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सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए नहीं कटानी होगी पर्ची, क्यूआर कोड स्कैन करते ही लगा जाएगा नंबर

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 3, 2024, 9:26 PM IST

सरकारी अस्पताल
सरकारी अस्पताल

अब अस्पतालों के ओपीडी काउंटर पर मरीज को लाइन में लगने की जरूरत नहीं है. मरीजों को रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्ची के लिए घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा. स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीज को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग क्यूआर कोड जिले के सदर अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पताल में जारी किया है. क्यूआर कोड स्कैन कर अपना इलाज करा सकेंगे.

सुपौल: स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीज को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग क्यूआर कोड जिले के सदर अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पताल में जारी किया है. क्यूआर कोड जारी होने से अब मरीजों को रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्ची के लिए घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अब मरीज अस्पताल में लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर सीधे संबंधित डॉक्टर से आसानी से इलाज करा सकेंगे. अब अस्पतालों के ओपीडी काउंटर पर मरीज को लाइन में लगने की जरूरत नहीं है.

आभा आईडी से मिलेगी पर्चीः लोगों का आभा आईडी बनाया जाएगा. आभा आईडी से मोबाइल द्वारा क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद ओटीपी प्राप्त होगा, जो मरीज के मोबाइल नंबर पर मिलेगा, वहीं उसका टोकन नंबर होगा. आभा आईडी से टोकन नंबर के माध्यम से मरीज को ओपीडी की पर्ची मिलेगी. जिसके लिए अलग से एक पर्ची काउंटर भी बनाया गया है. आयुष्मान भारत हेल्थ मिशन के तहत मोबाइल के माध्यम से ही मरीज अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. यह सुविधा जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है. जिले के सभी लोगों को आभा डिजिटल आईडी से जोड़ने का लक्ष्य है. जिसमें 17 जनवरी तक जिले में कुल 178261 लोगों को आभा डिजिटल मिशन से जोड़ा जा चुका है.


ऐसे बनेगा आभा कार्डः भारत सरकार द्वारा आयुष्मान भारत कार्ड पहले से तैयार किया जा रहा है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा आभा कार्ड तैयार किया जा रहा है. वहीं अब मरीजों को और सुविधा उपलब्ध कराने कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत सभी सरकारी अस्पतालों में क्यूआर कोड लगाया गया है. यह क्यूआर कोड आभा कार्ड आयुष्मान भारत कार्ड से अलग है. आभा कार्ड राज्य का कोई भी नागरिक बनवा सकता है. यह अकाउंट खुद से भी बना सकते हैं. किसी मरीज को अगर किसी प्रकार की इमरजेंसी होती तो उसके एकाउंट को देख कर चिकित्सक तत्काल इलाज शुरू कर देंगे.


क्या है आभा अकाउंटः हेल्थ इको सिस्टम ऐसे बदलाव की पहल हो रही है. जिससे किसी भी व्यक्ति को अपनी मेडिकल हिस्ट्री साथ लेकर चलने की आवश्यकता नहीं होगी. हर व्यक्ति का अपना एक 14 अंकों का आयुष्मान भारत हेल्थ आभा अकाउंट तैयार कराया जा रहा है. हर व्यक्ति के एकाउंट में उसके स्वास्थ्य की पूरी रिपोर्ट होगी. इलाज के लिए देश के किसी भी हिस्से में वह डॉक्टर को अपना सिर्फ आभा अकाउंट नंबर बतायेगा. जिसमें उसकी पूरी मेडिकल की जानकारी उपलब्ध रहेगी. वहीं पहले कब-कब इलाज किया गया था, जांच रिपोर्ट में क्या पायी गयी थी, डॉक्टर ने उसे कौन सी दवा दी थी, इसकी भी समुचित जानकारी एकाउंट में अपलोड रहेगी. आभा एकाउंट के आधार पर मरीज किसी भी चिकित्सक से टेलीमेडिसिन या ऑनलाइन इलाज का लाभ प्राप्त कर सकता है.


आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य:आयुष्मान भारत सुपौल के जिला कार्यक्रम समन्वयक शशिकांत राम ने बताया कि "सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिये केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत कार्ड की शुरुआत की थी. जिसके तहत जिले में भर में 12 लाख 34 हजार 579 लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है. जिसमे 17 जनवरी तक 01 लाख 94 हजार 793 लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड अब तक निर्गत किया जा चुका है." त्रुटि रहने के कारण करीब 43 हजार 652 लाभार्थियों का कार्ड अस्वीकृत किया जा चुका है. 10 हजार 885 लोग इस योजना के तहत लाभ ले चुके हैं.

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