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क्या होती है आदर्श आचार संहिता ? चुनाव के दौरान क्या है इससे जुड़े नियम कायदे ?

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 16, 2024, 5:49 PM IST

Updated : Mar 16, 2024, 6:35 PM IST

लोकसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान होने के साथ देशभर में आदर्श आचार संहिता लग गई है. ऐसे में आदर्श आचार संहिता के तहत राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के ऊपर कई तरह के कार्य करने पर रोक होगी. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या होता है आदर्श आचार संहिता?

आदर्श आचार संहिता
आदर्श आचार संहिता

करसोग: 18वीं लोकसभा चुनावों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. कुल 7 चरणों में लोकसभा के लिए मतदान होंगे. वहीं, इसके अलावा 4 राज्यों में विधानसभा और कई राज्यों में उपचुनाव होंगे. चुनावों की डेट अनाउंस होने के साथ ही देशभर भर में आदर्श आचार संहिता लग गई है. ऐसे में आईए जानते हैं इस दौरान क्या-क्या नहीं हो सकता है.

चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ लगी आचार संहिता: देश भर में आज 18वीं लोकसभा के लिए चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया. इसके साथ की देश के सभी राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई. ऐसे में बहुत से लोगों के में सवाल होंगे कि आदर्श आचार संहिता क्या है और इस दौरान राजनीतिक पार्टियों सहित सरकार को किन नियमों और शर्तों की पालना करनी होगी? इस दौरान जनता से जुड़े किस तरह के कार्य हो सकते हैं. नए कार्य शुरू करने को लेकर क्या नियम रहते हैं? इस अवधि में कर्मचारियों के तबादलों को लेकर क्या स्थिति रहेगी. इस तरह के तरह से सवाल कई लोगों के मन में उठ सकते हैं. आइये जानते हैं कि यह आचार संहिता आखिर होती क्या है? यह किसके लिए जारी की जाती है? किन-किन चीजों पर लगती है पाबंदी?

क्या है आदर्श चुनाव आचार संहिता: देश में लोकसभा चुनाव और प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाती हैं. लोकसभा चुनाव के समय पूरे देश में और विधानसभा में केवल उसी राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लगती हैं, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं. जब भी चुनाव आयोग की ओर से चुनाव का आयोजन किया जाता है, तो इससे पहले से ही आदर्श चुनाव संहिता को लागू किया जाता है, जिसकी मदद से चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से हो सके. इसके तहत कुछ नियमों को तय किया जाता है, जिसका चुनावी प्रक्रिया के दौरान संबंधित राजनीतिक पार्टियों को पालन करना होता है. चुनाव आचार संहिता को चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू कर दिया जाता है और यह चुनाव समापन तक जारी रहती है.

कितने दिनों तक लागू रहती है: आज लोकसभा के लिए चुनावों की तारीखों का ऐलान होते ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई. जो चुनाव प्रक्रिया के पूर्ण होने तक लागू रहेगी. लोकसभा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता पूरे देश में और विधानसभा चुनावों के दौरान पूरे राज्य में लागू होती है.

सरकार के लिए नियम: आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होते ही सरकार की जगह चुनाव आयोग की भूमिका शुरू हो जाती है. इस दौरान चुनाव के आयोजन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों या पदाधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती पर संपूर्ण प्रतिबंध होगा. ऐसे में अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी का स्थानांतरण या तैनाती जरूरी है तो पहले आयोग की अनुमति लेनी होगी. इसी तरह से कैबिनेट की बैठक नहीं हो सकती है. इसी तरह से अब मंत्रियों की भूमिका भी सीमित हो जाएगी. आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के साथ ही मंत्रियों को अपना आधिकारिक वाहन केवल अपने आधिकारिक निवास से अपने कार्यालय तक शासकीय कार्यों के लिए ही मिलेगा. इस दौरान इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि सफर को किसी चुनाव प्रचार कार्य या राजनीतिक गतिविधि से न जोड़ा जाए.

सरकारी योजनाओं, निर्माण कार्य का क्या: चुनाव के दौरान प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सरकारी खर्चे पर पार्टी की उपलब्धियों के संबंध में विज्ञापन और सरकारी जनसंपर्क निषेध है. आचार संहिता लगते ही 24 घंटे में केंद्र में सत्ताधारी पार्टी/राज्य सरकार की उपब्धियों को प्रदर्शित करने वाले होर्डिंग या विज्ञापनों को हटाना होगा. इसके अतिरिक्त, अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सहित अन्य मीडिया पर सरकारी राजकोष के खर्चे पर कोई विज्ञापन जारी नहीं होगा. इसी तरह से सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए कई दिशा-निर्देश हैं। इसमें नए कार्यों को शुरू नहीं किया जा सकता है. इसी तरह से कोई नए कार्यों और योजनाओं की घोषणा नहीं की जा सकती है, जिससे किसी को लाभ पहुंचता है.

आचार संहिता का पालन नहीं करने पर क्या होता है: यदि कोई राजनीतिक दल या फिर राजनीतिक दल का कोई प्रत्याशी आदर्श आचार संहिता का पालन नहीं करता है, तो उस पर चुनाव आयोग की ओर से कार्रवाई की जाती है. उदाहरण के तौर पर उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है. यदि जरूरत पड़े तो आपराधिक मुकदमा भी दर्ज हो सकता है. वहीं, नियमों के उल्लंघन पर जेल भी जाना पड़ सकता है. इसी तरह से अधिकारियों को भी चुनाव आदर्श आचार संहिता के तहत नियमों के दायरे में रहकर काम करना होगा.

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Last Updated : Mar 16, 2024, 6:35 PM IST
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