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अंबाला लोकसभा सीट पर बंतो कटारिया और कुमारी शैलजा आमने-सामने! सिरसा बनाम अंबाला सीट पर फंसा है पेंच

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 15, 2024, 10:18 PM IST

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल 16 मार्च को बजने वाला है. बीजेपी 'अबकी बार, 400 पार' का नारा लेकर मैदान में है. तो वहीं, कांग्रेस भी चुनाव में जीत का दावा कर रही है. इस बार हरियाणा में सबसे ज्यादा अंबाला की लोकसभा सीट चर्चा में है. बीजेपी ने बंतो कटारिया को अंबाला सीट से प्रत्याशी बनाया है. जबकि कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है.

Lok Sabha Election 2024
Lok Sabha Election 2024

चंडीगढ़: चुनाव आयोग कल यानी शनिवार को लोकसभा चुनाव की तारीख का ऐलान कर सकता है. ऐसे में राजनीतिक दल जनता को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. हरियाणा में सत्ताधारी दल भाजपा के अलावा कांग्रेस, जजपा, आप और अन्य राजनीतिक दल चुनावी जीत के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, नेता, जिला अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, मंत्री और मुख्यमंत्री तक लोगों के बीच पहुंचकर अपनी-अपनी योजनाएं, परियोजनाएं गिनाने के अलावा गारंटी तक दे रहे हैं.

अंबाला सीट पर 10 साल से बीजेपी का कब्जा: इस बीच अंबाला लोकसभा सीट काफी चर्चाओं में हैं. क्योंकि इस सीट से बीते 10 साल से अंबाला से सांसद रहे बीजेपी नेता दिवंगत रतनलाल कटारिया की धर्मपत्नी बंतो कटारिया प्रत्याशी हैं. चर्चा है कि उनका मुकाबला कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा से हो सकता है. हालांकि कांग्रेस ने अंबाला सीट पर अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है. लेकिन सियासी समीकरण बंतो कटारिया और कुमारी शैलजा की ओर इशारा कर रहे हैं. यदि ऐसा हुआ तो अंबाला सीट के नतीजे दिलचस्प हो सकते हैं.

बीजेपी से बंतो कटारिया का सालों पुराना रिश्ता: भाजपा प्रत्याशी बंतो कटारिया वर्ष 1980 से बीजेपी से जुड़ी हुई हैं. जिला करनाल के घरौंडा निवासी बंतो कटारिया ने शादी के बाद बीए, एमए व एलएलबी की पढ़ाई की और कुछ समय वकालत भी की. अपने राजनीतिक सफर में वह मंडल अध्यक्ष से लेकर वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष तक पहुंची हैं. वह भारत के नवरत्नों में शामिल गेल की स्वतंत्र डायरेक्टर भी रही.

रतनलाल कटारिया के नाम का मिलेगा फायदा!: भाजपा प्रत्याशी बंतो कटारिया के पति रतनलाल कटारिया बीते 10 वर्ष से अंबाला सीट से सांसद रहे. नतीजतन बंतो कटारिया इस बार हैट्रिक लगाने के प्रयास में हैं. कटारिया परिवार की अंबाला में मजबूत पकड़ मानी गई है. क्योंकि रतनलाल कटारिया भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष समेत तीन बार सांसद रह चुके हैं. बंतो कटारिया के हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी अच्छे संबंध हैं. जिसके चलते सीएम नायब सैनी ने बंतो कटारिया को प्रदेश उपाध्यक्ष का पद दिया है. इन सभी बिंदुओं के आधार पर कटारिया परिवार एक बार फिर अंबाला लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने के प्रयास में है.

कुमारी शैलजा का सियासी सफर: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा का राजनीतिक सफर करीब 36 वर्ष का है. इस बीच वह 4 बार लोकसभा सदस्य, एक बार राज्यसभा सदस्य और तीन बार केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं. कुमारी शैलजा वर्ष 1991, 96 में सिरसा से, जबकि वर्ष 2004 और 2009 में अंबाला से सांसद चुनी गई. शैलजा अब तक वर्ष 1988, 91, 96 और 98 में सिरसा से जबकि वर्ष 2004, 2009 और 2014 में अंबाला से चुनाव लड़ चुकी हैं. इसके अलावा वह 2019 से अप्रैल 2022 तक हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही हैं.

क्या अंबाला से लड़ेंगी चुनाव? : राजनीतिक समीकरणों पर गौर करें तो कांग्रेस की नेता कुमारी शैलजा सिरसा सीट से भी चुनाव लड़ सकती हैं. कुछ जानकारों के अनुसार वह सिरसा के लिए अंबाला सीट को छोड़ भी सकती हैं. हालांकि कांग्रेस की ओर से अंबाला और सिरसा सीट के लिए फिलहाल किसी नाम की घोषणा नहीं की गई है. आगामी दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि भाजपा प्रत्याशी बंतो कटारिया का मुकाबला कांग्रेस की नेता कुमारी शैलजा से होगा या फिर कांग्रेस किसी अन्य चेहरे पर दांव लगाएगी.

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