मंडी: हिमाचल सरकार प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है. इसी के तहत मंडी जिले के 431 किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की को राज्य सरकार खरीदेगी. सुक्खू सरकार नेचुरल फार्मिंग से तैयार 65 मीट्रिक टन मक्की खरीदने जा रही है. जिससे किसानों को फायदा होगा. साथ ही प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा.
किसानों की जी तोड़ मेहनत और राज्य सरकार से मिलने वाले प्रोत्साहन से राज्य में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती को निरंतर बढ़ावा मिल रहा है. दिन-प्रतिदिन प्रदेश के लोग प्राकृतिक खेती के महत्व को समझ रहे हैं और इसे व्यापक स्तर पर अपना भी रहे हैं. इसके सार्थक परिणाम भी अब मिलने लगे हैं. प्राकृतिक खेती से जुड़े किसान मंडी जिला में अब इस विधि से मक्की व अन्य फसलें उगा रहे हैं. प्राकृतिक विधि से किसानों द्वारा उगाई जाने वाली मक्की की खरीद सीधे राज्य सरकार द्वारा की जानी है. इसके लिए वर्तमान प्रदेश सरकार ने मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये घोषित किया है.
किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में राज्य सरकार का यह एक क्रांतिकारी कदम है. इससे किसान कृषि के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगे. प्राकृतिक खेती के तहत उगाई गई मक्की की खरीद के लिए मंडी जिला में कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के तहत लगभग 431 किसानों को चिन्हित किया गया है. इन किसानों से लगभग 65 मीट्रिक टन मक्की खरीदी जानी है.
मंडी जिला के विभिन्न खंडों के तहत सरकार करेगी मक्की की खरीद
- करसोग में 49 किसानों से 5 मीट्रिक टन मक्की की खरीद
- चुराग में 50 किसानों से 4.78 मीट्रिक टन मक्की की खरीद
- सराज ब्लॉक में 38 किसानों 5.23 मीट्रिक टन मक्की की खरीद
- गोहर में 64 किसानों से 8.15 मीट्रिक टन मक्की की खरीद
- सदर में 11 किसानों से 1.65 मीट्रिक टन मक्की की खरीद
- बालीचौकी में 29 किसानों से 6.45 मीट्रिक टन मक्की की खरीद
- द्रंग में 13 किसानों से 0.915 मीट्रिक टन मक्की की खरीद
- चौंतड़ा में 6 किसानों से 0.7 मीट्रिक टन मक्की की खरीद
- सुंदरनगर में 46 किसानों से 12 मीट्रिक टन मक्की की खरीद
- बल्ह में 8 किसानों से 5.3 मीट्रिक टन मक्की की खरीद
- धनोटू में 46 किसानों से 7.05 मीट्रिक टन मक्की की खरीद
- गोपालपुर में 39 किसानों से 3.18 मीट्रिक टन मक्की की खरीद
- धर्मपुर में 15 किसानों से 1.585 मीट्रिक टन मक्की की खरीद
- निहरी में 17 किसानों से 3.45 मीट्रिक टन मक्की की खरीद
प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की खरीद के लिए मंडी जिले में चार स्थानों करसोग के चुराग, चौलचौक, सुंदरनगर और मंडी में खरीद केंद्र बनाए गए हैं. प्राकृतिक विधि से मक्की की खेती करने वाले किसान राज्य सरकार द्वारा मक्की का समर्थन मूल्य घोषित किए जाने से गदगद है.
करसोग उपमंडल के नरोली गांव के आशा राम, कोलग गांव के गीता राम और गरयाला गांव के पंकज मल्होत्रा ,बल्ह उपमंडल के पैड़ी गांव की रक्षा देवी, गोहर उपमंडल के गांव बासा की विमला देवी, मीना देवी और विनोद कुमार तथा कलश गांव के नरपत राम ने कहा, "राज्य सरकार द्वारा मक्की की सरकारी स्तर पर खरीद करना और 30 रुपये प्रति किलो समर्थन मूल्य घोषित करना सराहनीय निर्णय है".
मंडी जिले के किसानों ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार जताया और कहा कि उच्च गुणवत्ता वाली मक्की की फसल के किसानों को उचित दाम सुनिश्चित होंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और किसान कृषि के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगे.
करसोग उपमंडल के गांव नरोली के आशा राम ने कहा, "उन्होंने लगभग एक बीघा जमीन पर प्राकृतिक विधि से मक्की की फसल उगाई है, जिसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं. एक बीघा जमीन पर अढ़ाई से तीन क्विंटल उपज मक्की की प्राप्त हुई है, जो पूरी तरह से रसायनमुक्त है".
कोलग गांव के गीता राम और गरयाला गांव के पंकज मल्होत्रा ने कहा, "लगभग 5 बीघा जमीन पर प्राकृतिक विधि से मक्की उगाई गई है. फसल की बीजाई से लेकर निदाई-गुड़ाई के दौरान घर में प्राकृतिक विधि से तैयार किया गया है. खेती में जीवामृत और घनजीवमृत का प्रयोग किया गया है. अच्छी उपज के लिए यह घर पर ही गाय के गोबर और गौमूत्र, गुड, लस्सी आदि से तैयार किया जाता है".
मंडी उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा, "मंडी जिला में प्राकृतिक विधि से उगाई गई मक्की की खरीद के लिए 4 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. इन केंद्रों पर प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों से लगभग 65 मीट्रिक टन मक्की की खरीद जानी है. जिसके लिए विभिन्न ब्लॉकों में संबंधित विभाग को आवश्यक तैयारियों के निर्देश दे दिए गए हैं".
ये भी पढ़ें: 'अपने मुंह से बताएं सीएम प्रदेश के लोगों से क्या क्या छीना, बीजेपी सरकार के कामों का काट रहे फीता'