ETV Bharat / state

कोडरमा में बिरहोर बच्चे की मौत के बाद जागा जिला प्रशासन, DC ने दिए जांच के आदेश

author img

By

Published : May 10, 2019, 9:03 PM IST

कोडरमा जिले में बिरहोर की मौत के बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं. जांच टीम ने फुलवरिया बिरहोर टोला में जाकर स्थिति की जांच की उसके बाद निजी क्लीनिक में छापेमारी की गई. डीसी भुनेश प्रताप सिंह ने बताया कि बिरहोर बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर पवन कुमार के सर्टिफिकेट फर्जी प्रतीत हो रहें हैं और डॉक्टर पवन कुमार झोलाछाप डॉक्टर मालूम पड़ते हैं. जिसकी जांच की जा रही है.

बिरहोर बच्चे की मौत के बाद जांच के आदेश

कोडरमा: जिले में बिरहोर की मौत के बाद जिला प्रशासन की नींद खुली है. बिरहोर की मौत के बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है और कोडरमा डीसी ने पूरे मामले में जांच के आदेश दिए हैं. जिसके बाद मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जांच टीम का गठन किया गया है.

बिरहोर बच्चे की मौत के बाद जांच के आदेश

डॉक्टर नदारत
जांच टीम ने फुलवरिया बिरहोर टोला में जाकर स्थिति की जांच की उसके बाद निजी क्लीनिक में छापेमारी की गई. जहां शिवम बिरहोर का इलाज किया गया था. इस दौरान शिवम बिरहोर का इलाज करने वाले डॉक्टर नदारत थे.

कानूनी कार्रवाई की जाएगी
मामले की जानकारी देते हुए कोडरमा डीसी भुनेश प्रताप सिंह ने बताया कि बिरहोर बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर पवन कुमार के सर्टिफिकेट फर्जी प्रतीत हो रहें हैं और डॉक्टर पवन कुमार झोलाछाप डॉक्टर मालूम पड़ते हैं. जिसकी जांच की जा रही है और अगर मामला सही निकला तो डॉक्टर पवन कुमार पर निश्चित तौर पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

जांच का विषय
इधर पूरे मामले पर सिविल सर्जन हिमांशु भूषण ने अपने सदर अस्पताल के डॉक्टर का बचाव करते हुए कहा कि बिरहोर बच्चा सदर अस्पताल में इलाज के लिए आया हुआ था. उसके मुंह और नाक से ब्लीडिंग आ रहा था. जिसके बाद डॉक्टर आरपी शर्मा ने बच्चे के ब्लीडिंग को बंद किया था और उसका जो इलाज होना चाहिए था वो किया गया. फिर बच्चा कैसे निजी क्लीनिक पहुंच गया और डॉक्टर पवन ने कैसे उसका इलाज किया यह जांच का विषय है.

ये भी पढ़ें- गर्मी में आग के खतरे, जानें किन नंबरों पर फोन करने से मिलेगी तुरंत मदद

जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल
बता दें कि कोडरमा में पिछले एक सप्ताह के अंदर दो बिरहोर की मौत लू लगने से हो चुकी है. जिसके बाद जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. बिरहोरों ने दावा किया था कि उनके घर तक कोई भी सरकारी सुविधा नहीं पहुंच पाती है. अगर सदर अस्पताल में शिवम का सही से इलाज हो जाता तो उसकी जान बच सकती थी.

Intro:कोडरमा में बिरहोर की मौत के बाद जिला प्रशासन की नींद खुली हैं । बिरहोर की मौत के बाद जिला प्रशासन ने कारवाई करनी शुरू कर दी हैं और कोडरमा डीसी ने पूरे मामले की जाँच के आदेश दिए हैं ,जिसके बाद एक मामले की निष्पक्ष जाँच के लिए जाँच टीम का गठन किया हैं ।जाँच टीम ने फुलवरिया बिरहोर टोला में जाकर वस्तु स्थिति की जाँच की उसके बाद निजी क्लीनिक में छापेमारी की गई जहाँ शिवम बिरहोर का इलाज किया गया था इस दौरान शिवम बिरहोर का इलाज करने वाले डॉक्टर नदारत मिले ।


Body:मामले की जानकारी देते हुए कोडरमा डीसी भुनेश प्रताप सिंह ने बताया कि बिरहोर बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर पवन कुमार के सर्टिफिकेट फर्जी प्रतीत हो रहें हैं और डॉक्टर पवन कुमार झोलाछाप डॉक्टर मालूम पड़ते हैं जिसकी जाँच की जा रही हैं और अगर मामला सही निकला तो डॉक्टर पवन कुमार पर निश्चित तौर पर कानूनी कारवाई की जाएगी ।इधर पूरे मामले पर सिविल सर्जन हिमांशु भूषण ने अपने सदर अस्पताल के डॉक्टर का बचाव करते हुए कहा कि बिरहोर बच्चा सदर अस्पताल में इलाज के लिए आया हुआ था और उसके मुंह और नाक से ब्लडिंग आ रहा था जिसके बाद डॉक्टर आरपी शर्मा ने बच्चे के ब्लडिंग को बंद किया था और उसका जो इलाज होना चाहिए था वो किया गया था फिर बच्चा कैसे निजी क्लीनिक पहुँच गया और डॉक्टर पवन ने कैसे उसका इलाज किया यह जाँच का विषय हैं ।


Conclusion:गौरतलब है कि कोडरमा में पिछले एक सप्ताह के अंदर दो बिरहोर की मौत लू लगने से हो चुकी हैं ।जिसके बाद जिला प्रशाशन के कार्यशैली पर सवाल उठ रहें थे और बिरहोरों ने दावा किया था कि उनके क्लोनियों तक कोई भी सरकारी सुविधा नहीं पहुँच पाती हैं ।और अगर सदर अस्पताल में शिवम का सही से इलाज हो जाता तो उसकी जान बच सकती थी ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.