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चांद के दीदार के साथ रमजान की शुरुआत, नालंदा में मुस्लिम समुदाय के लोगों में उत्साह

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 11, 2024, 5:26 PM IST

Ramadan In Nalanda: बिहार के नालंदा में चांद के दीदार के साथ आज से पाक महीना रमजान शुरू हो गया है. नालंदा में मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच उत्साह का माहौल है. बाजारों में रौनक काफी बढ़ गई है. शहर में फल और विभिन्न प्रकार के खजूर मिल रहे हैं.

Ramadan Preparation In Nalanda
चांद के दीदार के साथ आज से रमजान शुरू

नालंदा: आज से चांद का दीदार होते ही रहमत और बरकत का महीना माह-ए-रमज़ान की शुरुआत हो जाएगी. मंगलवार यानि 12 मार्च को लोग पहला रोजा रखेंगे. इसको लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग काफी उत्साहित हैं. रोजे को लेकर बाजारों में पुरी व्यवस्था कर ली गई है.

बाजारों में बढ़ी रौनक: मिली जानकारी के अनुसार, घर से लेकर मस्जिद तक रमजान को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. बाजारों में काफी रौनक बढ़ गई है. जबकि शहर में फल और विभिन्न प्रकार के खजूरों मिलने लगे है. रमजान की शुरुआत होते ही फलों की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है. बता दें कि यह महीना तकवा और परहेजगारी का महीना है. साल का 9वां महीना है. रमजान को इस्लाम धर्म में सबसे पवित्र महीना माना जाता है.

खजूर के दामों में इजाफा: गौरतलब हो कि पिछले साल के मुकाबले इस साल खजूर के दामों में 15 से 25% इज़ाफा हुआ है, लेकिन इसका असर रोजेदारों पर नहीं पड़ रहा है. इस बार 35 तरह के खजूर बाजार में हैं, जो ₹180 से ₹2000 तक की कीमत वाले हैं. हालांकि सबसे ज्यादा डिमांड इस बार ईरानी खजूर का है, जो सस्ते दामों में बेहतर क्वालिटी का है.

यहां देखें रेट लिस्ट: लेकिन सबसे ज्यादा दामों में ईरानी चटई और कीमिया खजूर मिल रही है. बाजारों में तय मुल्य के हिसाब से अजवा खजूर-1800 से 2000, जॉर्डन का मैटजाल 1500 से 1800, तमूर एबारात- 1000 से 1200, कलमी - 600 से 700, मरबून - 400 से 500 मरियम - 300 से 400, खलास- 300 से 350, कीमिया- 290 से 300, डेटक्रॉन फर्द-350 से 380, इराकी चटई- 190 से 200, ईरानी लोकल चटई 175, जहीदी- 190 से 200, इरानी या शाहनी 220 से 250, इराकी- 250 से 300 रूपये के अलावा दर्जनों से अधिक वैरायटी के खजूर हैं.

"इस महीने कुरान का अवतार हुआ था. इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग मुख्य रूप से रोजा रखते हैं. रोजा सुबह "सहरी" के साथ शुरू होता है और जैसे ही हर दिन का सूरज डूबता है, इफ्तार कर रोजा तोड़ा जाता है. रमजान का महीना तक़वा और परहेज़गारी का महीना है." - मुर्शिद देशनवी, उर्दू पत्रकार

इस महीने ज्यादा लाभकारी होती इबादत: उर्दू पत्रकार मुर्शिद देशनवी ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि इस महीने में की गई इबादत बाकी महीनों के मुकाबले ज्यादा लाभकारी होती है. इस बार का पहला रोजा सबसे छोटा 13 घंटे 20 मिनट तो आखिरी रोजा 14 घंटे 8 मिनट का होगा. जिसमें इस साल का पहला रोज़ा 13 घंटा 9 मिनट से शुरू होगा तो खत्म रोजा 13 घंटा 54 मिनट होगा. पहले रोज़े की सेहरी 4 बजकर 46 मिनट तो इफ़्तार 5 बजकर 59 मिनट से होगा.

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