ETV Bharat / state

पहली बार दिखी हेमंत सोरेन की सलाखों के पीछे वाली तस्वीर, अबतक दिल्ली के सीएम दिखे हैं इस भूमिका में, क्या है माजरा - Sarhul tableau

author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 11, 2024, 3:57 PM IST

Updated : Apr 11, 2024, 9:38 PM IST

Hemant Soren in Sarhul tableau
Hemant Soren in Sarhul tableau

Hemant Soren in Sarhul tableau. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तरह झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के सलाखों के पीछे वाली तस्वीर देखने को मिल रही है. आदिवासियों के महत्वपूर्ण पर्व सरहुल पर इसके माध्यम से संदेश देने की कोशिश की जा रही है.

पहली बार दिखी हेमंत सोरेन की सलाखों के पीछे वाली तस्वीर

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 31 जनवरी से होटवार जेल में बंद हैं. लेकिन उनकी सलाखों के पीछे वाली तस्वीर पहली बार सामने आई है. फर्क इतना भर है कि यह कोई असली तस्वीर नहीं है बल्कि सरहुल की झांकी का हिस्सा है. इसमें हेमंत सोरेन के पुतले को सलाखों के पीछे खड़ा दिखाया गया है. पुतला सलाखों को पकड़े हुए नजर आ रहा है.

कैंप जेल के बाहर दो पुतले खड़े किए गये हैं. इन पुतलों के हाथों में सीबीआई और ईडी की तख्ती है. एक तख्ती पर लिखा गया है कि "भगवान बिरसा मुंडा को उलगुलान में अंग्रेजों के द्वारा शोषण...वर्तमान में...झारखंड के विकास की लड़ाई में हेमंत सोरेन को ईडी के द्वारा शोषण किया जा रहा है". यह भी लिखा गया है कि जेल का ताला टूटेगा, हेमंत सोरेन छूटेगा. इस झांकी को केंद्रीय सरना समिति ने तैयार किया है. इसके जरिए यह बताने की कोशिश की जा रही है कि पूर्व सीएम को साजिश के तहत जेल में डाला गया है.

इस झांकी को देखने पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की याद आने लगेगी. वह पहले शख्स हैं जो सीएम के पद पर रहते हुए शराब घोटाला मामले में जेल में हैं. वह पहले सीएम हैं जिनकी सलाखों के पीछे वाली तस्वीर लगाकर दिल्ली की सत्ता चलायी जा रही है. केजरीवाल की 'आप' पार्टी भी हर कार्यक्रम में उनके सलाखों के पीछे वाली तस्वीर का इस्तेमाल कर रही है. लेकिन केजरीवाल से काफी पहले गिरफ्तार होने के बावजूद झामुमो की तरफ से ऐसी तस्वीर कभी जारी नहीं की गई. यहां सिर्फ जुबानी जंग चल रही है.

दरअसल, सरहुल आदिवासियों का प्रमुख त्योहार है. सरना स्थल पर पूजा के बाद दोपहर से अलग-अलग समितियों के बैनर तले शोभा यात्रा निकाली जाती है. इसमें हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल होते हैं. महिलाएं और पुरुष पारंपरिक वस्त्र पहनकर झूमते हैं और बसंत के आगमन की खुशी मनाते हैं. लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है जब मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के बीच झांकी के जरिए राजनीतिक संदेश दिया जा रहा है. इस झांकी के जरिए मणिपुर हिंसा, हंसदेव जंगल की कटाई, संविधान से छेड़छाड़ और सरना धर्म कोड के नाम पर हो रही राजनीति को शब्दों के जरिए प्रदर्शित किया गया है.

चुनवा टोली खोड़ा दल के सदस्य अमित तिर्की ने बताया कि जिस तरह से 31 जनवरी को राज्य के आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने जेल भेजा था वह कहीं ना कहीं आदिवासियों के अधिकारों के हनन का मैसेज देता है. इसलिए सरहुल के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के मुद्दे को प्रदर्शित किया गया है ताकि आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को लोग समझ सकें. वहीं कई खोड़ा दल ने पर्यावरण संरक्षण और विभिन्न मुद्दों को लेकर झांकियां निकाली है. ताकि लोगों को आदिवासियों के पौराणिक परंपराओं के बारे में लोगों को बताया जा सके.

ये भी पढ़ें-

इस साल बेहतरीन रहेगा मानसून, पानी की नहीं होगी दिक्कत, सरहुल पर पाहन ने की भविष्यवाणी - Sarhul 2024

प्रकृति पर्व सरहुल की शोभा यात्रा आज, केकड़ा और मछली पकड़ने की विधि हुई पूरी - Sarhul 2024

झारखंड में सरहुल और ईद की धूम, राज्यपाल और सीएम के साथ नेता-मंत्री दे रहे शुभकामनाएं और मुबारकबाद - Sarhul and Eid 2024

Last Updated :Apr 11, 2024, 9:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.