शिमला: हिमाचल सरकार के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को पंख लग गए हैं. शिमला रोपवे के तौर पर देश के पहले और विश्व के दूसरे नंबर के सबसे लंबे रोपवे के लिए एनडीबी यानी न्यू डवलपमेंट बैंक ने अग्रिम टेंडर लगाने की मंजूरी दे दी है.
डिप्टी सीएम ने अपने सोशल मीडिया पेज पर इसकी खुशी साझा की है. शिमला रोपवे 13.79 किलोमीटर लंबा होगा. ये दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे होगा. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार इस दिशा में लंबे समय से काम कर रही थी.
डिप्टी सीएम के पास परिवहन विभाग भी है. राजधानी शिमला में ट्रैफिक जाम की समस्या दूर करने और पर्यटन को बढ़ावा देने में ये रोपवे काम आएगा. डिप्टी सीएम ने अग्रिम टेंडर की मंजूरी मिलने पर खुशी जताई है.
परियोजना से बदल जाएगा शिमला
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के अनुसार इस रोपवे के बनने से शिमला की पहचान में एक और लैंडमार्क जुड़ जाएगा. राजधानी शिमला में 15 स्टेशनों को आपस में जोड़ने वाला ये देश और एशिया का पहला इतना लंबा रोपवे होगा.
शिमला रोपवे मार्ग का कार्य वर्ष 2025 में पहली मार्च से शुरू करने का लक्ष्य है. ये रोपवे मां तारा देवी से शिमला तक बनेगा. इसके बीच के स्टेशन में शुरुआत में 220 ट्रॉली लगाई जाएंगी. जब पूरा रोपवे बन जाएगा तो इनकी संख्या 660 हो जाएगी.
इस परियोजना में न्यू डेवलपमेंट बैंक यानी एनडीबी की ओर से फैक्ट फाइंडिंग मिशन के तहत इसी साल 2 जून से 10 जून तक निरीक्षण किया जा चुका है. एनडीबी ने कॉन्सेप्ट नोट को इसी साल 12 जुलाई को मंजूरी दी थी.
अब अग्रिम टेंडर की मंजूरी मिली है. रोपवे मार्ग में एक तरफ से एक हजार लोगों की आवाजाही शुरुआती तौर पर रहेगी. वहीं, दोनों तरफ से दो हजार लोग एक घंटे में सफर कर पाएंगे.
वैसे दुनिया में सबसे लंबा रोपवे मार्ग बोलीविया में 32 किलोमीटर लंबाई का है. शिमला का 13.79 किलोमीटर लंबा रोपवे तारा देवी से शिमला तक 60 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करेगा. परियोजना के लिए राज्य सरकार और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) वित्तीय सहायता देंगे. इसमें 80 प्रतिशत लोन एनडीबी और 20 फीसदी प्रदेश सरकार का अनुदान होगा. कुल 1734.40 करोड़ रुपये की इस परियोजना से शिमला का नक्शा बदलेगा.
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