मेरठ: राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने मेरठ पुलिस की कार्यशैली को लेकर एक बार फिर सवाल उठाए हैं. यही वजह है कि बीते दिन वह मेरठ के सिविल लाइन थाने पहुंच गए. जहां उन्होंने मेरठ में आपूर्ति विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात रहे बाबू की गिरफ्तारी के तरीके पर आपत्ति दर्ज कराते हुए अपने गुस्से का इजहार कर दिया. साथ ही उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर भी नाराजगी जता दी.
फरार आरोपी के जेल भेजने के तरीके पर सवाल: मेरठ के आपूर्ति विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात बाबू जो लंबे समय से फरार चल रहा था. उसके जेल भेजने के तरीके पर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्याक्ष और सांसद ने आपत्ति दर्ज कराते हुए इस मामले की पड़ताल की मांग उठाई. उन्होंने जिले के अफसरों को चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में जल्द उचित कार्रवाई नहीं हुई तो वह सीएम योगी से शिकायत करेंगे.
350 करोड़ का था राशन घोटाला: आपको बता दें कि शहर की जाकिर कॉलोनी के रहने वाले एक व्यक्ति आपूर्ति विभाग में तैनात था. उस पर आरोप था कि उसने लगभग 350 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की थी. जब यह मामला संज्ञान में आया था तो राज्यसभा सांसद ने 3 साल पहले आरोपी की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करते हुए सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया था. जिसके बाद से आरोपी फरार चल रहा था. लेकिन सिविल लाइन थाना पुलिस ने करीब चार दिन पहले तीन साल से फरार चल रहे आरोपी को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया था.
सांसद की अपत्ति पर अधिकारियों ने जांच का दिया आश्वासन: सांसद बाजपेयी का आरोप है कि थाना पुलिस ने घोटाले के आरोपी को सेटिंग करके जेल भेजा. इतना ही उन्होंने थाने में पहुंचकर इस मामले की जानकारी मांगी. जिससे थाने में तैनात पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने सीधे तौर पर इस पूरे मामले के जांच अधिकारी पर मिलीभगत से आरोपी को जेल भेजने का आरोप लगाया. तत्काल अधिकारियों ने राज्यसभा सांसद से मामले की जानकारी लेने के बाद पुनः जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया.
सपा के समय हुआ था घोटाल योगी सरकार ने बनाई थी एसआईटी: ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि, समाजवादी पार्टी की सरकार में बहुत बड़ा राशन घोटाला हुआ था, उन्होंने बताया कि उस वक्त घोटाले को करके सीमा पार करके वह राशन नेपाल पहुंचाया गया था. तब इस मामले को उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समक्ष रखा था लेकिन अखिलेश यादव ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की थी. लेकिन जब प्रदेश में सत्ता बदली और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो उस वक्त इस मुद्दे को उन्होंने उठाया, तब इसमें एसआईटी का गठन का आदेश दिया था.
भ्रष्ट नेताओं और दलों को सत्ता में आने का सपना पूरा नहीं होगा: बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नाम पर भ्रष्टाचारियों का कुनबा एकत्र हुआ था और कथित सरकार बनाने का सपना ये लोग देख रहे थे. उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि, इन विपक्षी दलों की असल कोशिश यह थी कि, इनके ऊपर जो ईडी और सीबीआई का शिकंजा कसा हुआ था. उससे बचने के लिए विपक्षी एकजुटता दिखाई दे रही थी. वह बोले कि भ्रष्ट नेताओं और दलों का सरकार बनाने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है.