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महंत हरिगिरि मर्डर केस का खुलासा, 3 हत्यारे गिरफ्तार, डोंगल ने खोली हत्याकांड की परतें

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 28, 2024, 9:02 PM IST

Updated : Jan 28, 2024, 9:24 PM IST

Mahant Hari Giri Maharaj murder revealed उधमसिंह पुलिस ने भारामल बाबा मंदिर के महंत हरिगिरि महाराज और सेवादार रूप सिंह की हत्या का खुलासा कर दिया है. पुलिस ने हत्याकांड के 3 आरोपियों को पीलीभीत से गिरफ्तार किया है.

udhamsingh police
उधमसिंह नगर पुलिस

खटीमा: उधमसिंह नगर के खटीमा के सीमांत सुरई वन क्षेत्र में स्थित बाबा भारामल समाधि स्थल मंदिर के महंत हरिगिरि महाराज और सेवादार रूप सिंह बिष्ट की हत्या का खुलासा उधमसिंह नगर पुलिस ने कर दिया है. पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करने के लिए 15 टीमों का गठन किया और 1200 लोगों से पूछताछ की. पुलिस ने घटना में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

मीडिया को जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने बताया कि घटनास्थल गहन जंगल के बीच स्थित होने के कारण उक्त मामले में कोई पुख्ता लीड प्राप्त नहीं हो रही थी. जिसके बाद इस वारदात का खुलासा करने के लिए 15 टीमों का गठन किया गया. गठित टीमों के द्वारा अलग-अलग स्तर पर मामले की जांच शुरू की गई. हत्याकांड का खुलासे के लिए पुलिस टीमों द्वारा लगभग 1200 अलग-अलग लोगों से पूछताछ की गई. साथ ही आपराधिक पृष्ठभूमि के लगभग 1000 से ज्यादा अपराधियों का भी बयान लिया गया. इस दौरान पुलिस टीम द्वारा लगभग 1500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी जांची गई.

पीलीभीत से गिरफ्तार किए आरोपी: वहीं सर्विलांस टीम के द्वारा संदिग्ध व्यक्तियों के मोबाइल नंबरों पर घटना के समय संदिग्ध गतिविधि देखी गई. जिसकी जांच करते हुए पुलिस टीम ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से तीन अभियुक्त कालीचरण, रामपाल और पवन को हिरासत में लिया. पूलिस ने पूछताछ की तो तीनों ने हत्या करने की बात कबूली. इसके बाद तीनों के कब्जे और निशानदेही से मृतक बाबा हरिगिरी महाराज से लूटे गए नकद रुपए, इंटरनेट डोंगल, बैग आदि सामान बरामद किया गया. एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार कालीचरण पूर्व में लगभग 5 वर्षों तक भारामल सिद्ध पीठ में सेवादार के रूप में रह चुका है. वहां के सभी रास्तों से अच्छी तरह परिचित है.

लूट की बनाई योजना: पूछताछ में आरोपी कालीचरण ने बताया कि 25, 26, एवं 27 दिसंबर को हुए भंडारे में वह अपने सगे भाई रामपाल के साथ आया था. जहां भंडारे के आखिरी दिन दोनों भाई ने शराब का सेवन किया. इस पर महंत हरिगिरी महाराज के द्वारा दोनों को डांटकर भगा दिया गया. इसके बाद रंजिश के साथ-साथ भंडारे में चढ़ने वाली रकम को देखकर भी दोनों के मन में लालच पैदा हो गया. दोनों ने मंदिर में लूट के लिए तीसरे साथी पवन को भी अपने साथ ले लिया. पवन पीलीभीत श्मशान घाट में औघड़ बाबा के रूप में रहता था और पूर्व में हिस्ट्रीशीटर रह चुका है.

घटना को अंजाम देने के लिए तीनों अपराधी पीलीभीत से मैजिक वाहन के द्वारा खटीमा पहुंचे. भारामल मंदिर पहुंचकर तीनों ने पहले लूट और फिर दोहरी हत्या की वारदात को अंजाम दिया. तीनों मंदिर की दान पेटी और अन्य सामान लूटने के बाद जंगल में छिप गए और सुबह होने पर वापस पीलीभीत लौट गए.

पुलिस ने घटना का हत्यारों को पकड़ने के लिए मृतक बाबा हरिगिरी महाराज के चोरी हुए डोंगल को ट्रेस किया. पुलिस ने डोंगल की लोकेशन पीलीभीत मिली. इसके बाद पुलिस ने तुरंत पीलीभीत से तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी की. पुलिस ने तीनों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
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Last Updated : Jan 28, 2024, 9:24 PM IST
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