ETV Bharat / state

NCRTC किसानों को सिखाएगा पॉलीहाउस और ड्रिप सिंचाई खेती, नमो भारत कॉरिडोर के आसपास वाले किसानों को मिलेगा फायदा

author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 23, 2024, 5:56 PM IST

NCRTC किसानों को सिखाएगा पॉलीहाउस और ड्रिप सिंचाई खेती
NCRTC किसानों को सिखाएगा पॉलीहाउस और ड्रिप सिंचाई खेती

NCRTC गाज़ियाबाद और मेरठ में किसानों को पॉलीहाउस और ड्रिप सिंचाई खेती सिखाएगा. इससे नमो भारत कॉरिडोर के आसपास वाले किसानों को फायदा मिलेगा.

नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: गाज़ियाबाद और मेरठ में किसानों की क्षमता विकसित कर उन्हे भविष्य के लिए तैयार करने और आधुनिक कृषि के नए तरीके सिखाने के लिए एनसीआरटीसी कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है. इसके लिए कृषि विशेषज्ञों की एक टीम के द्वारा इन क्षेत्रों के किसानों को आधुनिक कृषि के नए तौर तरीके सिखाए जा रहे हैं. एनसीआरटीसी द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम, किसानों के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों में कौशल विकास और प्रशिक्षण प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण कदम है.

यह इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का दूसरा चरण है, जिसमें अब तक मेरठ के अंजौली सोहरका, कायस्थ गांवड़ी, मुजक्कीपुर शोपुरा और डिंडला गांवों में किसानों को कृषि विशेषज्ञों द्वारा आधुनिक कृषि तकनीकों में कौशल विकास का प्रशिक्षण प्रदान किया गया. इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में महिला किसान भी बढ़चढ़ कर हिस्सेदारी कर रही हैं.

ये भी पढ़ें: अप्रैल तक आनंद विहार से नमो भारत रैपिड रेल चलाने की तैयारी, लोगों को मिलेगी राहत

इस प्रशिक्षण सत्र में आगामी तीन महीनों में मेहरौली, मोहिउद्दीनपुर, कलिंजरी, दिरमोली, जुर्रांपुर, सोलाना, पवनपुरी, वसुंधरा, बांदीपुर, शाहजहांपुर, किलोंदा, निवाड़ी, पतला, भजन-पटौला और मोदी बाग समेत 50 से अधिक गांव में एक शृंखला में 100 से ज्यादा प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे. जिनके माध्यम से 15 सौ से अधिक किसानों को कौशल विकास कार्यक्रम का लाभ मिलेगा. ये सभी संबंधित गाँव दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के नजदीक स्थित हैं.

पहले चरण में गाजियाबाद और मेरठ जिले के भूडबराल, कादराबाद, नंगला मूसा, सारा और सिकरीखुर्द समेत 50 से अधिक गांवों के 1500 से ज्यादा किसानों को आधुनिक कृषि का प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

इसके साथ ही एनसीआरटीसी किसानों को आधुनिक कृषि के नए तरीके सिखाने के लिए दुहाई डिपो में मॉडर्न फ़ार्मिंग डेमोंस्ट्रेशन सेंटर भी स्थापित कर रहा है. जिनमें हाइड्रोपोनिक्स तकनीक पर आधारित खेती की जानकारी प्रदान की जाएगी. इस नई तकनीक की जानकारी किसानों से साझा करने का मकसद क्वालिटी ऑफ प्रोड्यूस को बेहतर करना तो है ही साथ ही सरकार की नीति के अंतर्गत किसानों की आय को बेहतर करना भी शामिल है.

पॉलीहाउस खेती, ड्रिप सिंचाई खेती, वापस लेने योग्य ग्रीनहाउस खेती, हाइड्रोपोनिक्स इत्यादि जैसी नए जमाने की कृषि पद्धतियां पर्यावरण और सामाजिक रूप से टिकाऊ होने के साथ साथ शहरी फ़ार्मिंग तकनीक हैं. इसके अलावा, पारंपरिक कृषि तकनीकों के विपरीत, इन्हे कम पानी की जरूरत पड़ती है. साथ ही ये मौसम की स्थिति पर बहुत अधिक निर्भर नहीं हैं जो फसलों पर प्रतिकूल मौसम के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं.

कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रम एनसीआरटीसी के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पोन्सिबिलिटी (सीएसआर) कार्यक्रम के तहत आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें कृषि वैज्ञानिक, हाइड्रोपोनिक्स जैसी आधुनिक कृषि तकनीक और संरक्षित कृषि कौशल के बारे में प्रशिक्षण दे रहे हैं. इस दौरान किसानों को सिखाया जा रहा है कि हाइड्रोपोनिक्स और संरक्षित खेती के प्रशिक्षण से उनकी आय में किस प्रकार वृद्धि होगी. हाईड्रोपोनिक्स या जल संवर्धन एक ऐसी तकनीक है, जिसमें फसलों को बिना खेत में लगाए केवल पानी और पोषक तत्वों से उगाया जाता है.

ये भी पढ़ें: Hydroponics Technology: एनसीआरटीसी किसानों को सिखाएगा मॉडर्न फार्मिंग, मॉडर्न फ़ार्मिंग डेमोंस्ट्रेशन सेंटर का निर्माण


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.