कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में अब मौसम साफ होने के बाद बंद सड़कों को बहाल करने का काम शुरू कर दिया गया है. वहीं, BRO के द्वारा भी लाहौल से लेकर जांस्कर घाटी की सड़क से बर्फ हटाने के काम में तेजी लाई है. ऐसे में घाटी में मौसम साफ रहा तो अब मौसम साफ रहा तो मार्च के अंत तक जांस्कर घाटी मनाली से जुड़ जाएगी. मनाली लेह सड़क मार्ग में शिंकुला दर्रा की बहाली को जारी रखते हुए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के डोजर बर्फ हटाते हुए पलमो से आगे समदो पहुंच गए हैं. हालांकि बीआरओ ने 14 फरवरी को दारच्चा-पहुम सड़क बहाल कर रिकार्ड बना दिया था, लेकिन उसके दो दिन बाद ही हिमपात शुरू हो गया.
15 फरवरी को लेह लद्दाख से कारगिल होते हुए पांच वाहन मनाली पहुंच गए थे. वाहन चालक लोगों को मनाली पहुंचाकर 16 फरवरी की सुबह ही लौट गए थे. अब जांस्कर के मनाली से जुड़ते ही लेह लद्दाख के लोग वाया कारगिल मनाली आ-जा सकेंगे. इसके अलावा बीआरओ ने मनाली-सरचू मार्ग बहाली भी शुरू कर दी है. इस सड़क के अप्रैल के अंत तक बहाल होने की उम्मीद है, लेकिन शिंकुला के सड़क से जुड़ने के बाद जांस्कर घाटी का मनाली के लिए सफर बहुत ही सुगम हुआ है.
'मौसम ने दिया साथ तो 2 हफ्ते में जांस्कर घाटी को मनाली से जोड़ देंगे'
बीआरओ योजक परियोजना के निदेशक विकास गुलिया ने कहा कि मौसम ने साथ दिया तो दो सप्ताह के भीतर जांस्कर घाटी को मनाली से जोड़ देंगे. इस मार्ग पर कुछ जगह सड़क चौड़ी करने का काम चल रहा है, जिसके पूरा होते ही भारतीय सेना के लिए कारगिल सरहद में पहुंचना आसान हो जाएगा.
शिंकुला से जांस्कर घाटी होते हुए कारगिल की दूरी 634 KM
गौर रहे कि आपात स्थिति में यह मार्ग सबसे सुरक्षित है. पहले कारगिल पहुंचने के लिए सरचू-लेह व कारगिल तक 885 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी. अटल टनल रोहतांग से दूरी 830 किलोमीटर रह गई है. अब शिंकुला से जांस्कर घाटी होते हुए कारगिल की दूरी 634 किलोमीटर ही रह गई है. जांस्कर घाटी के लोगों को पहले कारगिल, लेह व सरचू होते हुए चार दिन का सफर करना पड़ता था. अब शिंकुला होते हुए सफर कुछ ही घंटों का रह गया है.
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