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ड्रग हब बना मारवाड़, मैन्युफैक्चरिंग ने उड़ाई एजेंसियों की नींद, सकते में पुलिस प्रशासन - Marwar Becomes Drug Hub

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 13, 2024, 4:45 PM IST

Marwar Becomes Drug Hub, राजस्थान के मारवाड़ में एक के बाद एक ड्रग फैक्ट्रियों के मिलने का सिलसिला जारी है. पहले एनसीबी फिर गुजरात एटीएस और अब मुंबई पुलिस की कार्रवाई ने स्थानीय पुलिस प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी है. वहीं, एनसीबी जोधपुर के जोनल डायरेक्टर घनश्याम सोनी ने इसे क्षेत्र के लिए अर्लामिंग सिच्येुशन बताया है.

Marwar Becomes Drug Hub
मैन्युफैक्चरिंग ने उड़ाई एजेंसियों की नींद (ETV BHARAT Jodhpur)

ड्रग हब बना मारवाड़ (ETV BHARAT Jodhpur)

जोधपुर. मारवाड़ में ऐसे तो अफीम डोडे का चलन लंबे समय से रहा है. एक दशक पहले तक यहां अफीम सबसे बड़ा नशा हुआ करती थी, लेकिन बीते कुछ सालों से यहां नशे के सौदागरों ने ड्रग्स का खेल शुरू किया है. क्षेत्र में पहले पेडलर बाहर से माल लाकर सप्लाई किया करते थे, लेकिन आहिस्ते-आहिस्ते उनके हौसले इतने बुलंद हो गए कि वो यहीं ड्रग्स का उत्पादन करने लगे. वहीं, बीते 15 दिनों में दो बड़े खुलासों ने एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. इन सब के बीच सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एनसीबी, गुजरात एटीएस के बाद अब मुंबई पुलिस ने जौधपुर में कार्रवाई को अंजाम दिया. बावजूद इसके स्थानीय पुलिस को ड्रग्स बनाने वाली फैक्ट्रियों के बारे में कोई जानकारी तक नहीं थी.

मारवाड़ बना ड्रग्स हब : एनसीबी जोधपुर के जोनल डायरेक्टर घनश्याम सोनी ने बताया कि यह अर्लामिंग सिच्येुशन है. क्षेत्र में लगतार ज्वाइंट ऑपरेशन की आवश्यकता है. यही सही समय पर ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया तो आगे हालात और अधिक बिगड़ सकते हैं, क्योंकि मारवाड़ धीरे-धीरे इसका हब बनता जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज क्षेत्र के युवा ड्रग्स की गिरफ्त में फंस रहे हैं. यहां बनने वाली ड्रग्स मुंबई तक जा रही है.

Marwar Becomes Drug Hub
ड्रग हब बना मारवाड़ (ETV BHARAT Jodhpur)

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अब ड्रग माफियाओं की खैर नहीं : जोधपुर पुलिस रेंज के आईजी विकास कुमार का कहना है कि यह बहुत बड़ी समस्या है. इससे जोधपुर प्रभावित हुआ है. साथ ही उन्होंने कहा कि जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है. यानी साफ है कि अब ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ सख्त एक्शन होंगे. आगे उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय पुलिस को इस पूरे मसले पर नजर रखनी चाहिए थी और आरोपियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जानी चाहिए थी, जो कमी रही है, लेकिन अब पुलिस भी एक्शन में है. गौर हो कि शहर के विवेक विहार थाना क्षेत्र में रविवार को मुंबई पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ड्रग्स फैक्ट्री का खुलासा किया था. इस कार्रवाई के बाद से ही स्थानीय पुलिस सकते में है, क्योंकि उनके नाकों तले ये पूरा खेल चल रहा था.

Marwar Becomes Drug Hub
मैन्युफैक्चरिंग ने उड़ाई एजेंसियों की नींद (ETV BHARAT Jodhpur)

केमिकल से बना रहे सिंथेटिक ड्रग्स : एनडीपीएस एक्ट के दायरे में मैफोड्रोन यानी एमडी ड्रग्स को 2015 में लाया गया था. इसका निर्माण पूरी तरह से इंडस्ट्रीयल केमिकल्स से होता है. ऐसे में इसे प्रतिबंध नहीं किया जा सकता है. कई रसायनों को निश्चित प्रोटोकॉल के तहत तय प्रक्रिया में मिलाकर इसका निर्माण हो रहा है, जो आसनी से मिल जाते हैं. यही कारण है कि ड्रग रैकेट चलाने वाले माफियाओं ने अब जोधपुर सहित अन्य इलाकों में इसका उत्पादन शुरू कर दिया है. एमडी बनाने में मिथाइलमिन, मिलाइलमिन हाइड्रोक्लोराइड, मिथाइल ब्रोमो प्रोपिओफिनोन के अलावा टोलोविन, मिथाइलोन हाइड्रोक्लोराइड एसिड का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, इसे बनाने में पानी की खपत अधिक होती है.

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संपत्ति जब्त करने की जरूरत : एनडीपीएस की धारा 68 एफ के तहत ड्रग्स की कामर्शियल क्षमता यानी करीब पचास ग्राम एमडी के साथ कोई गिरफ्तार होता है तो उस व्यक्ति की संपत्ति जब्त की जा सकती है. बावजूद इसके ज्यादातर मामलों में मात्रा कम होने से तस्कर और पेडलर बच जाते हैं. इसमें पुलिस की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. एनसीबी के जोनल डायरेक्टर घनश्याम सोनी ने बताया कि ऐसी कार्रवाई ही तस्करों और पेडलरों की कमर तोड़ सकती है. इसकी शुरुआत उन्होंने कर दी है, लेकिन अब इस दिशा में सभी को एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि क्षेत्र को पूरी तरह से ड्रग्स मुक्त किया जा सके.

400 करोड़ से अधिक की ड्रग्स जब्त : एनसीबी और गुजरात एटीएस ने बीते माह गुजरात और राजस्थान में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कई फैक्ट्रियां पकड़ी थी. उन फैक्ट्रियों से करीब 300 करोड़ की ड्रग्स बरामद हुई थी. वहीं, सिरोही में पकड़ी गई फैक्ट्री से 45 करोड़ की ड्रग्स जोधपुर एनसीबी ने बरादम की थी. उसके बाद जोधपुर जिले की ओसियां में एक फैक्ट्री में जांच के बाद एमडी बनाने की बात सामने आई, जहां से रविवार को मुंबई पुलिस ने 100 करोड़ से अधिक का माल पकड़ा. इसके अलावा भारी मात्रा में रसायन भी जब्त किया गया है, जिसका इस्तेमाल सिंथेटिक ड्रग्स बनाने में किया जा रहा था. एनसीबी का मानना है कि समय रहते यदि उत्पादन पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो फिर क्षेत्र के लिए आगे बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाएगी.

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