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राजेंद्र राणा ने सोशल मीडिया पर निकाली भड़ास, 'जनता के हक से समझौता नहीं, सदैव अडिग हमारा स्वाभिमान'

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 29, 2024, 5:44 PM IST

Rajinder Rana Social Media Post: हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती तेवर के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ जाकर राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग किया. जिसके बाद आज स्पीकर ने उन्हें अयोग्य करार दिया है. जिसको लेकर राजेंद्र राणा ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी भड़ास निकाली है.

राजेंद्र राणा का सोशल मीडिया पोस्ट
राजेंद्र राणा का सोशल मीडिया पोस्ट

हमीरपुर: सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा हमेशा से ही अपनी सरकार के खिलाफ बगावती सुर अपनाने के लिए जाने जाते रहे हैं. वहीं, 27 फरवरी को हिमाचल राज्यसभा चुनाव में अपनी ही कांग्रेस पार्टी के खिलाफ जाकर बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करना उनको भारी पड़ गया. विधानसभा स्पीकर कुलदीप पठानिया ने राजेंद्र राणा सहित 6 बागी कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. ऐसे में राजेंद्र राणा ने फिर एक बार सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली है.

अपनी सरकार और पार्टी के खिलाफ बगावती सुर अपनाना राजेंद्र राणा को इतना महंगा पड़ गया कि विधानसभा स्पीकर ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी. वही, उन पर सभी बागी विधायकों को उकसाने का भी आरोप लगाया जा रहा है. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग मामले के चलते सुर्खियों में आए राजेंद्र राणा की सदस्यता चली गई है. जिसको लेकर राजेंद्र राणा ने सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली है.

Rajinder Rana targets Sukhu government
राजेंद्र राणा का सोशल मीडिया पोस्ट

राजेंद्र राणा ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, रिश्ते निभाना हमारी पहचान, कायम रहते रिश्ते यहि हो सम्मान. जनता के हक से समझौता नहीं, क्योंकि सदैव अडिग हमारा स्वाभिमान. इस पोस्ट के जरिए राजेंद्र राणा ने बताने की कोशिश की है कि वो रिश्ते निभाना जानते हैं, लेकिन उनका सम्मान होना चाहिए. वह जनता की हक से समझौता नहीं करते. उनका स्वाभिमान से अडिग है.

गौरतलब है कि सुजानपुर विधानसभा से तीसरी बार विधायक चुनकर आए राजेंद्र राणा का कद उस समय बढ गया था, जब वर्ष 2017 के चुनावों में उन्होंने पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल, जो भाजपा के मुख्यमंत्री के चेहरा थे, उनको हराया था. जिसके चलते राजेंद्र राणा प्रदेश की राजनीति में एकाएक चमक गए. हालांकि, उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी.

विधायक राजेंद्र राणा के बगावती सुर हिमाचल में सुक्खू सरकार के बनने के साथ ही शुरू हो गए थे. अपने कद और राजनीतिक पैठ के चलते पिछले एक साल से ज्यादा समय से राजेंद्र राणा ने अपनी अडियल रवैया अपनाए रखा. जिसका खामियाजा उन्हें क्रॉस वोटिंग करने के बाद उठाना पड़ा. आज स्पीकर ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया.

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