रामनगर: कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत प्रशासनिक अमले के साथ बाढ़ प्रभावित ग्राम चुकुम पहुंचे. इसी बीच उन्होंने इस गांव में स्थित नदी से होने वाली बरसात के दौरान ग्रामीणों की समस्याओं को मौके पर सुना. इसके बाद उन्होंने सिंचाई विभाग और वन विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों की परेशानियां दूर करने के निर्देश दिए.
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश के बाद इस गांव में रहने वाले ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान को लेकर उनके द्वारा यह निरीक्षण किया गया है. उन्होंने बताया कि इस गांव के बीचों-बीच बहने वाली नदी से बरसात के दौरान ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही कई लोगों की जमीन भी पूर्व में बह चुकी है.
दीपक रावत ने कहा कि कुछ लोगों की बरसात में नदी में जमीन बहने के बाद ये ग्रामीण अन्य सरकारी जमीनों पर रह रहे हैं. जिससे उनकी मांग है कि सरकार की विस्थापन योजना के तहत जमीन दिलाई जाए. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को रामनगर तहसील के अंतर्गत अन्य सरकारी जमीन उपलब्ध कराई जाएगी, जिसको लेकर आज ग्रामीणों से उनकी इस मांग को लिखित रूप में लिया गया है.
दीपक रावत ने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा जो योजना बनाई गई है, उसके बाद नदी का पानी गांव में नहीं जाएगा और ग्रामीण भी सुरक्षित रहेंगे. साथ ही कमिश्नर ने सुंदरखाल का भी निरीक्षण करते हुए वहां के ग्रामीणों की समस्या सुनी और समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया. इस दौरान राजस्व विभाग के साथ ही सिंचाई एवं वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.
बता दें कि सिंचाई विभाग द्वारा उक्त गांव में नदी का पानी ग्रामीण इलाके में ना जाने को लेकर 3 करोड़ 70 लाख रुपए की एक योजना बनाई गई थी. जिसकी सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. कमिश्नर ने इस मामले में मौजूद सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नदी में शीघ्र कार्य कराने के निर्देश दिए हैं.
ये भी पढ़ें-