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चारधाम यात्रा पर आए हैं तो जरूर करें द्वितीय केदार के दर्शन, दो दिन बाद खुल रहे हैं कपाट - Madmaheshwar Dham

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 18, 2024, 12:52 PM IST

Updated : May 18, 2024, 4:57 PM IST

Madhyamaheshwar Dham Doors Opening: द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट आगामी 20 मई को भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे. इससे पहले आज मदमहेश्वर भगवान की डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से रवाना हुई. विभिन्न यात्रा पड़ावों से होते हुए डोली 20 मई को मदमहेश्वर धाम पहुंचेगी.

palanquin of the second Kedar Madmaheshwar left from Omkareshwar Temple
ओंकारेश्वर मंदिर से रवाना हो रही डोली. (ETV Bharat)

ओंकारेश्वर मंदिर से रवाना हो रही द्वितीय केदार की डोली. (ETV Bharat)

रुद्रप्रयाग: भगवान भोलेनाथ को समर्पित पंच केदारों में से द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम के कपाट 20 मई को खोले जाएंगे. कपाट खोलने की प्रक्रिया के तहत आज द्वितीय केदार की डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से रवाना की गई. पैदल डोली यात्रा में भारी संख्या में भक्त साथ चल रहे हैं. डोली का विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भव्य स्वागत किया जा रहा है.

बदरी-केदार मंदिर समिति के वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी ने बताया कि 20 मई से सभी श्रद्धालुओं के लिए भगवान भोलेनाथ के मदमहेश्वर मंदिर के कपाट खोले जा रहे हैं. ओंकारेश्वर से डोली रवाना होने के बाद आज अपने पहले रात्रि प्रवास स्थल राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी. इसके अगले दिन रविवार को डोली गौंडार गांव में रात्रि प्रवास करेगी. फिर 20 मई की सुबह डोली मदमहेश्वर धाम के लिए प्रस्थान करेगी. डोली के धाम पहुंचने पर इसी दिन द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर धाम के भी कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे.

वहीं, आज सुबह डोली की रवानगी से पहले शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान मदमहेश्वर की डोली का श्रृंगार किया गया, फिर विधिवत पूजा अर्चना के बाद डोली को अपने धाम मदमहेश्वर के लिए रवाना किया गया. डोली के साथ हजारों की संख्या में भक्त मौजूद हैं.

गौर हो कि, रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ में ओंकारेश्वर मंदिर स्थित है. ये मंदिर केदारनाथ की पंचमुखी विग्रह डोली और भगवान मदमहेश्वर का शीतकालीन निवास स्थल है. मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से ही पंच केदारों के दर्शनों का लाभ मिल जाता है. बता दें कि, भगवान मदमहेश्वर को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है. यहां में भगवान शिव के मध्य भाग की पूजा होती है.

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Last Updated : May 18, 2024, 4:57 PM IST
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