ETV Bharat / state

अतिक्रमणों पर हाईकोर्ट ने लिया स्वप्रेरित प्रसंज्ञान, अफसरों को बुलाकर कहा- रिपोर्ट नहीं कार्रवाई चाहिए

author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 12, 2024, 8:07 PM IST

Rajasthan High Court
Rajasthan High Court

Rajasthan High Court, अतिक्रमणों पर राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया है. कोर्ट ने अफसरों को बुलाकर कहा कि रिपोर्ट नहीं, कार्रवाई चाहिए. यह है पूरा मामला...

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर शहर में हुए अस्थाई अतिक्रमणों को लेकर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया है. इसके साथ ही अदालत ने अफसरों को बुलाकर कहा कि उन्हें मामले में रिपोर्ट नहीं, ठोस कार्रवाई और परिणाम चाहिए. वहीं, अदालत ने हाईकोर्ट बार अध्यक्ष को कहा कि कोर्ट हर थाना स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए वकील नियुक्त करना चाहती है, इसलिए वे इस संबंध में वकीलों की सूची पेश करें.

अदालत ने मामले में अधिवक्ता शोवित झाझड़िया को न्यायमित्र नियुक्त किया है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश प्रकरण में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिए. अदालत ने इन विभागों के अफसरों को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि फुटपाथ की जमीन पर भी अतिक्रमण हो गया है. शहर में ज्यादातर मिठाई की दुकानें दस फीट अंदर हैं तो बीस फीट रोड पर ही हैं. ये लाखों रुपए प्रति वर्गगज की जमीन का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन आप लोग आंखें मूंदकर बैठे हुए हैं. शहर में हर आदमी ट्रैफिक में फंसा हुआ रहता है और आपके लोग उस पर ध्यान ही नहीं देते.

पढ़ें : HC में प्रमुख पंचायत राज सचिव ने प्रभावी पैरवी के लिए किया आश्वस्त

सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में पुलिस कमिश्नर और दोनों नगर निगम आयुक्त और जेडीसी वीसी के जरिए अदालत में पेश हुए. वहीं, डीसीपी ट्रैफिक व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर हुए. अदालत के पूछने पर नगर निगम आयुक्त ने कहा कि पिछले एक माह से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है. बीते पंद्रह दिनों से पुलों के नीचे से अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं, जबकि आगामी पखवाड़े में कैफे, रेस्तरां आदि से अतिक्रमण हटाया जाएगा और रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी. इस पर अदालत ने कहा कि उन्हें रिपोर्ट नहीं ठोस कार्रवाई और परिणाम चाहिए.

अदालत के पूछने पर निगम आयुक्त ने कहा कि पुलिस की सहायता से अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं. वहीं, पुलिस आयुक्त ने भी अतिक्रमण हटाने के बारे में जानकारी दी. अदालत के पूछने पर पुलिस आयुक्त ने कहा कि हाईकोर्ट एरिया में अतिक्रमणों पर कार्रवाई के लिए महाधिवक्ता व बार अध्यक्ष से सलाह लेकर कार्रवाई की जाएगी. अदालत ने डीसीपी ट्रैफिक से अतिक्रमणों पर कार्रवाई की जानकारी मांगी. इस पर डीसीपी ने कहा कि एक सप्ताह में अतिक्रमण हटाकर ट्रैफिक सुचारू कर दिया जाएगा. इस पर अदालत ने कहा कि अतिक्रमण को लेकर हर थाना स्तर पर वकील नियुक्त किया जाना चाहिए. ऐसे में बार अध्यक्ष वकीलों की सूची बनाकर पेश करें.

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता आरए कट्टा ने कहा कि जेडीए की ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक बीते तीन साल से नहीं हुई है. वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर ने पुलिस में नफरी की कमी पूरी करने के साथ-साथ चौराहों पर जागरूकता के लिए बोर्ड लगाने का सुझाव दिया, जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता हनुमान चौधरी ने कहा कि आए दिन राजनेताओं के जन्मदिन आदि की बधाईयों के पोस्टर लगा दिए जाते हैं, जिससे रोड पर लगे संकेतक ढक जाते हैं और यातायात प्रभावित होता है. इसके अलावा अधिवक्ता विजय पाठक ने कहा कि निगम ने नोन वेंडिंग जोन बना दिए, लेकिन फुटकर व्यापारियों के लिए वेडिंग जोन घोषित नहीं किए. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि प्रकरण में जल्दी ही उचित आदेश पारित किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.