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भीलवाड़ा के मेडिकल स्टोर आधे दिन के लिए रहे बंद, पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन - Medical stores remained closed

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 14, 2024, 2:07 PM IST

भीलवाड़ा जिले में अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर मंगलवार को जिले में दवा की दुकानें आधे दिन के लिए बंद रही. दवा विक्रेताओं ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और कलक्टर व एसपी को अपनी मांगों के समर्थन में ज्ञापन दिया.

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भीलवाड़ा जिले के मेडिकल स्टोर आधे दिन के लिए रहे बंद (photo etv bharat bhilwara)

कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन (वीडियो ईटीवी भारत भीलवाड़ा)

भीलवाड़ा. जिला केमिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले मंगलवार को जिले के 1250 मेडिकल स्टोर आधे दिन के लिए बंद रहे. मेडिकल स्टोर संचालकों ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान दवा लेने वाले मरीज और उनके परिजन परेशान रहे.

जिला केमिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले जिले के तमाम मेडिकल स्टोर आधे दिन के लिए बंद रखे गए. दवा संचालकों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. साथ ही जिला कलेक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा. एसोसिएशन ने बताया कि देश के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव, भारत के औषधि महानियंत्रक, स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक (डीजीएचएस), राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्रधिकरण (एनपीपीए) के अध्यक्ष और अन्य संबधित अधिकारियों को ओटीसी(ओवर द काउंटर) दवाओं को सभी को बेचने की अनुमति पर आपत्ति है. इस तरह का कदम मौजूदा दवा कानूनों, फार्मेसी विनियमों का उल्लंघन करेगा. उचित विनियमन के बिना ओटीसी दवा बिक्री की अनुमति देने से गंभीर खतरा पैदा हो सकता है.

पढ़ें: निजी अस्पताल में हो रहा था नशीली दवाओं का कारोबार, बिना लाइसेंस चल रहा था मेडिकल स्टोर

ये है पांच सूत्रीय मांग

  • 23 फरवरी 2024 को करेड़ा में मेडिकल संचालक से हुई लूट के मामले में पुलिस कार्रवाई शीघ्र हो.
  • मेडिकल संचालकों की सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.
  • ओटीसी दवाओं को सभी को बेचने की अनुमति पर आपत्ति. बिना लाइसेंस, ओवर द काउंटर (ओटीसी) दवाओं की बिक्री की अनुमति का केंद्र सरकार का प्रस्ताव गलत है.
  • दवा दुकानों पर डॉक्टरों द्वारा जबरन झोलाछाप की श्रेणी में मानकर कार्रवाई की जा रही है.
  • डॉक्टर की पर्ची में पठनीयता हो. कई बार डॉक्टर अस्पष्ट दवा लिखता है.
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