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यूपी का ये मंदिर करता मानसून की भविष्यवाणी; पत्थर बताते हैं- बारिश अच्छी होगी या खराब, जानिए- इस बार कैसी रहेगी बरसात - monsoon predicts jagannath temple

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 25, 2024, 8:16 AM IST

Updated : May 25, 2024, 10:49 AM IST

कानपुर में एक ऐसा प्राचीन मंदिर है जो मानसून (Jagannath temple in kanpur) आने से पहले ही बता देता है कि इस बार बारिश कैसे होगी. यह कई सालों से चल रहा है. इस मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.

कानपुर का प्राचीन जगन्नाथ मंदिर करता है मानसून की भविष्यवाणी
कानपुर का प्राचीन जगन्नाथ मंदिर करता है मानसून की भविष्यवाणी (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)

कानपुर का प्राचीन जगन्नाथ मंदिर करता है मानसून की भविष्यवाणी (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

कानपुर : शहर में वैसे तो कई ऐसे सुप्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं जिनकी कुछ न कुछ विशेष मान्यता जरूर है. आज हम आपको ऐसे ही एक प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जोकि मानसून की सटीक भविष्यवाणी करता है. यह मंदिर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर घाटमपुर के पास बेहटा गांव में स्थित है. इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के अलावा अन्य कई भगवानों की मूर्तियां भी विराजमान है. जिस तरह मौसम विभाग के द्वारा मानसून की स्थिति की बारे में जानकारी दी जाती है. कुछ इसी तरह से इस मंदिर के गुंबद में लगा पत्थर भी मानसून के आने का संकेत देता है. इस रहस्य को जानने के लिए कई वैज्ञानिकों के द्वारा भी यहां आकर शोध किया जा चुका है.

कानपुर का प्राचीन जगन्नाथ मंदिर
कानपुर का प्राचीन जगन्नाथ मंदिर (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)
कानपुर का प्राचीन जगन्नाथ मंदिर से टपकती हैं बूंदें
कानपुर का प्राचीन जगन्नाथ मंदिर से टपकती हैं बूंदें (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)
कानपुर का प्राचीन जगन्नाथ मंदिर
कानपुर का प्राचीन जगन्नाथ मंदिर (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)

मंदिर की गुंबद से टपकने लगती है बूंदें : ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत के दौरान मंदिर के महंत केपी शुक्ला ने बताया कि, यह मंदिर मानसून के आने की भविष्यवाणी करता है. जैसे ही मानसून की शुरुआत होती है. वैसे ही इसके गुंबद में लगा पत्थर भीग जाता है. इससे लोगों को जानकारी हो जाती है की वर्षा होने वाली है. उन्होंने बताया कि, अगर पत्थर पर पानी बूंदों का रूप लेने लगता है तो इसे सामान्य बारिश होने का संकेत मिल जाता है. वहीं, अगर पत्थर से ज्यादा बूंदें टपकने लगती हैं तो इससे अच्छी बारिश का अनुमान लगाया जाता है. महंत का कहना इस बार अभी से ही पत्थर ने पसीजना शुरू कर दिया है. जिससे उनका दावा है कि इस बार अच्छी बारिश होगी.

कानपुर का प्राचीन जगन्नाथ मंदिर
कानपुर का प्राचीन जगन्नाथ मंदिर (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)
मानसून की सटीक भविष्यवाणी का दावा
मानसून की सटीक भविष्यवाणी का दावा (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)


उड़ीसा स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर से भी पुराना है यह मंदिर : मंदिर के महंत ने बताया कि, यह मंदिर काफी प्राचीन और विख्यात है. यह मंदिर ओडिशा में स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर से भी पुराना है. मंदिर में प्रवेश करते ही बाएं तरफ सूर्य देव की मूर्ति है. जोकि काफी ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन है. वहीं, मंदिर के दाएं तरफ विष्णु भगवान की मूर्ति है. महंत का कहना है कि मंदिर का जो मूल स्वरूप है, पूरे उत्तर भारत में ऐसा स्वरूप आपको देखने को नहीं मिलेगा. महंत ने बताया कि, इस मंदिर में मौर्य वंश, गुप्त वंश के प्रमाण भी देखने को मिलते हैं. इसके साथ-साथ सिंधु घाटी व हड़प्पा के समय की आकृतियां भी इस मंदिर में मौजूद हैं. जोकि यह साफ दर्शाती हैं कि इस मंदिर को बने और स्थापित हुए सैकड़ों साल हो गए हैं. इस मंदिर में मानसून की भविष्यवाणी के रहस्य को सुलझाने के लिए कई वैज्ञानिक भी आ चुके हैं. लेकिन, अभी तक किसी को भी यह पता नहीं चल सका है, कि आखिर मानसून की भविष्यवाणी का राज क्या है?

आइए जानते हैं क्या है बूंदों के आने का कारण? : ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत के दौरान चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक एसएन सुनील पांडे ने बताया कि, वह खुद भी दो बार इस मंदिर का भ्रमण कर चुके हैं. उनके अनुसार मंदिर के पत्थर में मॉश्चर फीड के कारण उस पर बूंदे आ जाती है. इसके अनुसार ही लोग मानसून के आने का दावा करते हैं. उनका कहना है, कि बूंदें जितनी ज्यादा होती हैं. उससे यह अनुमान लगाया जाता है. मानसून काफी अच्छा होगा. हालांकि, इसकी सत्यता के पीछे आखिर क्या राज है, इसके बारे में वह कुछ नहीं जानते हैं.

ग्रामीणों का कहना है ये है चमत्कार : घाटमपुर बेहटा गांव के रहने वाले 70 वर्षीय भगवान दीन ने बताया कि मंदिर के गुंबद में लगा पत्थर हर साल मानसून की भविष्यवाणी करता है, जिस तरह से मंदिर के पत्थर पर बूंदें आती हैं. उससे मानसून का अनुमान लगाया जाता है. उन्हें हर साल यह चमत्कार देखने को मिलता है. वहीं, अंशिका ने बताया कि हर साल इस मंदिर के गुंबद में लगे पत्थर से बूंदों का टपकना किसी रहस्य से काम नहीं है. हर साल इन बूंदों के जरिए ही मानसून के आने का अनुमान लगाया जाता है.

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Last Updated : May 25, 2024, 10:49 AM IST
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