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यूपी में TMC की एंट्री! चंदौली में सपा बदल सकती है प्रत्याशी, कांग्रेस को होगा बड़ा नुकसान

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 25, 2024, 5:19 PM IST

यूपी में TMC की एंट्री! चंदौली में सपा बदल सकती है घोषित प्रत्याशी, कांग्रेस को होगा बड़ा नुकसान
Lalitesh Pati Tripathi may contest Lok Sabha elections 2024 from Chandauli Seat as TMC Candidate

तृणमूल कांग्रस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी चंदौली सीट से ललितेश पति त्रिपाठी को लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहती हैं. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष इस सीट पर प्रत्याशी के रूप में वीरेंद्र सिंह के नाम का ऐलान पहले ही कर चुके हैं. अब देखना है सियासी ऊंट किस करवट बैठेगा.

वाराणसी: बनारस में ममता बनर्जी और अखिलेश यादव मिलकर नया खेल करने के प्रयास में हैं. राजनीतिक लड़ाई के बीच INDIA गठबंधन चंदौली सीट से खेल करने की कोशिश में है. तृणमूल कांग्रस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इस सीट से ललितेश पति त्रिपाठी को लोकसभा चुनाव लड़ाने की कोशिश में हैं. इसको लेकर ललितेश और अन्य पार्टी नेताओं ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से चर्चा भी कर ली है. ममता बनर्जी ने भी अखिलेश से इस बारे में चर्चा की है. ऐसे में अब अखिलेश यादव चंदौली सीट से प्रत्याशी बदल सकते हैं, क्योंकि उन्होंने पहले ही इस सीट से अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है.

ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश में भी अब अपना दम आजमाना चाहती हैं. पिछले कई चुनावों में ममता ने अखिलेश यादव के साथ मंच साझा किए हैं. मगर उन्होंने चुनाव को लेकर अधिक कोशिशें नहीं कीं. मगर इस बार ममता कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेश के सहारे अपनी किस्मत आजमाएंगी. उम्मीद जताई जा रही है कि वह चंदौली सीट से ही ललितेश को लोकसभा चुनाव का प्रत्याशी बनाएंगी. क्योंकि चंदौली में आज भी कमलापति त्रिपाठी की साख के नाम पर वोट मांगा जा सकता है. वहीं ललितेश की दादी चंद्रकला त्रिपाठी, जिनको बहू जी के नाम से लोग जानते हैं वह भी यहां से सांसद रही हैं. ऐसे में विरासत के नाम पर वह चुनाव लड़ सकते हैं.

अखिलेश यादव के साथ ललितेश पति त्रिपाठी
अखिलेश यादव के साथ ललितेश पति त्रिपाठी

चंदौली की सीट छोड़ सकते हैं अखिलेश: बता दें कि समाजवादी पार्टी ने चंदौली से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान पहले ही कर दिया है. वीरेंद्र सिंह का नाम अखिलेश यादव ने पहले ही फाइनल कर दिया है. ममता से बातचीत के बाद उम्मीद की जा रही है कि अखिलेश यहां से अपने प्रत्याशी का नाम वापस ले सकते हैं या बदल सकते हैं. मगर दूसरी तरफ ललितेश त्रिपाठी मिर्ज़ापुर से चुनाव लड़ने के मूड में हैं. उनका ये भी कहा कि ममता बनर्जी जिस सीट से कहेंगी वहां से चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में INDI गठबंधन के लिए अखिलेश यादव चंदौली की सीट टीएमसी को दे सकते हैं. ममता बनर्जी साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उनके साथ चुनाव प्रचार में उतरी थीं. ऐसे में उनकी बात अखिलेश मान सकते हैं.

ढह जाएगा कांग्रेस का किला, पलट जाएगी बाजी: वहीं बात ये भी सामने आ रही है कि ललितेश भदोही सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो फिर मिर्जापुर त्रिपाठियों के हाथ निकल जाएगा, जहां पर कमलापति त्रिपाठी से बनाया हुआ कांग्रेस का एकछत्र राज रहा है. वहीं मिर्जापुर में ललितेश अपना दल की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को कड़ी टक्कर दे सकते हैं. ऐसे में अगर वो मिर्जापुर छोड़ते हैं तो फिर अनुप्रिया के लिए यह राह और भी आसान हो जाएगी. इस पूरे सियासी दांव पेंच में फंसेगी तो सिर्फ कांग्रेस. ललितेश तो कब का उसका दामन छोड़कर ममता बनर्जी के साथ हो लिए हैं. और टीएमसी की ओर से ही इस बार चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. ऐसे में कांग्रेस का सबसे पुराना चुनावी किला ढह जाएगा.

चंदौली सपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह
कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेश

ममता बनर्जी से अखिलेश यादव से की चर्चा: ललितेश पति त्रिपाठी ने बताया कि हम लोगों की सीट तय नहीं हुई है. तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय चेयरपर्सन एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने INDI गठबंधन की बैठक में अखिलेश यादव से यह निवेदन किया है कि अगर आपको उचित लगे तो हमारी पार्टी के भी उम्मीदवार उत्तर प्रदेश के इस लोकसभा चुनाव में लड़ाना चाहते हैं. अखिलेश यादव ने हम लोगों को आमंत्रित किया और इस विषय पर चर्चा की. हमारे परबाबा, बाबा और दादी सभी लोगों की राजनीति बनारस के आसपास और अन्य जिलों में रही है. बनारस मे भी रही है. हम लोगों ने अखिलेश यादव के सामने कोई सीट का दबाव नहीं रखा है.

कमलापति त्रिपाठी ने अपने पीछे छोड़ी है विरासत: उन्होंने कहा कि, हमने अखिलेश यादव से निवेदन किया है और ममता बनर्जी का भी यही कहना है कि इस वक्त जरूरत है कि कौन भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को सबसे कड़ा टक्कर दे सकता है और कौन भारतीय जनता पार्टी को हरा सकता है. उस उम्मीदवार को मैदान में उतरने की आवश्यकता है. हमने अखिलेश यादव से यही चर्चा की ही कि उन्हें जहां से उपयुक्त लगे वहां से हम लोगों को चुनाव मैदान में उतारें. हमें पूर्वांचल के कई जिलों में जाने का अवसर प्राप्त हुआ. हर जिले में कलमापति त्रिपाठी विरासत में यही छोड़कर गए हैं कि पारिवारिक संबंध और नजदीकी सभी लोगों के साथ ऐसे बनाकर रखा है कि जहां जाते हैं वहां पर वह परिवार का प्रेम और आशीर्वाद मिलता है.

बनारस में पीएम मोदी को देंगे कड़ा मुकाबला: ललितेश पति त्रिपाठी ने कहा कि, निश्चित रूप से हम लोग ज्यादातर अपनी राजनीति इन्हीं तीन चार जिलों में किए हैं. INDI गठबंधन के पास कई ऐसे चेहरे हैं जो निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कड़ा मुकाबला दे सकते हैं. मुझे ये भरोसा है कि आने वाले दिन में एक ऐसा चेहरा बनारस के लिए तय होगा, जिसके पीछे हम लोग सब लगकर यहां पर भी प्रधानमंत्री को कड़ी चुनौती देंगे. वहीं उन्होंने राहुल गांधी को लेकर पीएम मोदी की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि जिन शब्दों का प्रयोग पीएम ने किया वह कहीं न कहीं प्रधानमंत्री पद की गरिमा को शोभा नहीं देता है.

राहुल पर टिप्पणी को लेकर कसा तंज: उनका कहना है कि, राहुल गांधी ने बनारस के सारे नौजवानों को नशेड़ी नहीं कहा है. अगर प्रधानमंत्री जी के पास इस तरह के आधिकारिक सूचनाएं हैं कि बनारस में नशा का ये जाल बढ़ रहा है, नौजवानों को नशे की तरफ ज्यादा खींचा जा रहा है तो उनको इसके रोकथाम के लिए उपाय निकालना चाहिए. इस बारे में भी सोचना चाहिए कि नौजवान नशे की तरफ क्यों जा रहे हैं. पिछले 10 साल में नए रोजगार के जो जरिए होने चाहिए थे पूर्वांचल और बनारस में वे शायद नहीं हुए हैं. जो नौजवानों को सही दिशा और दशा देने की शिक्षा नीति होनी चाहिए थी हो सकता है कि वह बनारस में सुचारु रूप से नहीं चल रही हो.

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