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विलुप्त होती बिरहोर जनजाति के एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थिति में मौत, दो माह के अंदर एक ही टोला में गई दूसरी जान - Birhor tribe person death

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 11, 2024, 6:58 AM IST

Updated : Apr 11, 2024, 9:36 AM IST

Birhor tribe person death in Hazaribag
Birhor tribe person death in Hazaribag

Birhor tribe person death in Hazaribag. हजारीबाग के केरेडारी में बिरहोर जनजाति के एक व्यक्ति की संदेहास्पद मौत हो गई. लोगों ने खनन कंपनी से निकलने वाले कोयले के डस्ट को मौत का कारण बताते हुए सड़क जाम कर दिया. जिसके बाद प्रशासन की टीम ने स्थिति का जायजा लिया.

बिरहोर जनजाति के एक व्यक्ति की संदिग्ध मौत

हजारीबाग: जिले में विलुप्त हो रही बिरहोर जनजाति के दुर्गा बिरहोर की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई. घटना के बाद आक्रोशित बिरहोर जनजाति के लोगों ने सड़क जाम कर दिया. करीब 5 घंटे तक लोग शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करते रहे.

लुप्तप्राय जनजाति बिरहोर ने माइनिंग कंपनी पर आरोप लगाया है कि संचालित खदान से निकलने वाला कोयले का डस्ट दिन-रात घर में घुसता है. जिसके कारण सांस लेने में काफी दिक्कत होती है. प्रदूषण की वजह से हर कोई बीमार पड़ रहा है. 2 महीने के अंदर दो लोगों की मौत हो गई. प्रदूषण के कारण बिरहोर मर रहे हैं.

स्थिति की नजाकत को देखते हुए उपायुक्त के निर्देश पर अधिकारी जांच के लिए मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि जांच के बाद विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएगी और उसके बाद ही कुछ टिप्पणी की जा सकेगी.

वहीं, स्थानीय मुखिया का कहना है कि बिरहोर की स्थिति से प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया. लेकिन मौत के बाद पहली बार जिले से कोई टीम जांच करने पहुंची है. कम से कम प्रशासन तो जागा है. दो माह के भीतर यह दूसरी संदिग्ध मौत है. हमें इंतजार रहेगा कि जांच करने आयी टीम क्या रिपोर्ट देती है.

9 अप्रैल को हुई थी दुर्गा बिरहोर की मौत

दरअसल, हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पगार गांव स्थित बिरहोर टोला निवासी करीब 36 वर्षीय दुर्गा बिरहोर की 9 अप्रैल की रात अचानक मौत हो गयी. दुर्गा बिरहोर के 4 बच्चे हैं, 2 बेटे और 2 बेटियां. मौत के बाद 10 अप्रैल की सुबह बिरहोर टोला के लोगों ने एनटीपीसी की छतबरियातू कोयला खनन परियोजना की सहायक कंपनी रितिक कंपनी की सड़क पर शव रख कर सड़क जाम कर दिया. जिसके बाद प्रशासन और कई स्थानीय जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया.

लुप्तप्राय जनजाति बिरहोर ने कंपनी पर आरोप लगाया है कि संचालित खदान से कोयले का डस्ट दिन-रात घर में घुसता है. जिसके कारण लोगों की जान जा रही है. सड़क जाम के कारण सुबह छह बजे से दोपहर एक बजे तक कंपनी का काम ठप रहा.

फिलहाल, मृतक के परिवार को 30 हजार रुपये मुआवजा, अंतिम संस्कार के लिए 20 हजार रुपये, एक बेटे को नौकरी और दोनों नाबालिग बच्चों को 5-5 हजार रुपये प्रति माह देने का लिखित आश्वासन दिया गया. आश्वासन मिलने के बाद शव को उठाया गया. हालांकि बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

28 फरवरी हुई थी बच्ची की मौत

इससे पहले 28 फरवरी को बीरू बिरहोर की 9 वर्षीय बच्ची किरनी कुमारी की मौत पेट दर्द से हो गयी थी. जिस पर केंद्र सरकार के निर्देश पर जिला जांच टीम द्वारा जांच की गई. हालांकि, पोस्टमार्टम न होने से मौत का कारण पता नहीं चल सका.

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Last Updated :Apr 11, 2024, 9:36 AM IST
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