ETV Bharat / state

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में दोबारा होगी प्रैक्टिकल परीक्षा, भुगतान करने होंगे 500 रुपये

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 2, 2024, 9:57 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth) के छूटे छात्रों की प्रैक्टिकल परीक्षा कराने को हरी झंडी मिल गई है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं की छूटी प्रैक्टिकल परीक्षाएं कराने के एवज में 500 रुपये शुल्क निर्धारित किया है.

वाराणसी : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के जिन विद्यार्थियों की परीक्षाएं छूट गई थीं उनके लिए एक अच्छी खबर है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने फैसला लिया है कि स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को छूटी हुई प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए अब सिर्फ 500 रुपये ही शुल्क देने होंगे. कुलपति प्रो. एके त्यागी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस पर फैसला लिया गया है. वहीं अब स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं की सेमेस्टर परीक्षाओं में शोध प्रोजेक्ट में अब आंतरिक मूल्यांकन किया जाएगा. अंतिम वर्ष के लिए बाहरी मूल्यांकन होगा और बाहर से परीक्षक आएंगे. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि छात्रों के हित में विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति ने यह निर्णय लिया है.


महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में पढ़ाई कर रहे स्नातक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी गई है. बीते दिन कुलपति एके त्यागी की अध्यक्षता में बैठक हुई है. इस बैठक में छात्रों के भविष्य से संबंधित कई बड़े फैसले लिए गए हैं. सबसे महत्वपूर्ण फैसला विद्यार्थियों की छूटी हुई प्रैक्टिकल परीक्षाओं को लेकर किया गया है. जहां शुल्क को लेकर राहत देते हुए उनकी परीक्षाएं कराने का फैसला लिया गया है. इस बारे में प्रो. एके त्यागी ने जानकारी दी है. छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकल परीक्षा में अनुपस्थित होने पर दोबारा परीक्षा देने के लिए दो हजार रुपये देने पड़ते थे. ऐसे में विद्यार्थियों के लिए इतना बड़ा अमाउंट देने संभव नहीं हो पाता था. इसको लेकर छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील की थी, जिस पर विचार करते हुए शुल्क में राहत देने का फैसला किया गया है.

दोबारा परीक्षा के लिए देने होंगे इतने रुपये : कुलपति प्रो. एके त्यागी ने बताया कि विश्वविद्यालय के कई छात्र ऐसे थे जिनकी आठ से 10 प्रैक्टिकल परीक्षााएं छूट गई थीं. ऐसे में विश्वविद्यालय द्वारा निर्णय लिया गया है कि स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के लिए प्रैक्टिकल परीक्षा में अनुपस्थित रहने पर सामान्य शुल्क देने के बाद दोबारा परीक्षा कराई जाएगी. इन दोनों वर्ष के छात्रों को 500 रुपये देने होंगे. अंतिम वर्ष के छात्रों को दो हजार रुपये शुल्क देने होंगे. पांच से अधिक विषय में अनुपस्थित होने पर अधिकतम 5000 रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा. पहले विद्यार्थियों को प्रति विषय 2000 रुपये का भुगतान करना होता था. छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति ने राहत देने का फैसला किया है.



बाहर से आएंगे परीक्षक, होगा बाह्य मूल्यांकन : महात्मा गांधी विद्यापीठ के स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में सेमेस्टर परीक्षाओं के शोध प्रोजेक्ट में अब आंतरिक मूल्यांकन किया जाएगा. वर्तमान सत्र से पोस्ट ग्रेजुएट के प्रथम और स्नातक के प्रथम और द्वितीय वर्ष में यह व्यवस्था लागू की जाएगी. कुलपति एके त्यागी ने बताया कि अंतिम वर्ष के लिए बाह्य मूल्यांकन की व्यवस्था रहेगी. जिसके लिए बाहर से परीक्षक आएंगे. ऐसे में विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से पढ़ाई और तैयारी करने के लिए भी एक प्रेरणा मिलेगी. जिससे उनमें मूल्यांकन को लेकर भी चिंता रहेगी और वे अपना प्रदर्शन बेहतर कर पाएंगे. ये सभी निर्णय परीक्षा समिति की बैठक में लिए गए हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखता है और उनके उज्जवल भविष्य के लिए प्रयास करता रहता है.

यह भी पढ़ें : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की सेमेस्टर परीक्षाओं की तारीख घोषित, 8 जनवरी शुरू हो रहे एग्जाम
यदि आपको अभिनेता बनना है तो विद्यापीठ आपको सिखाएगी एक्टिंग, दिसंबर तक है मौका

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.