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उदयपुर में निषिद्ध क्षेत्रों में निर्माण पर रोक, कलेक्टर की रिपोर्ट में बिना अनुमति के 43 निर्माण - Rajasthan High Court

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 9, 2024, 9:51 PM IST

Construction in hills of Udaipur, उदयपुर की पहाड़ियों में निषिद्ध क्षेत्रों में हो रहे निर्माण को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए स्पष्ट रूप से अगले आदेश तक निर्माण पर रोक लगा दी है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat File Photo)

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद उदयपुर की पहाड़ियों में निषिद्ध क्षेत्रों में हो रहे निर्माण को लेकर गंभीरता दिखाते हुए कोर्ट ने स्पष्ट रूप से अगले आदेश तक निर्माण पर रोक लगा दी है. पूर्व सुनवाई में जिला कलेक्टर सहित यूआईटी उदयपुर व नगर निगम उदयपुर के अधिकारियों से संयुक्त शपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए थे, वो पेश कर दिए गए. जस्टिस डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी और जस्टिस योगेन्द्र कुमार पुरोहित की खंडपीठ में झील सरंक्षण समिति की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता शरद कोठारी ने कहा कि हाईकोर्ट ने 24 अगस्त 2023 को अंतरिम आदेश पारित करते हुए पहाड़ी क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगाई थी. प्रशासन की ओर से उस आदेश की सख्ती से पालना करने की बजाय होटलों को रास्ता देने के लिए एक के बाद एक पहाड़ काटे जा रहे हैं. शहर की प्रमुख पहाड़ियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. कोर्ट ने पूरी रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें पहाड़ियों की वर्तमान स्थिति को लेकर जिला कलेक्टर उदयपुर, यूआईटी उदयपुर व नगर निगम उदयपुर ने रिपोर्ट मांगी थी.

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सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार ने जिला कलेक्टर की रिपोर्ट को कोर्ट में पेश किया. जिला कलेक्टर की रिपोर्ट में बताया गया कि 43 निर्माण हो रहे हैं, जिसमें बिना अनुमति और हिल बॉयलॉज के विपरित कार्य हो रहा है. यहां तक कि अनदेखी की बात सामने आ रही है. कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि अगले आदेश तक वहां पर किसी प्रकार का निर्माण नहीं हो सकता है. कोर्ट ने यह भी कहा गूगल मैप और अन्य संसाधनों सहित इसका पता लगाएं कि और भी निर्माण हो रहे हैं या नहीं.

सरकार की ओर से कहा गया कि हिल प्रोटेक्शन पॉलिसी पर कोर्ट की रोक होने की वजह से अभी तक उनके समक्ष चुनौती है. कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक निर्माण नहीं होगा और अगली बार एक्सपर्ट की टीम हो, जो कोर्ट को सहयोग कर सकें. इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता पंवार ने आश्वासन दिया कि अगली बार एक्सपर्ट को सहयोग के लिए शामिल किया जाएगा. संभवतः अब अगली सुनवाई 27 मई को होगी.

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