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सरगुजा लोकसभा सीट पर कौन मारेगा बाजी, क्या है इस बार का सियासी समीकरण, जानिए

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 22, 2024, 7:38 PM IST

Surguja Parliamentary Seat छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है. छत्तीसगढ़ का मस्तक कहे जाने वाले सरगुजा में भी इसकी सुगबुगाहट देखने को मिल रही है. इस बीच ईटीवी भारत आपको छत्तीसगढ़ के सभी 11 लोकसभा सीट का सियासी समीकरण बताने जा रहा है. आइए एक नजर सरगुजा लोकसभा सीट के सियासी समीकरण पर डालते हैं. Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024
सरगुजा लोकसभा सीट

सरगुजा: छत्तीसगढ़ की एसटी आरक्षित लोकसभा सीट है सरगुजा. देश की आजादी के बाद यहां 17 चुनाव हो चुके हैं और 18 वीं लोकसभा के लिए 2024 में चुनाव होने हैं. इस सीट के अस्तित में आने के बाद 1952 और 1957 के चुनाव में दो सांसद चुने जाते थे. के सामान्य वर्ग से और दूसरा एसटी वर्ग से. लेकिन 1962 के चुनाव से पहले परिसीमन हो गये और सीटों का आरक्षण हो गया. दो सांसद बनने की परंपरा पर विराम लग गया.

सरगुजा लोकसभा का इतिहास: सरगुजा लोकसभा के पुराने क्षेत्रफल की बात करें तो वह काफी बड़ा था. सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, बलरामपुर और रायगढ़ जिला इस एक लोकसभा में आते थे. पहले परिसीमन के बाद रायगढ़ और कोरिया जिले को इससे अलग किया गया. रायगढ़ को अलग लोकसभा क्षेत्र बनाया और कोरिया का कुछ हिस्सा मध्यप्रदेश की सीधी लोकसभा में शामिल हो गया. हांलाकि बाद में कोरिया जिले को कोरबा लोकसभा में शामिल कर दिया गया. जिसके बाद अब सरगुजा लोकसभा सीट में 3 जिलों की 8 विधानसभा सीटें शामिल हैं.

सरगुजा लोकसभा सीट की डेमोग्राफी: 2024 में सरगुजा लोकसभा क्षेत्र में कुल 18,02,941 मतदाता हैं. यह आंकड़े मतदाता सूची के प्रारंभिक प्रकाशन 6 जनवरी 2024 की स्थिति के अनुसार है. इसके मुताबिक, कुल 1,71,229 युवा मतदाता हैं, जिसमें 18 से 19 आयुवर्ग के 20078 एवं 20 से 29 आयुवर्ग के कुल 151151 मतदाता शामिल हैं.

सरगुजा लोकसभा सीट का जातिगत समीकरण: सरगुजा लोकसभा में सरगुजा जिले की अम्बिकापुर, सीतापुर और लुंड्रा विधानसभा शामिल हैं. इसी तरह सूरजपुर जिले की प्रेमनगर, भटगांव और प्रतापपुर विधानसभा इसमें आती हैं. बलरामपुर जिले की सामरी और रामानुजगंज विधानसभा भी सरगुजा लोकसभा का हिस्सा हैं. यहां एसटी वर्ग के मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है. लोकसभा सीट में करीब 65 फीसदी से अधिक मतदाता एसटी वर्ग के हैं. एसटी में भी गोंड सामाज की बहुलता है, इस वजह से यहां ज्यादातर गोंड समाज के प्रत्याशी ही सांसद रहे हैं. जातिगत समीकरण देखा जाये तो यहां कंवर समाज के मतदाता सबसे अधिक हैं, लेकिन गोंड समाज मे एकजुटता के कारण यहां इस गोंड समाज के ही प्रत्याशी सांसद बनते रहे हैं.

2004 से बीजेपी का अभेद किला है यह सीट: वर्तमान में यहां से 2019 में रेणुका सिंह सांसद चुनी गई. इन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री भी बनाया गया. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में रेणुका सिंह ने एमसीबी जिले की भरतपुर-सोनहत सीट से चुनाव लड़ा. चुनाव में जीतने के बाद उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था. यहां 9 बार कांग्रेस ने तो 8 बार भाजपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद 2004 से यहां कांग्रेस कभी चुनाव नहीं जीत सकी है. यहां लगातार बीजेपी के प्रत्याशी जीत दर्ज करते आ रहे हैं. 2004 में नंदकुमार साय, 2009 में मुरारीलाल सिंह, 2014 में कमलभान सिंह और 2019 में रेणुका सिंह यहां से सांसद बनी. राज्य निर्माण के पहले और छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आने के बाद 2004 तक कांग्रेस के खेल साय सिंह यहां से 3 बार सांसद रह चुके हैं.

लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे: लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने सरगुजा से आदिवासी महिला नेत्री रेणुका सिंह को मैदान के उतारा था. रेणुका सिंह ने कांग्रेस के सीनियर नेता खेल साय सिंह को बड़े अंतर से शिकस्त दी थी. सरगुजा से रेणुका सिंह 1 लाख 57 हजार 873 मतों से जीतीं थी. भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह को कुल 663711 मत मिले थे, जबकी कांग्रेस के खेल साय सिंह को महज 505838 मतों से ही संतोष करना पड़ा था. इससे पहले लोकसभा चुनाव 2014 में इस सीट पर कांग्रेस के राम देव राम को हराकर भाजपा के प्रत्याशी कमल भान सिंह मरावी विजयी रहे. कुल मतों 11,87,321 में से 5,85,336 मत हासिल कर BJP प्रत्याशी ने यहां जीत दर्ज की थी.

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