से यह प्रशिक्षण प्रदेश के सभी प्रशिक्षण केंद्र जैसे की CTE, DIET, PTEC और BITE में चल रहा है. केंद्र के आसपास केंद्र से जुड़े लोगों के अलावा अन्य लोगों का पहुंचना सख्त वर्जित है.
'सरकार में आते ही बीजेपी का बदला रुख': वहीं बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि भाजपा जब विपक्ष में थी तो स्कूलों के कई छुट्टियों को रद्द किए जाने के बाद शिक्षकों के समर्थन में काफी आवाज उठा रही थी. लेकिन आज सत्ता में आने के बाद उसके कई नेता जो सनातनी होने का दंभ भरते हैं, उन्हीं के शासन में शिक्षकों के साथ ऐसा अन्याय हो रहा है.
"होली के मौके पर स्कूल खुले रहे और इसके कारण शिक्षकों को काफी परेशानी हुई. कई शिक्षकों को लोगों ने प्रेम से रंग गुलाल कीचर गोबर इत्यादि से रंग दिया. होली का त्यौहार भी यही है कि एक दूसरे को हम गले लगा कर कीचड़ लगाते हैं, रंग लगाते हैं. कोई मना भी नहीं कर सकता है."- अमित विक्रम,अध्यक्ष,बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ
'राजनीतिक दलों ने शिक्षकों को छला': अमित विक्रम ने कहा कि रक्षाबंधन के मौके पर जब स्कूल खुला था और भाजपा विपक्ष में थी तो सम्राट चौधरी और तमाम बड़े नेता कह रहे थे कि बिहार में तालिबानी शासन आ गया है और सरिया कानून लागू हो गया है. अब जब भाजपा सत्ता में है और होली के मौके पर स्कूल खुले हैं और भाजपा के लोग सत्ता में रहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं. क्या इस समय प्रदेश में सरिया कानून नहीं चल रहा. हिंदुओं के इतने बड़े त्यौहार पर शिक्षकों को त्योहार मनाने की छुट्टी नहीं है. राजनीतिक दलों ने शिक्षकों को सिर्फ छलने का काम किया है.
'नोटा बटन दबाएंगे शिक्षक': अमित विक्रम ने कहा कि आज से ही प्रदेश के कक्षा 1 से 5 के 19200 शिक्षकों का 6 दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हो गया है. इस कारण सिर्फ शिक्षक ही नहीं बल्कि उनका पूरा परिवार होली नहीं माना पा रहा है. भाजपा के सत्ता में रहने के बावजूद हिंदुओं के इतने महत्वपूर्ण त्यौहार होली के मौके पर शिक्षकों की छुट्टी नहीं होने और प्रशिक्षण कार्य शुरू होने के कारण लाखों लोग होली का त्यौहार नहीं मना पा रहे हैं. शिक्षकों ने अब तय कर लिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में प्रदेश के लाखों शिक्षक मतदान केंद्र पर नोटा बटन दबाएंगे और राजनीतिक दलों का बहिष्कार करेंगे.
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