जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने से जुड़े मामले में कहा है कि देश प्रगति कर रहा है, लेकिन बड़ा हिस्सा व्हाइट कॉलर क्रिमिनल की जेब में जा रहा है. जिसके चलते देश को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. इसके साथ ही अदालत ने प्रकरण में आरोपी आशुतोष गर्ग की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.
जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश दिए. अदालत ने ट्रायल कोर्ट को कहा है कि वह प्रकरण की जल्दी सुनवाई करे. वहीं, अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि प्रकरण में की गई टिप्पणियां सिर्फ जमानत याचिका तक ही सीमित हैं. ट्रायल कोर्ट इससे प्रभावित हुए बिना प्रकरण पर सुनवाई करे.
पढ़ें : हाईकोर्ट का आदेश, एसीएस तय करें कंपनी के बकाया भुगतान का मामला
जमानत याचिका में कहा गया कि जीएसटी एक्ट के तहत लिए गए उसके बयान के आधार पर उसे मामले में आरोपी बनाया गया है, जबकि प्रकरण में उसके बयानों को साक्ष्य के तौर पर याचिकाकर्ता के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इसके अलावा वह गत 2 नवंबर को गिरफ्तार हुआ था और मामले में विभाग ने परिवाद भी पेश कर दिया है.
इसलिए उसे जमानत दी जाए, जिसका विरोध करते हुए विभाग के अधिवक्ता किंशुक जैन ने कहा कि याचिकाकर्ता आरोपी ने 294 फर्जी फर्म का गठन कर 1032 करोड़ रुपए का लाभ लिया है. ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.