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ऊर्जाधानी में बैगा आदिवासी नाले के पानी से बुझाते हैं प्यास, पानी देखकर कांप जाएगी रूह

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 20, 2024, 9:42 PM IST

Updated : Jan 20, 2024, 10:15 PM IST

Tribals live around NCL mine
नाले का काला पानी पीते हैं बैगा आदिवासी

Tribal Baiga thirst with drain water: आजादी के कई साल बाद भी ऊर्जाधानी की तस्वीर नहीं बदली. यहां सैकड़ों बैगा आदिवासी नाले के पानी से प्यास बुझाते हैं.इस पानी को देखकर आपकी रूह कांप जाएगी.

सिंगरौली। जिले में NCL खदान के आसपास मौजूद करीब 400 आदिवासी बैगा समाज के लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. इस क्षेत्र के आदिवासी बैगा समाज के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए पिछले कई सालों से जूझ रहे हैं और इनकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं है. कोयले की काली राख और प्रदूषण के दंश से जहां लोग परेशान हैं.

Tribal Baiga thirst with drain water
कोयले की खदानों से नदी नालों का पानी हो चुका है काला

NCL खदान के पास रहते हैं बैगा

सिंगरौली जिले में देश की नवरत्न कंपनी में से एक NCL पिछले कई सालों से इस क्षेत्र की पहाड़ियों से कोल खनन कर रही है. इससे NCL के साथ-साथ सरकार को भी अच्छी आमदनी हो रही है, लेकिन इस क्षेत्र के आदिवासी बैगा समाज के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए पिछले कई सालों से तरस रहे हैं. बैगा समाज के 400 लोग दूधिचुआ NCL खदान के आसपास रहते हैं.

एक हैंडपंप भी नहीं लग सका

जयंत गोलाई बस्ती के सैकड़ों आदिवासी पिछले कई सालों से बलिया नाला के गंदे पानी से अपनी प्यास बुझाते आ रहे हैं. शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से हैंडपंप के लिए कई बार गुहार लगाने के बावजूद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई. लिहाजा सैकड़ों रहवासी इस गंदे पानी को पीकर मजबूरी में अपनी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. इलाके के रहवासी कई बीमारियों की चपेट में हैं.

Tribal Baiga thirst with drain water
नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं आदिवासी

पानी देखकर रूह कांप जाएगी

जिले में ऐसे कई गांव हैं जो कोयले की खदानों के आस-पास बसे हुए हैं. इनमें से ज्यादातर लोग आदिवासी हैं. गांव के लोगों ने जो आप बीती बताई वह रूह कपा देने वाली थी.जयंत गोलाई बस्ती इलाके की एक महिला बसंती ने हमें पानी का वो स्रोत दिखाया जिससे इलाके के लोग पानी पीते हैं. कोयले की राख से वो पानी पूरी तरह से काला पड़ चुका था.उन्होंने बताया कि वह लोग इसी पानी से कपड़ा धोती हैं, नहाती हैं और पानी पीती हैं. उनके बच्चों को वही पानी पीना पड़ता है.

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बता दें कि प्रशासन ने कोयला खनन करने वाली कंपनी एनसीएल से यहां के लोगों को स्वच्छ पानी प्रदान करने के लिए कहा गया है, लेकिन एनसीएल को केवल खनन से मतलब है लोगों की जिंदगी से नहीं. स्थानीय लोगों ने बताया कि खनन कंपनी उनके साथ स्वच्छ पानी मुहैया कराने का करार करती हैं, लेकिन उसपर अमल नहीं करतीं और हमें हमारे हालात पर छोड़ जाती हैं.

Last Updated :Jan 20, 2024, 10:15 PM IST
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