आराः बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले समाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भवेश समाज के सबसे निचले पायदन पर रहने वाले मुसहर जाति के लिए काम करते हैं. उन्हें शिक्षा और अधिकारों को लेकर जागरूक कर रहे हैं. सरकारी योजनाओं के बारे में उन तक जानकारियां पहुंचाते हैं. उन्हें उनके आर्थिक और सामाजिक उत्थान की बात समझाते हैं.
पीएम मोदी ने की भीम सिंह की तारीफः बीते रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब मन की बात में मुसहर जाति का जिक्र किया तो उन्होंने आरा के भीम सिंह भवेश का नाम भी लिया. प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में भोजपुर के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी भीम सिंह भवेश के कामों की सराहना की. जिसके बाद हर कोई इस दलित के मसीहा के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो गया कि आखिर कौन है, भीम सिंह भवेश? जिनके पीएम मोदी भी मुरीद हो गए.
2003 से कर रहें मुसहर समाज की सेवाः हमारे ईटीवी भारत के संवाददाता ने भीम सिंह भवेश बातचीत की और और उनसे जानने की कोशिश की कैसे वो मुसहर समाज के लिए आगे आए और कब से उनके लिए काम कर रहे हैं. ईटीवी से बातचीत में भीम सिंह भवेश ने बताया कि रिपोर्टिंग के दौरान जब 2003 में आरा के जवाहर टोला स्थित एक मुसहर टोली में गया तो वहां की स्थिति और दुर्दशा देखकर बड़ा दुख हुआ. इसके बाद से ही उन्होंने मुसहर समाज की सेवा और उत्थान के लिए काम करने का प्रण लिया.
प्रधान मंत्री मोदी का आभार व्यक्त कियाः भीम सिंह का कहना है कि वो इस समाज के लिए तब तक काम करते रहेंगे जब तक इन्हें मूलभूत सारी सुविधाएं नहीं मिल जाती. शिक्षा के क्षेत्र से उनका जब तक पूरी तरह जुड़ाव ना हो जाये, तब तक उनका ये कार्य जारी रहेगा. उन्होंने प्रधान मंत्री मोदी का भी अभार वयक्त किया, जिन्होंने अपने मन की बात में उनके कामों की सराहना करके उन्हें उर्जा देने का काम किया.
"2003 में जिले के 9 अलग-अलग टोलों में गए और धीरे-धीरे हमारा कारवां बढ़ता रहा. इस दौरान नई आशा नाम का एक संगठन बनाया. जिसके जरिए मुसहरों के उत्थान के लिए काम कर रहा हूं. मन की बात कार्यक्रम में मेरी सराहना हुई है, मेरे लिए ये ऊर्जा बढ़ाने जैसा है. हम आगे अपना कार्य तब तक जारी रखेंगे जब तक मुसहर समाज मुख्य धारा से नहीं जुड़ जाता"- भीम सिंह भवेश, समाजिक कार्यकता
मुसहर समुदाय के हक की लड़ाई लड़ रहे भीम: दरअसल बिहार में मुसहर जाति को हमेशा से हाशिये पर देखा गया है. इस जाति का पिछड़ापन इनकी दुर्दशा की सबसे बड़ी वजह है. यही कारण है कि मुसहर समुदाय को अब तक बिहार में वो पहचान नहीं मिल पाई है, जिसके वो हकदार हैं, लेकिन आरा के भीम सिंह भवेश जो पेशे से पत्रकार भी हैं, उन्होंने इस समुदाय के लिए बड़ी लड़ाई लड़ी है. उनके हक और अधिकारों के लिए काम कर रहे है. उनकी पढ़ाई और अच्छी जीवन शैली के लिए काम करते हैं और कहते हैं कि आगे भी ये नरंतर जारी रहेगा.
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