ETV Bharat / state

1857 में आज ही के दिन हुई थी क्रांति की शुरुआत, 1947 तक की हर जानकारी संजोए है मेरठ का यह संग्रहालय - meerut 1857 kranti

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 10, 2024, 1:56 PM IST

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मेरठ बलिदान की भूमि है, जिससे हर कोई परिचित है. अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन की पहली चिंगारी क्रांतिधरा मेरठ से ही फूटी थी. 10 मई 1857 को अंग्रेजों के विरुद्ध पहला विद्रोह मेरठ से ही हुआ था.

Etv Bharat
Etv Bharat (Etv Bharat)

1857 में आज ही के दिन हुई थी क्रांति की शुरुआत (etv bharat reporter)

मेरठ: 1857 की क्रांति की शुरुआत से लेकर देश की आजादी तक के तमाम आंदोलनों की कहानी समेटे है क्रांतिधरा मेरठ का खास संग्रहालय. यह संग्रहालय जहां युवाओं को उन वीर योद्धाओं और क्रान्तिकरियों की याद दिलाता है, जिन्होंने धर्म पंथ जाति से उठकर एक साथ कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेजी हुकूमत को देश छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर दिया था.

1857 में अंग्रेजों के खिलाफ देश में बिगुल बजा था, इसकी शुरुआत अप्रैल मई माह में 1857 में हुई थी. धीरे- धीरे यह चिंगारी शोला बनी. पूरे देश में अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध देशवासियों में जागरूकता आई. मेरठ में शुरुआत से लेकर प्रदेश और देशभर में किस तरह से तब आंदोलन हुए थे. इन तमाम जानकारियों को संजोए हुए है मेरठ में बना खास राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय.

मेरठ का संग्रहालय
मेरठ का संग्रहालय (Photo credit; ETV Bharat)

इसी के साथ ही यहां अमर जवान ज्योति भी स्थापित है. मेरठ के कैंट एरिया के जली कोठी नामक स्थान के नजदीक में यह खास संग्रहालय है. जहां देश भर से लोग जानकारी हासिल करने पहुंचते हैं. इसके साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं समेत छात्रों की भी खासी संख्या रहती है.

etv bharat
1947 तक की हर जानकारी इस संग्रहालय में है मौजूद (etv bharat reporter)

संग्रहालय के केयर टेकर हरिओम शुक्ला ने बताया, कि 1857 में जब अंग्रेजों के खिलाफ देश में बिगुल बजा था तब इसकी शुरुआत अप्रैल माह के आखिरी दिनों में हो गई थी. जिसके बाद 10 मई को सैनिकों ने कारतूस में लगी चर्बी को लेकर विद्रोह कर दिया था. मेरठ में बना खास राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय 1857 से लेकर जंग-ए-आजादी की तमाम स्मृतियों से भरा हुआ है. राजकीय संग्रहालय में छोटी से छोटी जानकारी उस वक्त की क्रांति से जुड़ी हर तस्वीर आजादी के दौरान की क्रांति को बयान करती है.

राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय
राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय (Photo credit; ETV Bharat)

इसे भी पढ़े-अक्षय तृतीया पर बांके बिहारी मंदिर पहुंचेंगे 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु; गर्मी-लू के बीच जान लीजिए एडवाइजरी - Akshaya Tritiya 2024

संग्रहालय के केयरटेकर हरिओम शुक्ला ने बताया कि जिले में स्थित राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में पांच गैलरी हैं. पहली गैलरी में जहां मेरठ की क्रांति से जुड़ी तमाम घटनाओं को तस्वीरों के माध्यम से बताया गया है. तो वहीं, दूसरी गैलरी में ब्रिटिश हुकूमत को भगाने के लिए देश भर में जगह-जगह क्या कुछ हुआ यह जानकारी अलग-अलग गैलरी में प्रदर्शित है. खास बात यह है कि देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी समेत देश की अनेकों विभूतियां यहां आकर अपना ज्ञान वर्धन कर चुके हैं.

संग्रहालय के केयरटेकर कहते हैं, कि देश भर से लोग यहां आकर जहां क्रांतिवीरों की शौर्य गाथा को जानते हैं. वहीं, स्कूली छात्र छात्राओं का तो नियमित आना होता है. उन्होंने बताया, कि युवा पीढ़ी को देश की आजादी से जुड़े क्रांति के इतिहास को बताया जाता है. ताकि उनकी देशभक्ति की भावना जागृत रहे.
संग्रहालय के केयरटेकर ने बताया, कि रिसर्च करने के लिए भी यहां पर स्टूडेंट्स आते हैं. क्रांति से जुड़ी तमाम जानकारी उन्हें यहां उपलब्ध होती हैं जो कि उनका ज्ञानवर्धन करती है.

यह भी पढ़े-यूपी के 31 जिलों में आंधी, बारिश और बिजली का अलर्ट; 7 डिग्री तक गिरा पारा, गर्मी-लू से 3 दिनों तक रहेगी राहत - UP Weather Forecast

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.