धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन जिला कांगड़ा ने अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से आवाज बुलंद कर दी है. धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पेंशनर्स एसोशिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं कांगड़ा जिला अध्यक्ष सुरेश ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार पेंशनर्स को प्रताड़ित कर रही है. उन्होंने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री पर कई गम्भीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि वेतन और पेंशन फंड अलग से निर्धारित किया जाता है, इसके बाद भी समय पर वेतन और पेंशन समय पर नहीं मिल पा रही है.
सुरेश ठाकुर ने कहा कि, 'अब कर्मियों और पेंशनर्स को डर सता रहा है कि आने वाले समय में उन्हें पेंशन से वंचित भी रहना पड़ सकता है. पेंशन को नौ तारीख को किसी भी हाल में सहन नहीं किया जाएगा. एक तारीख को पेंशन न मिलने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा. मांगों पर उचित निर्णय न लेने पर मंत्रियों और विधायकों का घेराव करने की चेतावनी भी दी है. साथ ही 15 अक्टूबर के बाद क्रमिक अनशन करने का भी एलान कर दिया है. वित्तीय संकट को देखते हुए पूर्व विधायकों की पेंशन भी बन्द की जानी चाहिए और फिजूलखर्ची को कम करना चाहिए.'
सुरेश ठाकुर ने कहा कि, 'सरकार 85 हजार करोड़ से ऊपर के लोन के बोझ तले दबी हुई है. आज आर्थिक स्थिति पूरी तरह से खराब है, जबकि सरकार और सीएम लगातार झूठ बोलने का काम कर रहे हैं. ऐसे में प्रदेश में अब राज्यपाल शासन लगाया जाना चाहिए. सुक्खू सरकार प्रदेश चलाने में असमर्थ हैं. छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत जरूरी है, लेकिन वो अब तक लंबित पड़ा है. 12 फीसदी डीए अभी तक नहीं मिल पाया है. महंगाई भत्ता दीवाली को तीन किस्तों का नहीं मिल पाता है, तो आंदोलन को ओर अधिक उग्र किया जाएगा. पेंशनर्स के मेडिकल बिल भी पेडिंग पड़े हुए है, उसके लिए स्पेशल बजट का प्रावधान, जेसीसी का गठन करने सहित अन्य लंबित मांगों पर जल्द विचार करे. साथ ही 75 वर्ष आयु से अधिक के पेंशनर्स को साढ़े 22 फीसदी अदायगी की जाए. एसोसिएशन ने पेंशनर्ज भवन बनाए जाने के लिए सरकारी भूमि प्रदान करने की मांग भी रखी है. कमिटेशन पीरियड 15 से 10 वर्ष करने की मांग की है.'
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