जयपुर. जिला कलेक्ट्रेट में राजस्व अपील अधिकारी का पद पिछले 2 महीने से खाली है. राजस्व से जुड़े किसी भी मामले की सुनवाई नहीं हो रही है. परिवादियों को भी तारीख पर तारीख मिल रही है. इससे वकीलों में आक्रोश है और इसी के चलते वकीलों ने मंगलवार को दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के बैनर तले राजस्व से जुड़े कार्यों का बहिष्कार किया.
इस मामले में वकीलों ने डिस्ट्रिक बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गजराज सिंह राजावत के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर द्वितीय नीलिमा तक्षक को ज्ञापन दिया. इसमें बताया गया कि जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में राजस्व अपील अधिकारी की कोर्ट बनी हुई है. इस कोर्ट में प्रतिदिन राजस्व से जुड़े करीब 200 मामलों की सुनवाई होती है और इन मामलों से जुड़े सैकड़ों परिवादी दूरदराज से पहुंचते हैं, लेकिन इस कोर्ट में 27 फरवरी से राजस्व अपील अधिकारी का पद खाली पड़ा है. इसके कारण राजस्व अपील अधिकारी कोर्ट में होने वाली सैकड़ों मामलों की सुनवाई नहीं हो रही है.
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प्रदेश में कई जिलों में पद रिक्त: पिछले दो महीना से दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के नाम कई बार ज्ञापन भी दिया, लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई नहीं हुई है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजावत ने बताया कि प्रदेश में जयपुर सहित कई जिलों पर राजस्व अपील अधिकारी की पोस्ट खाली पड़ी है. राजस्व अपील अधिकारी कोर्ट से आम जनता को न्याय की उम्मीद रहती है, लेकिन आम जनता परेशान हो रही है. आम जनता के राजस्व से जुड़े काम नहीं हो रहे. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई बार जिला कलेक्टर और विधायक के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिए गए जिसमें राजस्व अपील अधिकारी की नियुक्ति करने की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक हमारी सुनवाई नहीं हुई है. गजराज सिंह ने बताया कि राजस्व अपील अधिकारी का पद खाली रहने पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को राजस्व मामलों की सुनवाई करने का अधिकार है, लेकिन वह भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
रजिस्ट्री कार्य में बदलाव से परेशानी: गजराज सिंह ने बताया कि रजिस्ट्री करने में सरकार को एक बड़ा राजस्व प्राप्त होता है, लेकिन रजिस्ट्री कार्य करने में भी सरकार की ओर से कई तरह ऑनलाइन बदलाव किए जा रहे हैं. इन ऑनलाइन बदलावों से आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि डीएलसी रेट भी 10 फीसदी बढ़ा दी गई है,जिसका वकीलों ने विरोध किया है. साथ ही सोसायटी पट्टों से रजिस्ट्री करने पर 20 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी लगती थी, इसे बढ़ाकर कर 100 फीसदी कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि पहले पावर ऑफ अटॉर्नी से आसानी से रजिस्ट्री हो जाए करती थी अब उस प्रक्रिया में भी कई तरह के ऑनलाइन बदलाव कर दिए गए हैं, इससे आम जनता को नुकसान हो रहा है. उन्होंने बताया कि सौ फीसदी स्टाम्प ड्यूटी मामले को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई थी, जिसकी जल्द ही सुनवाई भी होने वाली है. राजस्व मामलों को देखने वाले वकील बंशीधर जाट ने बताया कि राजस्व अपील अधिकारी कोर्ट में प्रतिदिन 200 कैसे की सुनवाई होती थी. इसके अलावा जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण और कोटपूतली के एसडीओ और सहायक कलेक्टर जिन मामलों में फैसला देते थे, उनकी अपील भी इसी राजस्व अपील अधिकारी कोर्ट में होती है, लेकिन जब से पद खाली है. तब से फैसलों की भी अपील नही हो रही.