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उत्तर-पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट पर अलग है समीकरण, शहरी व ग्रामीण के साथ अवैध कालोनियों के मतदाताओं को साधना चुनौती - North West Delhi Lok Sabha Seat

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 3, 2024, 8:26 PM IST

North West Delhi Lok Sabha Seat
North West Delhi Lok Sabha Seat

Lok Sabha Election 2024: दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है. जहां भाजपा प्रत्याशी सातों सीटों के लिए चुनाव प्रचार में जुट गए हैं, वहीं कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशियों का ऐलान किया जाना बाकि है. वहीं बात उत्तर पश्चिम दिल्ली की करें तो यहां के समीकरण अन्य सीटों से अलग हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से. पढ़ें पूरी खबर..

उत्तर-पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट का समीकरण

नई दिल्ली: राजधानी की सातों लोकसभा सीट पर भाजपा ने स्थानीय, जातीय व अन्य समीकरण को देखते हुए अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. वहीं दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक दल कांग्रेस ने अपने हिस्से की तीन सीट पर अभी तक अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. इसमें हरियाणा बॉर्डर से सटा उत्तर-पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट भी शामिल है. यह सीट दिल्ली अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत शहरी आबादी के साथ ग्रामीण इलाकों व अवैध कॉलोनियां में बड़ी संख्या में मतदाता हैं. यहां मिली जुली आबादी होने के कारण मतदाताओं को साधना चुनौतीपूर्ण है. औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण यहां बड़ी संख्या में पूर्वांचल के लोग भी रहते हैं. ऐसे में यहां पर लंबे समय से लोगों के बीच सक्रिय रहने वाला उम्मीदवार ही मतदाताओं को साध सकता है.

अब तक ये पार्टियां जीती: परिसीमन के बाद वर्ष 2008 में, उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट अस्तित्व में आई, जिसके बाद वर्ष 2009 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ. इस चुनाव में कांग्रेस की कृष्णा तीरथ ने बीजेपी की मीरा कांवरिया को यहां से हराया था. फिर वर्ष 2014 में बीजेपी के उदित राज ने मोदी लहर में जीत दर्ज की. तब आप उम्मीदवार राखी बिड़ला दूसरे स्थान पर रही थीं. वहीं 2019 में भाजपा के हंसराज हंस इस सीट से सांसद चुने गए थे, जबकि आप उम्मीदवार गगन सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे.

मतदाताओं की स्थिति पर एक नजर
मतदाताओं की स्थिति पर एक नजर

150 गांव और 200 अवैध कॉलोनियां: इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत करीब 150 गांव और 200 से अधिक अवैध कालोनियां हैं, जिनकी आबादी करीब पांच लाख है. आबादी में ग्रामीणों का बड़ा हिस्सा है, जिनमें बड़ी संख्या में जाट और गुर्जर मतदाता हैं. औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण यहां बड़ी संख्या में कामगार भी रहते हैं. इसमें बड़ी संख्या में दलित, मुस्लिम और पूर्वांचली मतदाता हैं. ऐसे में राजनीतिक दलों को जीत के लिए यहां ग्रामीण, कामगार, दलित, मुस्लिम और पूर्वांचली वोटरों को साधना आवश्यक हो जाता है.

गठबंधन से नहीं उतारा गया प्रत्याशी: इंडिया गठबंधन के अंतर्गत दिल्ली में चार सीट पर आम आदमी पार्टी और तीन सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस के हिस्से में चांदनी चौक, उत्तर पूर्वी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट है. इनमें से एक भी सीट पर कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है. इस सीट की बात करें तो यहां वही उम्मीदवार सफल हो सकता है, जो यहां लंबे समय से राजनीति में सक्रिय है. इस सीट से भाजपा ने योगेंद्र चंदोलिया को अपना उम्मीदवार बनाया है. वे स्थायी समिति के अध्यक्ष व मेयर रहने के साथ करोल बाग से पार्षद भी रह चुके हैं.

नौ सीटों पर आम आदमी पार्टी के विधायक: उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट के अंतर्गत 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इन विधानसभा क्षेत्रों में नरेला, बादली, रिठाला, बवाना, मुंडका, किराड़ी, सुलतानपुर माजरा, नांगलोई जाट, मंगोलपुरी और रोहिणी हैं. इनमें से रोहिणी विधानसभा पर भाजपा के विधायक विजेंद्र गुप्ता हैं, जबकि अन्य सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी के विधायक है, जिसका फायदा इंडिया गठबंधन को मिल सकता है.

वर्ष 2019 में इस सीट पर लोकसभा चुनाव में यह रही थी स्थिति-

पार्टी उम्मीदवार प्राप्त मत

  1. भाजपा हंसराज हंस 8,48,663
  2. कांग्रेस गुग्गन सिंह 2,94,760
  3. आप राजेश लिलौठिया 2,36,882

वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव की स्थिति-

पार्टी उम्मीदवार प्रप्त मत

  1. भाजपा उदित राज 6,29,886
  2. आप राखी बिड़ला 5,23,058
  3. कांग्रेस कृष्ण तीरथ 1,57,468

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